किसान आंदोलन: सिंघु बार्डर से के.एम.पी. तक 7 नगरों में बंटा किसानों का धरना

Edited By Manisha rana, Updated: 21 Jan, 2021 09:14 AM

farmer movement from singhu border to kmp till date farmers divided

किसान आंदोलन को दो माह पूरे होने को हैं, लेकिन सरकार के साथ बात बनती नजर नहीं आ रही। लगातार 10 दौर की बातचीत के बावजूद आंदोलन जस का तस है। दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के लिए अब बार्डर ही गांव, शहर, प्रदेश या देश है। यहां व्यवस्था का नायाब...

सोनीपत : किसान आंदोलन को दो माह पूरे होने को हैं, लेकिन सरकार के साथ बात बनती नजर नहीं आ रही। लगातार 10 दौर की बातचीत के बावजूद आंदोलन जस का तस है। दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के लिए अब बार्डर ही गांव, शहर, प्रदेश या देश है। यहां व्यवस्था का नायाब नमूना किसानों ने पेश किया है, खास बात यह है कि यह व्यवस्था कबीलाई क्षेत्रों की तरह नहीं बल्कि शहरों में वार्डबंदी की तरह की गई है। सिंघु बार्डर से लेकर सोनीपत में के.जी.पी.-के.एम.पी. गोल चक्कर तक किसानों का जमावड़ा करीब 12 किलोमीटर में फैल चुका है। यहां पंजाब के अलग-अलग जिलों व गांवों से आकर किसान जमे हुए हैं,जबकि उन्हीं के साथ हरियाणा के किसान भी शामिल हो रहे हैं। अब जबकि एक- दूसरे के ठिकानों तक जानकारी के अभाव में पहुंचना मुश्किल हो रहा था तो किसानों ने अपने अलग-अलग जमावड़े को अलग-अलग नगर का नाम दे दिया है।

यही नहीं, नगरों को बाकायदा नम्बर भी दिए गए हैं, जिससे पहचान में दिक्कत न हो। यहां किसानों के जमावड़े को 7 नगरों में बांटा गया है। मसलन, सरदार भगत सिंह नगर से लेकर बंदा सिंह बहादुर नगर तक और करतार सिंह नगर से लेकर चंद्रशेखर आजाद नगर नगर तक यहां मौजूद हैं। केवल नगर का नाम पूछना है, किसान स्वयं आपको अपने परिचित तक पहुंचा देंगे या फिर आपके द्वारा पूछे नगर की वहां से दूरी बता देंगे। यह व्यवस्था रातोंरात नहीं हुई है बल्कि 10 दिन तक माथापच्ची के बाद यह निर्णय लिया गया कि किस जिले या गांव का किसान कहां मौजूद है, इसके लिए हर 500 से 1 किलोमीटर के क्षेत्र को एक अलग नगर का नाम दे दिया गया और नगर का नाम लिखकर बोर्ड भी रोड की साइड में लगा दिया गया। अब यही बोर्ड किसानों का पता बताते हैं। मसलन, सरदार भगत सिंह नगर के तुरंत बाद बंदा बहादुर नगर है। इनसे पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस नगर भी मौजूद है। इस तरह से पूरा धरना अलग-अलग नगरों में बांट दिया गया है। हर नगर में 150 से 500 ट्रालियां या कई टैंट समूह शामिल किए गए हैं। 

हर नगर के सदस्यों की बनाई गई है सूची, एक जत्थेदार नियुक्त खास बात यह है कि हर नगर की एक सूची बनाई गई है जिसमें उस नगर में रह रहे किसानों व उनके परिजनों के नाम व फोन नम्बर शामिल हैं। साथ ही हर नगर का एक जत्थेदार व उनकी टीम बनाई गई है। यह जत्थेदार सभी की जानकारी रखता है और आखिरी सदस्य तक किसान मोर्चा का संदेश पहुंचाता है। जरिया या तो व्हाट्सएप ग्रुप का होता है या फिर सोशल मीडिया का कोई और प्लेटफार्म। 

हर क्षेत्र की कर दी वार्डबंदी शहर में जिस तरह से वार्डबंदी की जाती है, किसानों ने ठीक उसी तरह से अपने धरनास्थल की वार्डबंदी की है। हर नगर का क्षेत्र इस प्रकार निर्धारित किया गया है : 
1. नेताजी सुभाष चंद्र बोस नगर : सिंघु बॉर्डर स्टेज का क्षेत्र 
2. बंदा सिंह बहादुर नगर: कुं डली स्टेज से के.एफ.सी. मॉल तक 
3.सरदार भगत सिंह नगर: के.एफ.सी. मॉल से एच.पी. पैट्रोल पंप तक
4. शिवराम रवि राजगुरुनगर : एच.पी. पैट्रोल पंप से बी.के.यू. कार्यालय तक 
5. सुखदेव थापर नगर: बी.के.यू. कार्यालय से कुं डली मॉल तक 
6. करतार सिंह सराभा नगर: कुं डली मॉल से रसोई ढाबा तक 
7. चंद्रशेखर आजाद नगर: रियल पंजाबी ढाबा या गोल्डन हट एरिया तक 

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