Edited By Manisha rana, Updated: 24 Feb, 2025 10:06 AM
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हरियाणा की उच्च शिक्षा प्रणाली गंभीर संकट का सामना कर रही है। सूचना के अधिकतर (आर.टी.आई.) के तहत प्राप्त जानकारी से खुलासा हुआ है कि राज्य के सरकारी एवं एडिड कॉलेजों में लैक्चरर्स के आधे से ज्यादा पद खाली पड़े हैं।
सोनीपत : हरियाणा की उच्च शिक्षा प्रणाली गंभीर संकट का सामना कर रही है। सूचना के अधिकतर (आर.टी.आई.) के तहत प्राप्त जानकारी से खुलासा हुआ है कि राज्य के सरकारी एवं एडिड कॉलेजों में लैक्चरर्स के आधे से ज्यादा पद खाली पड़े हैं। 4465 लैक्चरर्स पदों पर भर्ती का इंतजार है जिससे शिक्षण व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है। हरियाणा में कुल 184 सरकारी कॉलेज और 97 एडिड (अनुदान प्राप्त) कॉलेज हैं लेकिन इन कॉलेजों में स्थायी शिक्षकों की भारी कमी बनी हुई है। 7986 स्वीकृत पदों में से केवल 3358 पर नियमित शिक्षक कार्यरत हैं जबकि 2058 अतिथि एवं एक्सटैंशन लैक्चरर्स के भरोसे शिक्षण कार्य चल रहा है। इसके बावजूद 4465 पद खाली पड़े हैं।
विषयों अनुसार शिक्षकों की स्थिति
सोनीपत के अधिवक्ता अमन दहिया द्वारा आर.टी.आई. के माध्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार कई विषयों में स्थिति बेहद चिंताजनक है। प्रमुख विषयों के पद खाली होने से शिक्षा चौपट हो रही है।
97 एडिड कॉलेजों में 39 में प्राचार्यों के पद भी खाली
खास बात यह है कि प्रदेश के 97 एडिड कॉलेजों में से वर्तमान में 39 कॉलेजों में प्राचार्यों के पद भी खाली हो गए हैं। हर माह खाली पदों की यह संख्या बढ़ती जा रही है। अचरज की बात यह है कि कई कॉलेजों में एक भी स्थायी लैक्चरर नहीं है। इसके अलावा हैड क्लर्क से लेकर स्वीपर तक के पद भी बहुतायत में खाली पड़े हैं।
शिक्षा व्यवस्था पर प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी बड़ी संख्या में लैक्चरर्स पदों का रिक्त होना राज्य के उच्च शिक्षा स्तर को प्रभावित कर सकता है। स्थायी शिक्षकों के अभाव में अतिथि लैक्चरर्स पर अत्यधिक निर्भरता बनी हुई है जिनकी नियुक्ति अस्थायी आधार पर होती है। इससे पूर्ण शैक्षणिक स्थिरता प्रदान नहीं हो पाती।
राजकीय कॉलेजों में हालात बेहद खराब
राजकीय कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या लाखों में है लेकिन शिक्षकों की इस कमी के चलते विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है। उच्च शिक्षा का यह संकट न केवल शिक्षण गुणवत्ता को प्रभावित कर रहा है बल्कि राज्य के युवाओं के भविष्य पर भी सवाल खड़े कर रहा है। सरकार के पास पर्याप्त बजट होते हुए भी वर्षों से खाली पड़े पदों को भरा नहीं गया है। उच्च शिक्षा विभाग को इस ओर ध्यान देकर जल्द से जल्द स्थायी भर्ती प्रक्रिया शुरू करनी होगी ताकि राज्य के लाखों छात्रों का भविष्य सुरक्षित किया जा सके। हरियाणा के विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों ने सरकार से मांग की है कि शिक्षकों की स्थायी भर्ती तुरंत शुरू की जाए और शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। अभिभावकों का कहना है कि शिक्षा किसी भी समाज की रीढ़ होती है। अगर शिक्षकों की इतनी कमी होगी तो हमारे बच्चे कसे अच्छी शिक्षा प्राप्त करेंगे।
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