आंदोलन की आड़ में मौलिक अधिकार छीन रही सरकार, ढांडा बोले- तन मन धन से करेंगे अन्नदाता की सेवा

Edited By Manisha rana, Updated: 12 Feb, 2024 06:12 PM

government snatching fundamental rights under the guise of movement

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने सोमवार को चंडीगढ़ में पार्टी ऑफिस से प्रेस वार्ता की। उन्होंने कहा कि आज के हालातों को देखते हुए देश तानाशाही की तरफ बढ़ रहा है। संविधान में प्रत्येक भारतीय को छह मौलिक अधिकार दिए गए हैं।

चंडीगढ़: आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने सोमवार को चंडीगढ़ में पार्टी ऑफिस से प्रेस वार्ता की। उन्होंने कहा कि आज के हालातों को देखते हुए देश तानाशाही की तरफ बढ़ रहा है। संविधान में प्रत्येक भारतीय को छह मौलिक अधिकार दिए गए हैं। 19(1) बी हमें इस बात की गारंटी देता है कि हम अपनी बात रखने के लिए कहीं भी इकट्ठा हो सकते हैं। खट्टर सरकार के नुमाइंदों जिस तरीके से किसान आंदोलन में शामिल होने वाले किसानों के खिलाफ गांव गांव में जाकर चेतावनी दी है, वो तानाशाही के तरफ इशारा करती है।

आप नेता ने कहा कि गांव में जाकर सरकार के नुमाइंदों ने घोषणा की है कि जो भी किसान आंदोलन में शामिल होगा, उसके पासपोर्ट को रद्द कर दिया जायेगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ये सरासर मौलिक अधिकारों का हनन है। जब कोई आंदोलन या विरोध प्रदर्शन हुआ ही नहीं तो पहले ये सरकार कैसे घोषणा कर सकती है कि इस विरोध प्रदर्शन में शामिल न लें। उन्होंने हरियाणा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कल को विपक्ष की रैली होगी तो उसमें शामिल होने से मना करने की घोषणा होगी। इसमें शामिल होने से शांति भंग हो सकती है। ये सीधे लोकतंत्र पर प्रहार किया जा रहा है। 1972 में सुप्रीम कोर्ट ने हिम्मत लाल बनाम पुलिस कमिश्नर बॉम्बे के केस ने साफ कहा था कि पब्लिक मीटिंग या विरोध प्रदर्शन पर पूर्ण रूप से बैन नहीं लगाया जा सकता। कोई भी सरकार ऐसा नहीं कर सकती। 

अनुराग ढांडा ने कहा कि दूसरा हमारा मौलिक अधिकार स्वतंत्र रूप से घूमने का है। 19(1) डी हमें ये अधिकार देता है कि हम देश के किसी भी हिस्से में स्वतंत्र रूप से घूम फिर सकते हैं। केंद्र और प्रदेश सरकार ने इस मौलिक अधिकार को भी छीनने का काम किया है। हाईवे ब्लॉक कर दिए गए हैं, नेशनल हाईवे को बंद कर दिया जा रहा है। 75 सालों की तरक्की को रोकने का काम किया जा रहा है। लोगों का मौलिक अधिकार छीना जा रहा है। जो लोग न तो आंदोलन का हिस्सा है, न सरकार का हिस्सा हैं। उन करोड़ों लोगों को परेशान किया जा रहा है। रोड ब्लॉक करके आम जनता को को परेशान किया जा रहा है। खट्टर सरकार ने रोड ब्लॉक लगातार आवाजाही के अधिकार का हनन किया है। 

ढांडा ने कहा की खट्टर सरकार ने साजिश के तहत सड़कों को बंद करने का काम किया है। सरकार हमारा मौलिक अधिकार छीन रही है। इसके बाद बीजेपी के नेता कहेंगे कि किसान आंदोलन को लेकर सड़कों को ब्लॉक किया जा रहा है। 10 फरवरी से स्टेट हाईवे बंद करने का काम किया जा रहा है। कल एचसीएस प्री की परीक्षा संपन्न हुई है। अंबाला में 11 हजार 184 परीक्षार्थी पंजीकृत थे, इनमें से 4432 परीक्षा देने पहुंचे। 60 प्रतिशत परीक्षार्थी एचसीएस का एग्जाम देने के लिए जा ही नहीं पाए। इस परीक्षा में 121 पदों के लिए 87 हजार आवेदन आए थे। इनमें से 50 हजार परीक्षा देने नहीं जा सके। वहीं मेडिकल कारणों से लोगों को आवाजाही करनी पड़ती है। बिजनेस के लिए आना जाना पड़ता है। पारिवारिक कारणों के लिए जाना पड़ता है। क्या सरकार सही मायने में तानाशाही की तरफ बढ़ रही है?

अनुराग ने कहा कि किसान की मांगों का सरकारों को भी पता है। किसान कोई आसमान से तारे नहीं मांग रहे हैं ? किसानों की दो प्रमुख मांगों में पहली मांग एमएसपी कानून की गारंटी है। मोदी सरकार ने दो साल पहले विश्वास दिलाया था कि एमएसपी कानून को लागू करेंगे। दूसरी मांग कर्ज माफी की थी। मोदी सरकार ने कुछ 100 बिजनेसमैन का 13 लाख करोड़ रुपए माफ किया था तो 16 करोड़ किसानों का कर्जा माफ क्यों नहीं किया जाता। पहले भी एक साल से ज्यादा तक सड़क पर किसान बैठे थे। आम जनता के मौलिक अधिकारों का हनन आम आदमी पार्टी नहीं होने देगी। देश में तानाशाही तंत्र नहीं चलने दिया जाएगा। आम आदमी पार्टी किसानों की मांगों का समर्थन करती है। आम आदमी पार्टी तन मन धन से किसानों की सेवा करने का काम करेगी। 

उन्होंने कहा की हरियाणा सरकार ने पंजाब से लगते क्षेत्रों में खाली स्टेडियम को खुली जेल बनाने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि हर किसी में अरविंद केजरीवाल जितना जिगरा नहीं होता, जिन्होंने पिछले किसान आंदोलन में दिल्ली के स्टेडियम को जेल बनाने की इजाजत मांगने पर कहा था कि चाहे पद चला जाए, जान चली जाए। स्टेडियम को जेल नहीं बनने दिया जाएगा। ये एक मजबूत मुख्यमंत्री की निशानी है। दूसरी तरफ मनोहर लाल खट्टर हैं जो कमजोर मुख्यमंत्री है, जिनको पता है किसान आज संकट में है, लेकिन अपने आकाओं के सामने घुटने टेक दिए। उन्होंने कहा अन्नदाता बंजर जमीन से भी सोना उगाने का मादा रखते हैं ये सरकार की गीदड़ भभकियों से नहीं डरते। किसानों की मजबूत आवाज केंद्र सरकार तक पहुंचाने और सालों से चली आ रही किसानों की मांग को पूरा करना चाहिए। वहीं प्रदेश सह सचिव गुरपाल सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को आतंकवादी घोषित करने पर उतारू है, जबकि कोरोना के समय देश की अर्थव्यवस्था को किसानों ने ही संभाला था। केंद्र सरकार किसानों को नजरअंदाज करने में लगी है। खट्टर सरकार ने पंजाब हरियाणा बॉर्डर को भी भारत पाकिस्तान का बॉर्डर बनाने का काम किया है। केंद्र सरकार जल्द से जल्द किसानों की मांगों को पूरा करने का काम करे। 

जिला प्रधान पंचकूला रणजीत उप्पल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने सड़कों को बंद करने का काम किया है। लोग जब सड़कें जाम करने का काम करते हैं तो उन पर पर्चा दर्ज कर लिया है, लेकिन सरकार ने जब रोड जाम किया इनपर भी कार्रवाई होनी चाहिए।

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