Edited By Gourav Chouhan, Updated: 23 Jan, 2023 10:41 PM

गौतम शर्मा ने अपने ऊपर लग रहे आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि इस फर्म में उनके साथ ही कई अन्य पार्टनर थे।
फरीदाबाद : भाजपा नेता व पूर्व शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा के बेटे गौतम शर्मा पर एक कंपनी द्वारा करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने के आरोप लगाए गए थे, हालांकि अब इस मामले में समझौता कर लिया गया है। वहीं इन आरोपों को गौतम शर्मा ने सिरे से नकारते हुए इसे केवल बिजनेस में पार्टनरशिप में हुआ विवाद बताया है।
मुख्यमंत्री जनता दरबार में उठा था मामला, विजिलेंस को सौंपी गई थी जांच
दरअसल करीब 20 दिन पहले इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री के जनता दरबार में एक शिकायत दी गई थी। हरदीप सिंह व वेदप्रकाश ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि उनकी मारकंडेश्वर कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम से मारकंडा नदी का टेंडर एरिया का केस हरियाणा सरकार में विचाराधीन है। उन्होंने सीएम को लिखे पत्र में बताया था कि साल 2018 में निशानदेही में कम एरिया पाया गया, जिसकी वजह से इस प्रोजेक्ट में रुकावट आ गई। उस समय भाजपा नेता के बेटे गौतम शर्मा ने खुद को इस फर्म में 40 फीसदी को हिस्सेदार बनाने की शर्त रखते हुए इस काम को करवाने की बात कही। यह काम करवाने की एवज में गौतम शर्मा ने शिकायतकर्ताओं से 1 करोड़ 60 लाख रुपए भी लिए और एक पार्टनरशिप डीड बनवाकर अपनी हिस्सेदारी भी लिखवा दी।
गौतम बोले- बिजनेस में पार्टनरशिप को लेकर हुआ था विवाद
शिकायतकर्ताओं ने कहा कि गौतम शर्मा ने उनका काम नहीं करवाया और न ही उनके रुपए लौटाए। सीएम दरबार में यह मामला पहुंचने के बाद इसकी जांच विजिलेंस को सौंपी गई। शिकायतकर्ता ने बताया कि इस मामले में 2 दिन पहले समझौता हो गया है। गौतम शर्मा ने शिकायतकर्ता को रुपए भी लौटा दिए हैं। वहीं इस मामले को लेकर गौतम शर्मा ने अपने ऊपर लग रहे आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि इस फर्म में उनके साथ ही कई अन्य पार्टनर थे। शर्मा ने कहा कि उन्हें बदनाम करने के लिए पार्टनरशिप को लेकर हुए विवाद को इस तरह से इस्तेमाल किया गया है।
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