Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 01 Dec, 2025 05:59 PM
मुझे एक फोन आया और डिजिटल अरेस्ट कर मेरे से रुपए ट्रांसफर करा लिए। अब मुझे शिकायत दर्ज करानी है। इसके लिए मुझे पुलिस से सहायता कैसे मिलेगी... हरियाणा के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह आज डिजिटल अरेस्ट पीड़ित बनकर साइबर थाना ईस्ट थाने पहुंच गए।
गुड़गांव, (ब्यूरो): मुझे एक फोन आया और डिजिटल अरेस्ट कर मेरे से रुपए ट्रांसफर करा लिए। अब मुझे शिकायत दर्ज करानी है। इसके लिए मुझे पुलिस से सहायता कैसे मिलेगी... हरियाणा के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह आज डिजिटल अरेस्ट पीड़ित बनकर साइबर थाना ईस्ट थाने पहुंच गए। यहां उन्होंने थाने में मिले पुलिसकर्मियों से सहायता मांगी तो थाने के बाहर मौजूद संतरी ने उन्हें ड्यूटी ऑफिसर के पास शिकायत देने की बात कही।
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शिकायत किस तरह से दर्ज कराई जानी है इसकी पूरी प्रक्रिया समझाई गई। पुलिस के इस रवैये से डीजीपी संतुष्ट नजर आए। दरअसल, आज डीजीपी हरियाणा ओपी सिंह अचानक गुड़गांव के साइबर ईस्ट थाने में पहुंच गए और यहां लोगों को मिलने वाली सहायता की वास्तविक प्रक्रिया और व्यवहार की जमीनी स्तर पर जांच की। इस दौरान डीजीपी ने थाने की कार्यप्रणाली, पीड़ित सहायता व्यवस्था, रिस्पॉन्स सिस्टम और जागरूकता तंत्र की गहन समीक्षा की।
साइबर अपराधों पर कार्रवाई, पीड़ित सहायता और जागरूकता पर बोले DGP
निरीक्षण के पश्चात डीजीपी ओपी सिंह ने साइबर अपराधों से बचाव, पीड़ितों को त्वरित राहत दिलाने और समाज को अधिक जागरूक बनाने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस साइबर अपराधों की बदलती चुनौतियों से निपटने के लिए लगातार ठोस, प्रभावी और नवाचारी रणनीति अपना रही है।
छोटी राशि की बैंक फ्रीजिंग—लोक अदालत के माध्यम से त्वरित समाधान
डीजीपी ने बताया कि छोटी राशियों के फ्रीज होने पर पीड़ितों को आर्थिक राहत तेजी से उपलब्ध करवाने के लिए पुलिस लोक अदालत की मदद लेगी, ताकि उन्हें बिना देरी रकम की वापसी मिल सके।
साइबर फ्रॉड में बैंक की लापरवाही—भरपाई की जिम्मेदारी बैंक पर
उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसी साइबर ठगी में बैंक की ओर से लापरवाही सामने आती है, तो पीड़ित को हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई का दायित्व बैंक पर रहेगा। यह पीड़ितों के अधिकारों की एक महत्वपूर्ण सुरक्षा है।
स्कूल–कॉलेजों में ‘साइबर जागरूकता एंबेसडर’ तैयार किए जाएंगे
समाज को साइबर सुरक्षित बनाने के लिए डीजीपी ने कहा कि जागरूकता को अभियान-स्तर पर ले जाया जाएगा। सोशल मीडिया, सामुदायिक कार्यक्रमों, और राज्यव्यापी अभियानों के साथ, स्कूल और कॉलेजों में हेड स्टूडेंट्स की विशेष टीमें गठित की जाएंगी, जिन्हें साइबर अवेयरनेस एंबेसडर बनाया जाएगा। ये एंबेसडर अपने संस्थानों में साथियों को साइबर अपराधों से बचाव की जानकारी देंगे।
हरियाणा पुलिस साइबर अपराध पर लगातार सख्त कार्रवाई कर रही है- ओपी सिंह
डीजीपी ने आश्वस्त किया कि हरियाणा पुलिस साइबर अपराधों से निपटने के लिए मिशन मोड में कार्य कर रही है। पीड़ितों को न्याय, थानों की तकनीकी क्षमता को मजबूती, और पूरे प्रदेश में डिजिटल सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में निरंतर प्रयास जारी रहेंगे। डीजीपी ने कहा कि अधिकांश साइबर अपराध भय और लालच का लाभ उठाकर किए जाते हैं। कोई व्यक्ति आपको कमाई, इनाम, डर या किसी भी प्रकार के दबाव में पैसे भेजने को कहे—तो समझ लें कि आप साइबर ठग के निशाने पर हैं। सावधानी ही सुरक्षा है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि किसी भी संदिग्ध कॉल, लिंक, ऐप या प्रस्ताव पर तुरंत सतर्क हों और आवश्यकता पड़ने पर साइबर हेल्पलाइन 1930 पर तुरंत शिकायत दर्ज करवाएँ।