महात्मा ज्योतिबा फुले की विचारधारा की ओर अग्रसर हरियाणा सरकार- मुख्यमंत्री सैनी

Edited By Yakeen Kumar, Updated: 28 Nov, 2024 09:02 PM

haryana government moving towards the ideology of mahatma jyotiba

आज महान समाज सुधारक ज्योतिबा फुले की पुण्यतिथि थी। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी ने ज्योतिबा फुले की पुण्यतिथि पर नमन किया। नमन करते हुए सीएम ने कहा कि..

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : आज महान समाज सुधारक ज्योतिबा फुले की पुण्यतिथि थी। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी ने ज्योतिबा फुले की पुण्यतिथि पर नमन किया। नमन करते हुए सीएम ने कहा कि फुले सामाजिक क्रांति के अग्रदूत, महान समाज सुधारक, विचारक, वंचितों, शोषितों एवं महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले अद्वितीय संत थे।

हरियाणा सरकार भी महात्मा फुले की विचारधारा की ओर अग्रसर- सीएम 

सीएम ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले का योगदान आज भी प्रेरणा का स्रोत है। उनके द्वारा किए गए सुधार कार्य  समाज में समानता और स्वतंत्रता के विचार को मजबूत करते हैं। महात्मा फुले के दिखाए हुए रास्ते पर आगे बढ़ते हुए हरियाणा सरकार भी लगातार अंत्योदय के भाव के साथ गरीबों और वंचितों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए निरन्तर अग्रसर है। महात्मा फुले की महिला शिक्षा की सोच को आगे बढ़ाते हुए हरियाणा सरकार राज्य में महिला शिक्षा को सुदृढ़ करते गए बेटियों के लिए अनेक सुविधाएं एवं योजनाएं लागू की हैं ताकि किसी को शिक्षा ग्रहण करने कोई परेशानी आड़े न आए। 

ये भी जानें महात्मा फुले के बारें में

ज्योतिबा फुले (1827-1890) भारत के एक महान समाज सुधारक, विचारक और लेखक थे। उन्हें "महात्मा फुले" के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने समाज में व्याप्त जाति व्यवस्था, महिलाओं की शिक्षा, और सामाजिक असमानताओं के खिलाफ संघर्ष किया।
 प्रारंभिक जीवन 
ज्योतिबा फुले का जन्म 11 अप्रैल 1827 को महाराष्ट्र के सतारा जिले के कटगुण गांव में हुआ था।
समाज सुधार कार्य

महिलाओं की शिक्षा

ज्योतिबा और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले ने महिलाओं और दलितों की शिक्षा के लिए पहला स्कूल पुणे में खोला। उस समय समाज में महिलाओं को शिक्षा से वंचित रखा जाता था, लेकिन ज्योतिबा ने इस परंपरा को तोड़ते हुए महिलाओं की शिक्षा को प्राथमिकता दी।

सत्यशोधक समाज

1873 में ज्योतिबा फुले ने "सत्यशोधक समाज" की स्थापना की। इसका उद्देश्य समाज से जाति-प्रथा और धार्मिक अंधविश्वासों को समाप्त करना था।

सामाजिक समानता का संदेश

उन्होंने जातिवाद और सामाजिक शोषण के खिलाफ आवाज उठाई। बाल विवाह जैसी कुरीति के प्रति जागरूक किया।

ज्योतिबा फुले का जीवन समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने के लिए समर्पित था। उन्होंने शिक्षा, महिला अधिकार, और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में क्रांतिकारी कार्य किए। उनके प्रयासों से समाज में जागरूकता आई और परिवर्तन की लहर दौड़ी।


 

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