Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 15 Apr, 2025 02:50 PM

गुड़गांव पुलिस की साइबर क्राइम मानेसर थाना पुलिस ने एक ऐसे आरोपी को काबू किया है जो साइबर ठगी करने के लिए रोजाना रेवाड़ी से गुड़गांव आता था। आरोपी टेलीग्राम के जरिए चाइना के कुछ ग्रुपों में जुड़ा हुआ था जिसके जरिए वह ठगी के लिए मोबाइल सिम, मंगवाता...
गुड़गांव, (ब्यूरो): गुड़गांव पुलिस की साइबर क्राइम मानेसर थाना पुलिस ने एक ऐसे आरोपी को काबू किया है जो साइबर ठगी करने के लिए रोजाना रेवाड़ी से गुड़गांव आता था। आरोपी टेलीग्राम के जरिए चाइना के कुछ ग्रुपों में जुड़ा हुआ था जिसके जरिए वह ठगी के लिए मोबाइल सिम, मंगवाता था। यह मोबाइल सिम उसे कोरियर के माध्यम से प्राप्त होती थी। कोरियर कंपनी के कार्यालय में जाने के बाद आरोपी को एक कोड बताना होता था जिसके बाद उसे यह सिम मिल जाती थी। पुलिस ने जब सूचना के आधार पर एक फ्लैट में रेड की तो यहां एक युवक हर्ष को काबू किया जिसके कब्जे से पुलिस ने न केवल दर्जनों एटीएम कार्ड, चेक बुक बरामद की है बल्कि मोबाइल, लैपटॉप सहित अन्य सामान भी बरामद किया है। इतना ही नहीं बल्कि पुलिस को आरोपी के कब्जे से गोल्ड बिस्किट भी मिले हैं।
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पुलिस प्रवक्ता एएसआई संदीप की मानें तो, साइबर क्राइम मानेसर टीम ने सूचना के आधार पर सफायर माॅल के पास वाटिका इंडिया नेक्स्ट सोसाइटी के फ्लैट नंबर 3 में रेड कर एक युवक को काबू कर लिया। हालांकि पुलिस को देखते ही आरोपी मौके से भागने का प्रयास कर रहा था, लेकिन पुलिस ने उसे घेरकर मौके पर ही काबू कर लिया। आरोपी की पहचान कोसली रेवाड़ी के रहने वाले हर्ष के रूप में हुई। जब पुलिस ने आरोपी से पूछताछ कर उसकी तलाशी ली तो उसके पास 11 अलग अलग बैंकों की चेकबुक, 47 एटीएम कार्ड, 46 सिम कार्ड सहित गोल्ड बिस्किट, गोल्ड चेन बरामद की है। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह लोगों को टास्क देकर उनसे ठगी करता है।
पुलिस की मानें तो मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है वैसे वैसे मामले में खुलासे हो रहे हैं। जांच के दौरान सामने आया कि आरोपी चाइना के ठगी करने वाले कई टेलीग्राम ग्रुप से जुड़ा था। ठगी की रकम को क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से प्राप्त करता। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। जांच के दौरान यह पता लग पाएगा कि आखिर यह कितने लोगों को अपना शिकार बना चुका है। फिलहाल जांच के दौरान यह भी बात सामने आई है कि आरोपी से बरामद मोबाइल सिम उसके नाम पर नहीं हैं। आखिर यह सिम कौन उपलब्ध कराता था और यह सिम किस स्थान से कोरियर की जाती थी यह जांच के बाद ही पता लग पाएगा।