सरकारी कर्मियों को लॉकडाउन में लिया यात्रा भत्ता करना पड़ेगा वापस, जानिए क्यों

Edited By Isha, Updated: 25 Apr, 2020 02:46 PM

government personnel taken in lockdown will have to take travel allowance back

केंद्र सरकार के कर्मियों पर कोरोना की लड़ाई का अच्छी खासी मार पड़ रही है। पहले इन कर्मियों के महंगाई भत्ते पर रोक लगाई गई। पहली तिमाही में एलटीए,पदोन्नति का एरियर,एडवांस, लीव इनकैशमेंट,मे

चंडीगढ़(धरणी)- केंद्र सरकार के कर्मियों पर कोरोना की लड़ाई का अच्छी खासी मार पड़ रही है। पहले इन कर्मियों के महंगाई भत्ते पर रोक लगाई गई। पहली तिमाही में एलटीए,पदोन्नति का एरियर,एडवांस, लीव इनकैशमेंट,मेडिकल सुविधा (आपातकालीन स्थिति के अलावा) एवं दूसरे कई तरह के खर्च पर पाबंदी लग चुकी है। अब कहा जा रहा है कि लॉकडाउन पीरियड में किसी ने यात्रा भत्ता ले लिया है,तो उसे वापस करना होगा। मतलब,सरकार के आदेश जारी होने से पहले किसी विभाग ने ये भत्ता जारी किया है तो उसे वह राशि रिकवर करनी पड़ेगी। शिपिंग मंत्रालय ने तो आदेश भी जारी कर दिए हैं। केंद्र के बाद अब राज्य भी इस उधेड़बुन में जुट गए हैं कि कोरोना की लड़ाई में सरकारी कर्मियों की किन सुविधाओं पर कैंची चलाई जाए।

राज्यों में महंगाई भत्ते,सरकारी यात्रा में कटौती, एरियर,अग्रिम भुगतान, लेन-देन आदि पर रोक लगाई जा सकती है। कुछ राज्यों में इन खर्चों की एक सीमा निर्धारित करने की तैयारी भी चल रही है। भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ शिपिंग यानी पोत परिवहन मंत्रालय ने अपने कर्मियों के लिए आदेश जारी किया है कि अब किसी को भी यात्रा भत्ता नहीं मिलेगा। हालांकि यह बात लॉकडाउन के संदर्भ में कही गई है।आदेश में सरकारी गाइडलाइंस का हवाला देते हुए बताया गया है कि लॉकडाउन में किसी को भी यात्रा भत्ता नहीं दिया जाएगा। यदि किसी ने लिया है तो वापस करना पड़ेगा।

केंद्र सरकार के एक अधिकारी का कहना है कि  अब सभी विभागों में यह व्यवस्था की जा रही है कि आगामी तीन-चार महीनों तक अधिकांश विभागों के सरकारी खर्च पर रोक लगा दी जाए।ओटीए,एफटीई,विभाग के छोटे कामकाज और आईटी से जुड़े किसी योजना पर कुछ खर्च करना है, तो उसके लिए विभागाध्यक्ष की मंजूरी लेनी पड़ेगी। नए बिलों के अलावा घरेलू यात्रा खर्च को भी पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है।

हरियाणा में हो रही सूची तैयार
हरियाणा सरकार के एक अधिकारी बताते हैं कि अभी खर्च कटौती की लिस्ट तैयार हो रही है। अमूमन आप यह मान कर चलें कि डीए, यात्रा भत्ता, एडवांस और पुराने बिलों का भुगतान आदि कम करने या उन्हें कुछ समय के लिए रोकने पर विचार हो रहा है। हालांकि इस मामले में केंद्र सरकार को अनुसरण किया जाएगा। हर माह एक दिन का वेतन या उसका 10-15 फीसदी हिस्सा प्रतिमाह काटा जा सकता है। हरियाणा के शिक्षा विभाग में तो पहले ही स्टाफ का दस फीसदी हिस्सा काटा जा चुका है।

केंद्र सरकार में वित्त विभाग के एक अधिकारी ने कहा,अधिकांश राज्यों में सरकारी कर्मियों का वेतन या भत्तों पर कोरोना का असर देखने को मिलेगा। इस संदर्भ में एक गोपनीय पत्र राज्यों को भेजा जा रहा है। इसमें खर्च को कम कैसे किया जाए और कितने समय तक कर्मियों के वेतन भत्ते रोके जाएं,इन बातों का उल्लेख है। ये पत्र केवल एक सलाह के तौर पर रहेगा। इसमें यह भी लिखा होगा कि स्थिति सामान्य होने के बाद किस तरह के कर्मियों की रोकी गई सुविधाओं और वेतन भत्तों को वापस किया जाए।

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