Edited By Yakeen Kumar, Updated: 08 Jan, 2025 08:35 PM
जिले के एक गांव में बेटियों ने पिता की मौत के बाद अर्थी को कंधा दिया। पिता की अंतिम इच्छा थी कि बेटियां उसकी अर्थी को कंधा दें जिसको दोनों बहनों ने पूरा किया। इसके बाद दोनों बहनों ने ही पिता की चिता मुखाग्नि दी।
भिवानी : जिले के एक गांव में बेटियों ने पिता की मौत के बाद अर्थी को कंधा दिया। पिता की अंतिम इच्छा थी कि बेटियां उसकी अर्थी को कंधा दें जिसको दोनों बहनों ने पूरा किया। इसके बाद दोनों बहनों ने ही पिता की चिता मुखाग्नि दी।
जानकारी के अनुसार भिवानी जिले के गांव कालोद के रहने वाले करीब 75 वर्षीय उजागर सिंह गांव में फौज से रिटायर्ड थे। रिटायरमेंट के बाद वे गांव के नंबरदार बने थे। कई दिनों से बीमारी के चलते वे अस्पताल में भर्ती थे। उजागर सिंह को 7 बेटियां हैं। जिन्होंने अपने पिता की अर्थी को कंधा दिया।
सभी बेटियां हैं पढ़ी-लिखी
उनकी बेटी सुमन ने कहा कि उसके पिता की अंतिम इच्छा यही थी कि उनकी बेटियां उन्हें अंतिम यात्रा में कंधा दें। जिसको पूरा करने के लिए उन्होनें उनकी अर्थी को कंधा दिया। उजागर सिंह की बेटी पूनम हरियाणा पुलिस में कार्यरत हैं तो वहीं सुमन हिन्दी मुख्य अध्यापिका हैं। इसके अलावा मैना, राजेश, इंदु, बबीता, सुनीता भी काफी पढ़ी-लिखी हैं।
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