Edited By Deepak Kumar, Updated: 12 Aug, 2025 03:20 PM

ईडी ने पिछले महीने दायर अपने आरोपपत्र में दावा किया है कि व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा ने गुरुग्राम के शिकोहपुर में भूमि सौदे के मामले में तीन मृत व्यक्तियों पर दोष मढ़कर जांच एजेंसी को गुमराह करने की कोशिश की।
डेस्कः प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पिछले महीने दायर अपने आरोपपत्र में दावा किया है कि व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा (Robert Vadra) ने गुरुग्राम के शिकोहपुर में भूमि सौदे के मामले में तीन मृत व्यक्तियों पर दोष मढ़कर जांच एजेंसी को गुमराह करने की कोशिश की। आरोप है कि उन्होंने स्वयं को उस समय के रियल एस्टेट सौदों के बारे में अनभिज्ञ दिखाया और दावा किया कि सभी लेनदेन इन व्यक्तियों की देखरेख में हुए।
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा ने उस व्यक्ति की पहचान करने से इनकार कर दिया जिसने वर्ष 2008 में 7.5 करोड़ रुपये के भूमि सौदे पर हस्ताक्षर किए थे। यह जानकारी हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा समीक्षा की गई ईडी की चार्जशीट में सामने आई है।
ईडी ने 17 जुलाई को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत वाड्रा, दो अन्य व्यक्तियों और आठ कंपनियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया। एजेंसी का आरोप है कि शिकोहपुर सौदे से वाड्रा को ₹58 करोड़ की आपराधिक आय हुई। इसके अलावा, एजेंसी ने उनसे जुड़ी 38 करोड़ से अधिक रुपये की 43 अचल संपत्तियां जब्त की हैं, जिनमें गुरुग्राम के 'द आरा-लियास' जैसे पॉश इलाके में स्थित एक अपार्टमेंट भी शामिल है।
चार्जशीट के अनुसार, वाड्रा की कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड (SLHPL) ने 12 फरवरी 2008 को ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड (OPPL) से 3.53 एकड़ ज़मीन ₹7.5 करोड़ में खरीदी। इसके चार साल बाद, सितंबर 2012 में, SLHPL ने वही ज़मीन रियल एस्टेट क्षेत्र की प्रमुख कंपनी DLF को 58 करोड़ रुपये में बेच दी।
यह सौदा अक्टूबर 2012 में विवादों में तब आया जब तत्कालीन वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका, जो उस समय हरियाणा के भूमि चकबंदी एवं अभिलेख महानिदेशक-सह-पंजीकरण महानिरीक्षक के पद पर कार्यरत थे, ने इस भूमि के दाखिल-खारिज (mutation) को रद्द कर दिया। उन्होंने इस लेनदेन को हरियाणा चकबंदी अधिनियम और अन्य नियमों का उल्लंघन करार दिया। इसके बाद, सितंबर 2018 में हरियाणा पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की।
इस वर्ष अप्रैल में ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा से पूछताछ की थी, जिसके बयान चार्जशीट का हिस्सा हैं। पूछताछ के दौरान वाड्रा ने दावा किया कि उन्होंने सभी रियल एस्टेट मामलों को स्वर्गीय राजेश खुराना, स्वर्गीय एच.एल. पाहवा और स्वर्गीय महेश नागर के "समझ और मार्गदर्शन" में संभाला था।
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