Edited By Yakeen Kumar, Updated: 22 Nov, 2024 03:22 PM
दोनों बेटियों की घुड़चढ़ी निकाल लड़की माता-पिता ने लड़का-लड़की एक समान होने का संदेश दिया। और परिजनों ने नाच-गाने पर नृत्य कर खुशी..
भिवानी (संजय कौशिक) : प्रदेश में पूर्वकालीन सभ्यता से जहां शादी-विवाह की अलग-अलग तरीके से रस्में निभाई जाती थी, वैसे ही बवानी खेड़ा के पुर गांव में बेटियों के विवाह से पहले गांव में घुड़चढ़ी निकाल लड़की के पिता पवन कुमार ने क्षेत्र में अनोखी पहल की शुरुआत की है। दोनों बेटियों की घुड़चढ़ी निकाल लड़की माता-पिता ने लड़का-लड़की एक समान होने का संदेश दिया। और परिजनों ने नाच-गाने पर नृत्य कर खुशी मनाई।
परिजनों का कहना है कि पूर्व सभ्यता में केवल लड़कों की शादी विवाह में ही घुड़चढ़ी निकाली जाती थी परन्तु आज के दौर में सामाजिक बदलाव होने से लड़कियां भी किसी दौर में लड़कों से कम नही हैं। उनके सम्मान में हर वर्ग से सामाजिक बढ़ावे के प्रयास किये जा रहे है। और आज उन्हें अपनी दोनों लड़कियों की गांव में घुड़चढ़ी निकालने की बड़ी खुशी है। उन्होंने अपनी दोनों लड़कियों को बेटे की तरह ही पालन-पोषण किया है।
परिजनों ने कहा कि उनका उद्देश्य है कि समाज में लड़का-लड़की में भेदभाव न समझ बेटियों को भी बेटे का दर्जा मिल सके। पूर्व में केवल लड़कों की ही शादी-विवाह में घुड़चढ़ी रस्म होती थी जबकि आजकल सामाजिक बदलाव दौर में लड़कियों के विवाह रस्म बदलाव का प्रचलन बढ़ रहा है। जिससे कि सामाजिक सन्देश भी मिलता है।
बता दें कि बवानी खेड़ा का पुर गांव से पहले भी हर घर बेटी के नाम से एक पहल कर चुका है। जिसमें घरों के बाहर लड़की के नाम से प्लेट लगाई गई, ताकि लड़कियों की पहचान को बढ़ावा मिल सके।
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