Edited By vinod kumar, Updated: 06 Jan, 2021 08:27 PM

डबवाली के खुइयांमलकाना टोल प्लाजा पर किसान सभा को सम्बोधित करने पहुंचे किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि तीन कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग को लेकर किसानों द्वारा सरकार के साथ की जा रही वार्ता के 8 जनवरी को टूट जाने के आसार अधिक बन रहे...
डबवाली (संदीप): डबवाली के खुइयांमलकाना टोल प्लाजा पर किसान सभा को सम्बोधित करने पहुंचे किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि तीन कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग को लेकर किसानों द्वारा सरकार के साथ की जा रही वार्ता के 8 जनवरी को टूट जाने के आसार अधिक बन रहे हैं। गुरनाम चढूनी हरियाणा के डबवाली से हांसी-रोहतक तक टोल प्लाजाओं पर किसानों की सेवा करने वाले किसानों से मुलाकात करने और आगामी कार्यक्रमों की तैयारियों के निर्देश देने पहुंचे थे।
चढूनी ने डबवाली प्लाजा पर किसान सभा को सम्बोधित करने के बाद पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि सरकार चाहती है किसी तरहां से किसान आंदोलन लम्बा खींचे। क्योंकि लम्बे आंदोलन के टूटने, और बदनाम करने के आसार अधिक हो जाते हैं। लेकिन अभी तक इस आंदोलन पर प्रकृति की विशेष कृपा है कि आंदोलन जितना लम्बा खींच रहा है उतना ही यह बड़ा रूप लेता जा रहा है।

चढूनी ने कहा कि ये जन आंदोलन है। 2 डिग्री तापमान के बीच आसमान और जमीन दोनों तरफ से पानी गिर रहा है ओर बीच में किसान बैठा हुआ। चढूनी ने तीखा हमला बोतले हुए कहा कि किसान इतनी तकलीफ के बीच दिल्ली की सीमाओं पर संघर्ष कर रहा है लेकिन राजा को पता नहीं कैसे निंद आ रही है। चढूनी ने कहा कि 8 जनवरी को किसानों और सरकार के बीच होने वाली वार्ता से उन्हें कोई खास उम्मीद नहीं है।
उन्हें लग रहा है कि शायद 8 जनवरी को यह वार्ता टूट जाएगी। किसानों ने सरकार से अब साफ शब्दों में जवाब मांगा है कि ये तीनों कानून रद्द सरकार करेगी या नहीं करेगी। किसानों के इस सवाल का जवाब 8 जनवरी को सरकार की तरफ से आ जाएगा। चढूनी ने कहा कि 26 जनवरी को किसान दिल्ली के भीतर ट्रैक्टर परेड करने के अलावा जिला स्तर पर भी परेड करेंगे।