हरियाणा में विश्वविद्यालयों की ग्रांट बंद करने का फैसला तुरंत वापिस ले सरकार : दीपांशु बंसल

Edited By Isha, Updated: 22 Jun, 2023 02:00 PM

government should immediately withdraw the decision to stop grants

हरियाणा सरकार ने एक नया फरमान जारी करते हुए हरियाणा के विश्वविद्यालयों को ग्रांट बंद करने का फैसला किया है जिसके विरोध में कांग्रेस छात्र इकाई एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रवक्ता दीपांशु बंसल एडवोकेट ने इस फैसले की कड़ी शब्दो में निंदा करते हुए इसे सरकार...

चंडीगढ़(चन्द्र शेखर धरणी): हरियाणा सरकार ने एक नया फरमान जारी करते हुए हरियाणा के विश्वविद्यालयों को ग्रांट बंद करने का फैसला किया है जिसके विरोध में कांग्रेस छात्र इकाई एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रवक्ता दीपांशु बंसल एडवोकेट ने इस फैसले की कड़ी शब्दो में निंदा करते हुए इसे सरकार का छात्र विरोधी फैसला बताया है।साथ ही कहा कि सरकार का यह दोहरा मापदंड पूंजीपतियों को सीधे तौर पर फायदा पहुंचाएगा जिससे मध्यम और गरीब वर्ग का छात्र हायर एजुकेशन से वंचित होगा।हरियाणा सरकार द्वारा सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति और कुल सचिव को जारी पत्र में विश्व विद्यालयो द्वारा खुद अपने स्रोतों से अपने खर्चे चलाने के तुगलकी फरमान से छात्रों में भारी रोष है।सरकार के इस फैसले से प्रदेश सरकार की ओर से अब विश्व विद्यालयों को कोई भी ग्रांट नहीं मिलेगी।हालाकि सरकारी की ओर से ये पत्र जारी होने के बाद सभी विवि व कॉलेजों के छात्रों के साथ शिक्षकों व गैर शिक्षकों में विरोध भी शुरू हो गया है। 

दीपांशु बंसल का कहना है कि जहां तो एक तरफ प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री मनोहर लाल पंजाब विश्वविद्यालय में ग्रांट और फंड देकर हरियाणा का हिस्सा डालने का प्रपंच रचते हुए एक राजनीतिक मुद्दा बनाने में जुटे है वही हरियाणा के ही विश्वविद्यालयों में ग्रांट बंद करके दोहरा मापदंड अपना रहे है जिसने हरियाणा सरकार के छात्र विरोधी चेहरे की पोल खोल दी है।इसके साथ ही हरियाणा के छात्रों को झूठे वायदे देकर सत्ता में आसीन हुई जजपा और दुष्यंत चौटाला का भी छात्रविरोधी चेहरा प्रदेश के युवाओं और छात्रों के समक्ष आ गया है। 

दीपांशु बंसल ने बताया कि यह पत्र इस सरकार की इस मानसिकता को बताता है कि सरकार पब्लिक फंडेड एजुकेशन को बर्बाद करने पर तुली है चाहे वह स्कूली शिक्षा हो कॉलेज शिक्षा हो या फिर विश्वविद्यालयों की हायर एजुकेशन हो।सरकार का यह कदम सरकारी विश्वविद्यालयों को पूंजीपतियों के हाथों में देने का एक नया कदम है। इससे गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार अपने बच्चों को सरकारी विश्वविद्यालयों में सस्ती और बढ़िया, सबसे ज्यादा क्वालिफाइड शिक्षकों से नहीं दिलवा पाएंगे। राष्ट्रीय प्रवक्ता दीपांशु बंसल एडवोकेट ने कहा कि हरियाणा सरकार का यह कदम इसलिए भी घातक है कि सरकार लाखों करोड़ों रुपए हर साल टैक्स के रूप में और सेस के रूप में इकट्ठा करती है लेकिन जब सामाजिक सरोकार की बातें जैसे मेडिकल सुविधा और सस्ती और बढ़िया हायर एजुकेशन देने की बात है तो सरकार दोहरे मापदंड अपना रही है। इससे सरकार की मंशा साफ होती है कि सरकार सस्ती लेबर अपने वफादार इंडस्ट्री लिस्ट दोस्तों के लिए तैयार करने की राह पर है।यह एक और घातक प्रहार सरकार की तरफ से विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता पर भी है।

 

 

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!