Edited By Isha, Updated: 30 May, 2019 06:09 PM
खेल के लिए सभी सुविधाएं मिले तभी अच्छे खिलाड़ी बनते है इस धारणा को जगाधरी वर्कशॉप में फुटबॉल के कोच और उनके स्टूडेंट्स ने बदल दिया है।यहाँ गरीब परिवारों
यमुनानगर( सुमित)- खेल के लिए सभी सुविधाएं मिले तभी अच्छे खिलाड़ी बनते है इस धारणा को जगाधरी वर्कशॉप में फुटबॉल के कोच और उनके स्टूडेंट्स ने बदल दिया है।यहाँ गरीब परिवारों के बच्चे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के फुटबॉल प्लेयर बनते है।हालही में एक खिलाड़ी अंतराष्ट्रीय स्तर पर इटली में फुटबॉल मैच खेल कर लौटा है जो कभी टेंट लगाने का काम किया करता था।वही अपने कमाए पैसे बच्चो के कोच नरेश उन्ही पर खर्च करते है। उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से कोई मदद नही मिलती हम चाहते है कि यहां कोई अकेडमी सरकार द्वारा बने जिससे आशु जैसे और खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल कर देश का नाम रोशन करे।
कभी टेंट का काम करता था आशु
वजज्बे को सलाम करती और होंसले की ईबादत लिखती ऐसी ही है आशु ओर उसके कोच की कहानी। कभी टेंट का काम करने वाला आशु आज अन्तराष्ट्रीय स्तर पर फुटबाल खेल चुका है।कैसे बना आशु फुटबाल का खिलाड़ी। 4 साल की कड़ी मेहनत।वही खिलाड़ी आशु ने बताया कि फुटबॉल ग्राउंड में बच्चो को खेलते हुए देखता था बड़ा अच्छा लगता था ।
वही अपने पैसे खर्च कर बच्चो को कोचिंग देने वाले कोच नरेश ने बताया कि आशु अक्सर यहां पर फुटबॉल की गेम देखने आता था एक दिन मैंने उससे पूछा कि तुम क्या काम करते हो इस ने बताया कि हम टेंट का काम करते हैं। इसका जज्बा देखकर मैंने से कहा कि टेंट का काम तुम्हें छोड़ना पड़ेगा और गेम पर ध्यान देना होगा । फिर मैंने उसके भाई को भी कहा कि तुम खुद भी आया करो और उसको भी लेकर आया करो उसने इतनी मेहनत की और आज उसके परिणाम सबके सामने बच्चे की काबिल देखकर हम ही सपोर्ट करते हैं ।
सरकार ने नहीं किया सर्पोट
सरकार की तरफ से कोई सपोर्ट नहीं है बहुत सारे बच्चे हैं जो अंतरराष्ट्रीय लेवल पर यहां पर खेले हैं वर्कशॉप के अंदर यहां से ढाई सौ के करीब का राष्ट्रीय स्तर पर खेलने वाले खिलाड़ी निकल चुके हैं। जो जॉब पर भी लगे हैं । अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने वाले 16 खिलाड़ी यहां से सीख कर गए ।हम चाहते हैं कि सरकार यहाँ अच्छी सी है फुटबॉल अकैडमी खोले जहां पर बच्चे सीखे और फिर अपने देश का नाम रोशन करें।