Edited By Yakeen Kumar, Updated: 05 Jun, 2025 08:44 PM

देहरादून के राजश्री नेशनल पार्क और हिमाचल से आए हाथियों के झुंड और बाघ कलेसर सेंचुरी और नेशनल पार्क में 10 दिन से एक माह तक...
चंडीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी) : यमुनानगर स्थित कलेसर सेंचुरी व नेशनल पार्क में हाथियों और बाघों को स्थायी तौर पर बसाने की तैयारी वन विभाग कर रहा है। इसका मुख्य कारण पिछले कुछ समय से हाथियों और बाघों का कलेसर सेंचुरी और नेशनल पार्क में आवागमन है। देहरादून के राजश्री नेशनल पार्क से आए हाथियों के झुंड और बाघ कलेसर सेंचुरी और नेशनल पार्क में 10 दिन से एक माह तक रह चुके हैं। बाद में वह लौट भी जाते हैं। वन विभाग की तरफ से माना जा रहा है कि कलेसर हाथियों और बाघों के लिए अनुकूल जगह है, यहां पर इनका स्थायी निवास बनाया जा सकता है।
देहरादून के राजश्री नेशनल पार्क से चलकर हिमाचल के सिंबलवाडा सेंचुरी होकर कलेसर नेशनल पार्क में हाथियों के झुंड और बाघ पहुंच रहे हैं। पिछले एक साल में कई बार इन्हें कलेसर में देखा गया है। इसकी सीसीटीवी फुटेज और तस्वीरें भी विभाग के पास लगातार आ रही हैं। किस तरह कलेसर में आकर वहां की सुविधाओं का हाथी लुफ्त उठाते हैं, यह इन फुटेज और तस्वीरों में देखा जा सकता है।
अतिथि की तरह स्वागत करता है वन विभाग
कलेसर के सेंचुरी और नेशनल पार्क में आने वाले हाथियों के झुंड और बाघों के आगमन पर वन विभाग की तरफ से अतिथियों वाली व्यवस्था की जाती है। इनके लिए 15 से 20 किलोमीटर का क्षेत्र निर्धारित किया जाता है। इनके रहने वाले क्षेत्र में पानी की व्यवस्ता भी की जाती है। स्मार्ट सीसीटीवी कैमरे से निगरानी, उनकी गतिविधियों की मॉनिटरिंग करने के साथ पल-पल की खबर विभाग के अधिकारी रखते हैं।
- कलेसर सेंचुरी 13 हजार हेक्टेयर में फैला है।
- नेशनल पार्क साढ़े 11 हजार हेक्टेयर में फैला है।
- अभी इनमें लैपर्ड, हिरण, सांभर सहित अन्य जानवर स्थायी निवास करते हैं।

कलेसर सेंचुरी और नेशनल पार्क में अक्सर देहरादून के राजश्री नेशनल पार्क से आए हाथी और बाघ देखने को मिलते हैं। इनके लिए कलेसर अनुकूल माना जा रहा है। हाथियों और बाघों को कलेसर में स्थायी तौर पर रखने की व्यवस्था को लेकर तैयारी चल रही है।
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