Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 08 Jul, 2024 08:13 PM
गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण यानी जीएमडीए के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आज हड़ताल पर चले गए। यह वही विभाग है जिसके मुखिया स्वयं प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं।
गुड़गांव, (ब्यूरो): गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण यानी जीएमडीए के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आज हड़ताल पर चले गए। यह वही विभाग है जिसके मुखिया स्वयं प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। इस विभाग में विभिन्न विभागों से अधिकारियों को तो उधार लिया ही गया है वहीं, कर्मचारियों की पोस्ट भी सेंशन नहीं है। यही कारण है कि इन कर्मचारियों की पिछले तीन महीने से सेलरी रुकी हुई है। यह वह कर्मचारी हैं जिन्हें जीएमडीए से ट्रांसफर कर फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण में भेजा गया है।
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कर्मचारियों को हर साल मिलने वाली वेतन बढ़ाेतरी भी इस बार नहीं दी गई है। कर्मचारियों की मानें तो पिछले करीब छह साल में एक बार ही वेतन बढ़ोतरी कर यह कह दिया गया है उन्हें दिया जा रहा वेतन काफी अधिक है। ऐसे में अब कर्मचारियों को अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि अधिकारियों ने 10 जुलाई को बात करने के लिए कहा है। अगर इस दौरान उनकी समस्या का समाधान नहीं निकाला गया तो वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
आपको बता दें कि साल 2018 में जीएमडीए का गठन किया गया था। इसे शहर के प्रमुख कार्यों को पूरा करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। बेहतर कार्य के साथ शहर का विकास हो पाए इसके लिए इसमें चुनिंदा अधिकारियों को लगाया गया था, लेकिन यह अधिकारी भी वह हैं जो वर्षों पहले रिटायर हो चुके हैं। कई अधिकारी तो ऐसे हैं जिनकी जॉब एक्सटेंशन की उम्र भी बीत चुकी है, लेकिन सिफारिश के दम पर यह अब तक विभाग में अपना दबदबा कायम किए हुए हैं और सरकार से वेतन के रूप में लाखों रुपए ले रहे हैं।
इसके अलावा अन्य अधिकारियों को भी दूसरे विभागों से उधार लिया हुआ है, लेकिन जब बात कर्मचारियों के वेतन की आती है तो सरकार यह कहकर उनकी फाइल वापस भेज देती है कि उनकी पोस्ट सेंशन ही नहीं है। कर्मचारियों के लिए जीएमडीए ने कोई सर्विस रूल नहीं बनाए हैं। सूत्रों की मानें तो यह रूल भी उन्हीं अधिकारियों ने बनाने हैं जिन्हें रिटायरमेंट के बाद भी वर्षों से एक्सटेंशन देकर जीएमडीए में सेवाएं लेनी हैं। बात अधिकारियों के हित की हो तो यह अधिकारी चंद मिनटों में ही फैसला लेकर फाइल को आगे भेज देते हैं, लेकिन जब कर्मचारियों के हित की बात हो तो रूल को मौखिक तौर पर बनाए जाने की बात कहते हैं।
फिलहाल कर्मचारियों ने आज सांकेतिक रूप से धरना दिया है। अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन जीएमडीए के जॉइंट सीईओ तथा सीईओ को दिया है, लेकिन बुधवार को चंडीगढ़ में होने वाली अथोरिटी की बैठक के बाद अधिकारियों ने कर्मचारियों से बात किए जाने व आगामी कार्रवाई किए जाने की बात कही है। ऐसे में कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल को आज सांकेतिक रूप से किया और 10 जुलाई के के बाद कोई निर्णय न निकलने पर दोबारा हड़ताल किए जाने का ऐलान कर दिया है। अब देखना यह होगा कि सरकार द्वारा कर्मचारियों के हित में किस तरह का फैसला लिया जाता है।