Edited By Gourav Chouhan, Updated: 02 Dec, 2022 06:18 PM

जांच में पाया गया कि महिला ने एससी जाति से होने के बावजूद पिछड़ी जाति(बीसी) का फर्जी सर्टिफिकेट बनवाकर चुनाव लड़ा।
हिसार(विनोद): जिले के ढाणी मिराद गांव की नवनिर्वाचित सरपंच पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़ने का आरोप लगा है। सरपंच दुर्गी देवी के खिलाफ धोखाधड़ी और षडयंत्र का मामला दर्ज कर लिया गया है। इसी के साथ उसके पति सोमबीर और सतीश के खिलाफ भी बरवाना थाने में केस दर्ज किया गया है।
एससी कैटेगरी से होने के बावजूद बीसी-ए का बनवाया था सर्टिफिकेट
बता दें कि हिसार में पंचायती राज चुनाव के तीसरे चरण में पंच-सरपंच के लिए मतदान हुआ था। 22 नवंबर को चुनाव में दुर्गी देवी की जीत हो गई थी और वे सरपंच बन गई। वहीं महिला द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद 14 नवंबर को पुनीत इंदौरा नाम के व्यक्ति ने पुलिस के शिकायत देकर बताया था कि महिला ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव का पर्चा भरा है। डीएसपी अशोक कुमार ने इस मामले में जांच की। जांच में पाया गया कि महिला ने एससी जाति से होने के बावजूद पिछड़ी जाति(बीसी) का फर्जी सर्टिफिकेट बनवाकर चुनाव लड़ा। डीसीपी की जांच रिपोर्ट में महिला पर लगाए गए आरोप सही पाए गए हैं। इसके चलते नवनिर्वाचित सरपंच, उनके पति व एक अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
4 साल पहले एससी समाज के युवक से किया था प्रेम विवाह
जानकारी के अनुसार दुर्गी देवी ने 4 साल पहले गांव के युवक सोमबीर के साथ लव मैरिज की थी। सोमबीर की जाति धानक है, जोकि एससी कैटेगरी में आती है। दुर्गी देवी ने अपने पिता अशोक की फैमिली आईडी में भी अपनी जाति की कैटेगरी एससी दर्शाई हुई है। शादी के बाद दुर्गी देवी ने अपने ही गांव के सरपंच व पटवारी के साथ सांठगांठ कर अपने नाम से एक ओबीसी कैटेगरी में नायक जाति का सर्टिफिकेट बनवा लिया था। वहीं एक बार फिर से आरोपियों ने एक और नया ओबीसी सर्टिफिकेट अपने गांव के सरपंच व पटवारी से साज बाज होकर बना लिया।
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