Edited By Yakeen Kumar, Updated: 27 Mar, 2025 08:12 PM

कहा जाता है कि भगवान देर से दे सकते हैं लेकिन देते जरूर हैं। आज एक ऐसे अस्पताल के बारे में बताने जा रहे हैं जो नब्ज देखकर और आयुर्वेदिक इलाज करवाकर जोड़े संतान का सुख पा रहे हैं। ये अस्पताल अम्बाला छावनी के सराफा बाजार में डॉ.के.सी.शर्मा, अमेरिकन...
अम्बाला छावनी : कहा जाता है कि भगवान देर से दे सकते हैं लेकिन देते जरूर हैं। आज एक ऐसे अस्पताल के बारे में बताने जा रहे हैं जो नब्ज देखकर और आयुर्वेदिक इलाज करवाकर जोड़े संतान का सुख पा रहे हैं। ये अस्पताल अम्बाला छावनी के सराफा बाजार में डॉ.के.सी.शर्मा, अमेरिकन अस्पताल है। पढिये दंपति की कहानी...
दंपती ने बताया कि 6 बार आईवीएफ तथा 10 बार आईयूआई कराने के बावजूद भी जब संतान न हुई तो हमने नब्ज दिखाकर अपना आयुर्वेदिक इलाज डॉ.के.सी.शर्मा, अमेरिकन अस्पताल,सराफा बाज़ार, अम्बाला छावनी से करवाया और शादी के 28 साल बाद भगवान ने अपनी लीला दिखाई और हमें सन्तान की प्राप्त हुई। इससे पहले हमने अपना इलाज पालमपुर, शिमला ,जालंधर, लुधियाना, अमृतसर के मशहूर हॉस्पिटलो से व एम्स हॉस्पिटल दिल्ली पीजीआई हॉस्पिटल चंडीगढ से करवाया था, परंतु लाखों रूपये ख़र्च कर भी निराशा ही हाथ लगी। लेकिन हमने हिम्मत नहीं हारी।
उन्हें एक दिन दिल्ली में रहने वाले मित्र ने बताया की उसको भी शादी के 31 साल बाद बच्चे की प्राप्ति डॉ.के.सी.शर्मा, अमेरिकन हॉस्पिटल, सराफा बाजार, अम्बाला छावनी को नब्ज दिखा कर आयुर्वेदिक इलाज करवा कर हुई थी। पति उम्र 58 वर्ष के शुक्राणु निल,सैक्स कमजोरी थी। पत्नी उम्र 55 वर्ष को हार्मोन ठीक न होने के कारण पीरियड आगे-पीछे, दर्द मारकर कभी ज्यादा कभी कम आते थे, बच्चेदानी में गाँठ- रसौली, एएमएच कम, फाइब्रॉइड व ओवरी में सिस्ट थे,अंडा-ओवम नहीं बनना व पीसीओडी था। कईं महीने से पीरियड्स नहीं आते थे।
उसने सलाह दी कि अमेरिकन अस्पताल, सराफा बाजार अम्बाला छावनी से आयुर्वेदिक इलाज करवाये क्योंकि उसको भी वहीं से सन्तान की प्राप्ति हुई थी। अमेरिकन हॉस्पिटल में नब्ज दिखा कर
आयुर्वेदिक इलाज करवा कर कई स्त्रियों को 25 साल से रुकी माहवारी भी आ चुकी है तथा कई नि:सन्तान स्त्रियों की गोद भर चुकी है।
इनका है इलाज
निल शुक्राणु,सैक्स कमजोरी, बच्चेदानी मे गाँठ, ओवरी सिस्ट-रसौली, AMH कम, फाइबरोइड,PCOD, फॉलोपियन ट्यूब ब्लॉक, एबॉर्शन मिसकैरेज होना, पीरियड कम आना, बच्चे की दिल की धड़कन न बनना, वरिकोसिल आयुर्वेदिक इलाज। वहीं 25 साल से रुकी "माहवारी शुरु" आयुर्वेदिक द्वारा इलाज किया जाता है।
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