नारा गांव में लगा दादी सती का भव्य मेला, जानिए इसका इतिहास और मान्यता

Edited By Ajay Kumar Sharma, Updated: 16 Sep, 2023 09:08 PM

grand fair of dadi sati organized in nara village know its history and belief

हर साल की तरह इस बार भी पानीपत जिले के गांव नारा में वार्षिक दादी सती के मेले का आयोजन किया गया। दादी सती के मेले में लोग रात करीब 12 बजे से दादी सती के भव्य मंदिर में पूजा अर्चना करने में जुटे हुए हैं। दादी सती के मेले में पूरा गांव सजा हुआ है तो...

पानीपत(सचिन): हर साल की तरह इस बार भी पानीपत जिले के गांव नारा में वार्षिक दादी सती के मेले का आयोजन किया गया। दादी सती के मेले में लोग रात करीब 12 बजे से दादी सती के भव्य मंदिर में पूजा अर्चना करने में जुटे हुए हैं। दादी सती के मेले में पूरा गांव सजा हुआ है तो वहीं दादी सती का मंदिर भी भव्य तरीके से सजाया गया।  दादी सती के मेले में भंडारे का आयोजन भी किया गया। इस भव्य मेले में और दादी सती की पूजा अर्चना करने के लिए जहां नारा गांव के ग्रामीण सुबह से पूजा अर्चना कर रहे हैं तो वहीं आसपास के दर्जनों गांव के लोग दादी सती के मंदिर में आकर पूजा अर्चना कर रहे हैं और दादी सती का आशीर्वाद ले रहे हैं।

PunjabKesari

दादी सती का आर्शीवाद लेने पहुंची इनेलो नेत्री सुनैना चौटाला

इतना ही नहीं दादी सती की मान्यता को देखते हुए इनेलो नेत्री सुनैना चौटाला भी दादी सती के मंदिर में आशीर्वाद लेने पहुंची और महिलाओं के बीच जाकर भंडारे में प्रसाद चखा। उन्होंने कहा कि हरियाणा में दादी सती के प्रति बड़ी आस्था है और वह भी आस्था के चलते मंदिर में आशीर्वाद लेने पहुंची है। सुनैना चौटाला ने कहा कि मंदिर में आने का सबसे खास कारण यह था की दादी सती का बुलावा था। इसलिए उन्होंने आज यहां आकर मत्था टेक कर दादी सती से आशीर्वाद लिया साथ ही उन्होंने दादी सती की तुलना सीता मैया से करते हुए कहा कि जिस तरीके से सीता मैया अग्नि परीक्षा से गुजरी थी उसी तरीके से दादी सती भी अग्नि परीक्षा से गुजरी है उनको यहां आकर आत्मिक शांति का एहसास हुआ।

PunjabKesari

ऐतिहासिक मेले में राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पवार भी पहुंचे

वहीं दादी सती के ऐतिहासिक मेले में पांच बार विधायक परिवहन मंत्री रह चुके और अब मौजूदा में राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पवार भी दादी सती का आशीर्वाद लेने पहुंचे इस बीच कृष्ण लाल पवार ने दादी सती के भव्य मंदिर में पहुंचकर माथा टेका और ग्रामीणों से मिले साथी कृष्ण लाल पवार ने दादी सटीक परिसर में ग्रामीणों के साथ बैठकर पहले दूध पिया और फिर भंडारे का प्रसाद चक्र कृष्ण लाल पवार ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वह हर साल मेले में ही नहीं वैसे भी दादी सती के मंदिर में बिन बुलाए पहुंच जाते हैं और उन पर दादी सती की विशेष कृपा रही है जिसके चलते ही वह पांच बार विधायक बने मंत्री बने और आज राज्यसभा के सांसद भी उन्हीं की कृपा से बने हैं इसी दौरान कृष्ण लाल पवार ने अपने सांसद निधि फंड से 11 लख रुपए नारा गांव की ग्राम पंचायत के खाते में भंडारे के होल के लिए जारी किए।

 

कौन है दादी सती और  क्या है उनका इतिहास?

दादी सती का इतिहास करीब 750 साल पुराना है दादी सती कमेटी के प्रधान तेजवीर खर्ब ने जानकारी देते हुए बताया कि करीब 750 साल पहले दादी सती गांव नारा में चूहड़ सिंह के साथ शादी करके आई थी। दादी सती का असली नाम बरनी देवी है और वह उत्तर प्रदेश के सिसौली गांव में उनका मायका है। ग्रामीणों ने बताया की करीब 750 साल पहले देश में मुसलमान का राज था। जिस दौरान किसी बात को लेकर मुसलमान ने दादी सती बरनी देवी के पति चूहड़ सिंह कि मुसलमान ने बेरहमी से हत्या कर दी थी। इसके बाद पतिव्रता दादी सती बरनी देवी सन् 1399 में अपने पति की चिता में सती हो गई थी। उसके बाद ग्रामीणों ने गांव में शांति कायम रखने के लिए दादी सती के छोटे से मंदिर का निर्माण करवाया और हर साल छोटे से स्तर पर मेले का भी आयोजन किया जाने लगा।

 

ये है दादी सती की मान्यता

दादी सती के मंदिर में आकर पूजा अर्चना करने वाले हर व्यक्ति की मनोकामना पूर्ण करती है। वहीं गांव की यह भी मानता है कि जो गांव की बेटी शादी के बाद पहला बच्चा होने पर पूजा अर्चना करने के लिए जरूर आती हैं। ताकि उन्हें किसी बीमारी से ना गुजरना पड़े। पूजा अर्चना के बाद बच्चे को कोई भी शुरुआती दौर में बीमारी नहीं होती है। उसे पर दादी सती की विशेष कृपा रहती है।

 

दादी सती के दरबार बडे़-बड़े राजनेता टेक चुकें हैं मत्था

वहीं गांव के सरपंच ने कहा हर साल लगने वाले दादी सती के मेले में मैं सिर्फ गांव के लोग पहुंचते हैं, बल्कि जो गांव के लोग बाहर दूर शहरों में दूसरे राज्यों में रह रहे हैं। मेले पर वह लोग भी पहुंचते हैं। वहीं उन्होंने कहा कि दादी सती में पहुंचने वाले हर व्यक्ति की मनोकामना पूर्ण करती है।  उन्होंने कहा यहां बड़े-बड़े राजनेता भी अपनी श्रद्धा से बिना बुलावे बिना किसी निमंत्रण के यहां पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि यहां कृष्ण लाल पवार से लेकर प्रदेश के सीएम मनोहर लाल खट्टर और प्रदेश के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी दादी सती में आकर मत्था टेक चुके हैं।

वहीं कमेटी के प्रधान तेजवीर खराब ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बार इनामी दंगल में पहला इनाम 51 हजार रुपए, दूसरा इनाम 31000 रुपए और तीसरा इनाम ₹21000 रखा गया है। साथ ही चौथा इनाम 11000 रुपए रखा गया है। उन्होंने बताया कि 5100 से लेकर 3100,2100,1100 की दर्जनों कुश्ती करवाई जाती हैं। तेजबीर खर्ब ने जानकारी देते हुए बताया की दादी सती के मेले में करीब 20 हजार लोग एकत्रित होते है। जिसको लेकर सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं उन्होंने दादी सती के मेले के लिए सुरक्षा के लिए हाथ से पुलिस की तैनाती भी करवाई है जहां अब दादी सती के मेले में शांतिपूर्ण तरीके से सब कुछ चल रहा है।

      (हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)

 

 

 

 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!