Edited By Shivam, Updated: 25 Mar, 2019 02:57 PM
तान न होने के तानों से तंग आकर एक विवाहिता ने आत्महत्या कर ली। 26 वर्षीय मृतका के परिजनों ने पति, सास व ससुर पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है। इसी आधार पर जगाधरी शहर पुलिस ने तीनों के खिलाफ
यमुनानगर (सतीश): संतान न होने के तानों से तंग आकर एक विवाहिता ने आत्महत्या कर ली। 26 वर्षीय मृतका के परिजनों ने पति, सास व ससुर पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है। इसी आधार पर जगाधरी शहर पुलिस ने तीनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। मौके पर एफ.एस.एल. बुलाई गई। जिन्होंने मौके से तथ्य जुटाए। दूसरे मामले में एक प्लाईवुड कर्मी बेहोश मिला, जब उसे अस्पताल लाए तो उसकी मौत हो गई। तीसरे मामले में एक व्यक्ति ने कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
पहला मामला
करतारपुरा कालोनी के आकाश ने पुलिस को बताया कि उसकी बहन आशिमा(26) की शादी 2012 में काङ्क्षलदी कालोनी निवासी गौरव झाम्ब के साथ हुई थी। 6 साल में संतान ना होने पर उसकी बहन को तंग किया जा रहा था। आशिमा ने देर रात फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
मृतका के भाई आकाश के मुताबिक कई बार उनका पंचायती फैसला भी हुआ लेकिन ससुराल पक्ष अपनी हरकतों से बाज नहीं आया। एक सप्ताह से उसकी बहन उनके पास ही रह रही थी, जीजा भी यहीं आ जाया करता था। शनिवार को उसकी उसकी मौत की सूचना मिली। ससुराल पक्ष ने उन्हें बताया भी नहीं कि उनकी बहन ने फंदा लगा लिया।
3 पर केस दर्ज : राणा- थाना शहर जगाधरी प्रभारी राकेश राणा का कहना है कि मृतका के परिजनों की शिकायत पर पति गौरव झाम्ब, सास शकुंतला व ससुर मोहन लाल के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकद्दमा दर्ज किया गया है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
दूसरा मामला
वीना नगर कैम्प निवासी सुरजीत सिंह(35) कैम्प स्थित प्लाईवुड फैक्टरी में काम करता था। वह फैक्टरी के ही एक कमरे में रहता था। गत दिवस वह अपने कमरे में सो गया। शनिवार सुबह जब फैक्टरी में काम कर रहे वर्करों द्वारा सुरजीत के कमरे का दरवाजा खोला गया तो वह बेहोश पड़ा हुआ था। जिसे शहर के ट्रामा सैंटर लाया गया। जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। फर्कपुर थाना प्रभारी दिनेश सिंह चौहान ने बताया कि मृतक किसी बीमारी से पीड़ित था।
तीसरा मामला
गढ़ी बंजारा निवासी रमेश कुमार(35) की शादी मोतियारी बिहार निवासी नजरा से हुई थी। कुछ दिन पहले उसकी पत्नी अपने मायके चली गई लेकिन वापस नहीं आई। जिस कारण वह मानसिक रूप से परेशान चल रहा था। रात को कमरे में गाडर से फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। सुबह जब नहीं उठा तो परिजन छत पर गए और उसे आवाज लगाई, तो अन्दर से कोई जवाब नहीं आया। जब खिड़की से देखा तो रमेश फंदे पर लटका हुआ था। इसकी सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाया।
85 प्रतिशत केसों का चल जाता है पता : मनोचिकित्सक
शहर के मनोचिकित्सक डा. विक्रम भारती का कहना है कि 100 में से 85 प्रतिशत आत्महत्या के केसों का पूर्व में ही पता चल जाता है। आत्महत्या करने वाला व्यक्ति इस बारे अपने निजी दोस्त व अपने करीबी रिश्तेदार से जिक्र जरूर करता है। उसकी बात को नजरअंदाज करना ही बाद में भारी पड़ता है। उन्होंने बताया कि निराश और हताश होने के बाद जब व्यक्ति हिम्मत हार जाता है तो इस प्रकार का कदम उठाता है।