अरावली पहाड़ी में अवैध खनन को लकेर सुरजेवाला ने सरकार को घेरा, बोले- CM और वन विभाग ने मूंद रखी है आंखें

Edited By Isha, Updated: 13 Jun, 2025 02:24 PM

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डीएलएफ ग्रुप गुरुग्राम के डीएलएफ फेज 5 में 40 एकड़ भूमि पर लगभग 2,000 पेड़ों की कथित कटाई को लेकर विवादों में आ गया है। कथित तौर पर यह एक नया रियल एस्टेट प्रोजेक्ट विकसित करने के लिए किया

हरियाणा डेस्क: डीएलएफ ग्रुप गुरुग्राम के डीएलएफ फेज 5 में 40 एकड़ भूमि पर लगभग 2,000 पेड़ों की कथित कटाई को लेकर विवादों में आ गया है। कथित तौर पर यह एक नया रियल एस्टेट प्रोजेक्ट विकसित करने के लिए किया जा रहा है। निवासियों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं का दावा है कि बिल्डर “अरावली को नष्ट कर रहा है” और उन्होंने इस गतिविधि को तुरंत रोकने के लिए विरोध प्रदर्शन और आधिकारिक याचिकाएँ शुरू की हैं। 


इसे लकेर अब कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा सरकार पर ज़ोरदार हमला बोला है।  उन्होंने कहा  पर्यावरण बनाम विकास या फिर विनाश?तय हम सब को करना है।  विश्व की पुरानी पहाड़ियों में से एक अरावली ने भारत को रेगिस्तान होने से बचाया।  NCR और मध्य भारत का फेफड़ा कहे जाने वाली अरावली पहाड़ी को अवैध खनन, अतिक्रमण, संसाधनों की लूट, शोषण ने तबाह कर दिया है। अरावली के कई पहाड़ गायब हो गए है, नदियां मृत हो गई है, भूजल की समाप्ति हो गई है।

 

भाजपा की डबल इंजन की सरकारों ने खनन व पेड़ काटकर अरावली को एक “लुप्त पर्वत” की संज्ञा दे दी है। जो पहाड़ दूसरों को ऑक्सीजन देता रहा है वो अब खुद ऑक्सीजन की तलाश में है। द ट्रिब्यून में छपी ख़बर ने एक बार फिर अरावली के जंगलों को नष्ट करने के षड्यंत्र को उजागर किया है। डीएलएफ के इस परियोजना  से अरावली में आक्रोश है। एक रियल्टी परियोजना विकसित करने के लिए 2,000 पेड़ काटे जा रहे हैं! यह एक बहुत बड़ी चिंता का विषय है और बड़ी चिंता यह है कि मुख्यमंत्री श्री नायब सैनी, हरियाणा के फारेस्ट डिपार्टमेंट व पर्यावरण विभाग ने आँखें मूँद ली हैं। उन्होने कहा कि NGTribunal कब संज्ञान लेगा और कब सैनी सरकार और डीएलएफ़ से जबाब माँगेगा?

 
वन मंत्री के घर किया गया था प्रदर्शन
गौर रहे कि अरावली बचाओ नागरिक आंदोलन के प्रतिनिधियों ने वन मंत्री राव नरबीर के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि मंत्री उपलब्ध नहीं थे, लेकिन उनके कर्मचारियों ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि सप्ताहांत तक कार्रवाई की जाएगी। नागरिकों ने मुख्यमंत्री, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) को भी पत्र लिखा है। व्यापक समर्थन जुटाने के लिए एक ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान शुरू किया गया है।



आलीशान आवासों के लिए और अधिक पेड़ों की कटाई बर्दाश्त नहीं: ट्रस्टी वैशाली राणा
अरावली बचाओ की ट्रस्टी वैशाली राणा चंद्रा ने कहा, "वे अरावली को नष्ट कर रहे हैं। इस क्षेत्र में करीब 2,000 पेड़ काटे जाएंगे। अगर उन्होंने जमीन खरीदी है, तो हम कहेंगे कि बिक्री अवैध थी और इसकी जांच होनी चाहिए।" "हम वन अधिकारियों के साथ लापरवाही से कटाई और भूमि समतलीकरण के दृश्य साझा कर रहे हैं, लेकिन उनका दावा है कि यह वन भूमि नहीं है। कोई भी व्यक्ति दृश्य देखकर समझ सकता है कि यह वन भूमि है। गुरुग्राम अरावली के नज़ारों वाले आलीशान आवासों के लिए और अधिक पेड़ों की कटाई बर्दाश्त नहीं कर सकता।"



इसमें कुछ भी अवैध नहीं है, ऑफ द रिकॉर्ड दावा  
बार-बार प्रयास करने के बावजूद, डीएलएफ ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ऑफ द रिकॉर्ड बात करते हुए दावा किया कि यह जमीन निजी संपत्ति है और विकास के लिए सभी आवश्यक अनुमतियां प्राप्त कर ली गई हैं। सूत्र ने कहा, "इसमें कुछ भी अवैध नहीं है।"


संपर्क करने पर, मुख्य वन संरक्षक (दक्षिण हरियाणा) सुभाष यादव ने कहा: "यह कोई जंगल या वन भूमि नहीं है। यह निजी संपत्ति है जिस पर कई सालों से डीएलएफ का स्वामित्व है। इस पर कुछ कीकर उग आए थे और कंपनी ने इसे साफ करने की अनुमति मांगी थी। मौजूदा नियमों के अनुसार, हमारे पास हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।"

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