कैथल में नहीं थम रहे ऑनर किलिंग के मामले, झूठी शान की खातिर दी जा रही बेटियों की कुर्बानियां

Edited By Manisha rana, Updated: 20 Jun, 2024 10:08 AM

cases of honor killing are not stopping in kaithal

मनोज-बबली हत्याकांड से फेमस हुए कैथल में ऑनर किलिंग के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे है। लोगों द्वारा समाज में झूठी शान के कारण लगातार बेटियों का कत्ल किया जा रहा है।

कैथल (जयपाल रसूलपुर) : मनोज-बबली हत्याकांड से फेमस हुए कैथल में ऑनर किलिंग के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे है। लोगों द्वारा समाज में झूठी शान के कारण लगातार बेटियों का कत्ल किया जा रहा है। जिनकी गलती सिर्फ इतनी होती है कि भारतीय संविधान से मिली आजादी के कारण वह बिना जाति और मजहब देखें अपना पसंदीदा जीवन साथी चुन लेती हैं। जिससे लड़की के परिवारजन इसे अपनी शान के विरुद्ध समझते हैं, इसी शान की खातिर वह अपने ही हाथों से पाली हुई बेटियों का कत्ल कर देते हैं। यह कोई पहला मामला नहीं है, जहां एक बेटी को इज्जत की खातिर मौत के घाट उतारा हो। इससे पहले न जाने कितने ऐसे मामले आए हैं, जहां अंतरजातीय प्रेम प्रसंग के चलते कई बेटियां सूली पर चढ़ गईं। कैथल में फिर से ये मामले सामने आने लगे हैं। बुधवार को इस साल का पहला मामला सामने आया है, जहां एक नाबालिग भाई ने शान की खातिर अपनी बड़ी बहन को मौत के घाट उतार दिया।

आरोपी ने किया सरेंडर 

पुलिस को दी शिकायत में मृतका के पति अनिल ने बताया कि वह अपनी पत्नी कोमल के साथ एक ही कॉलेज में पढ़ते थे। वहां पर उन दोनों की दोस्ती हुई थी। कॉलेज में मृतका कोमल बी.कॉम की छात्रा थी, जबकि अनिल ने बी.बीए में दाखिला लिया हुआ था। अनिल ने बीच में पढ़ाई छोड़ दी थी। इसके बाद उन्होंने 6 फरवरी 2024 में डबवाली में प्रेम विवाह किया था। इसके बाद से उसकी पत्नी के परिजन इस प्रेम विवाह से नाराज थे। वह 20 दिन के करीब कैथल सेफ हाऊस में रहे थे। इसके बाद वे फतेहाबाद में चले गए थे। वहां पर उसने चिकन का काम शुरू किया था। 20 दिन पहले ही वे कैथल आए थे। वहीं बीते दिन बुधवार दोपहर करीब दो बजे नाबालिग आरोपी भी उसकी बहन से मिलने उसके घर आया था। आरोपी करीब आधा घंटा तक उसके घर में अपनी बहन के साथ बैठा रहा। जहां पर उसने चाय व पानी भी पीया। कुछ समय बाद मृतका का पति अनिल ऊपर कमरे में चला गया। उसे कुछ समय बाद नीचे से गोली चलने की आवाज आई। तुरंत उसने नीचे देखा तो आरोपी फायर कर रहा था। आरोपी द्वारा पहले अपनी बहन कोमल को गोली मारी। इसके बाद अनिल की मां कांता और बहन अंजलि पर भी फायर शुरू कर दिए। इस फायरिंग में कोमल की गर्दन पर गोली लगी, जिससे उसकी मौत हो गई। मृतका की सास कांता देवी के पेट में गोली लगी और उसकी ननंद अंजलि की बाजू में लगी। जहां डॉक्टर ने दोनों को गंभीर अवस्था के चलते इलाज के लिए चड़ीगढ़ पी.जी.आई रैफर किया गया। पुलिस ने मृतिका के पति की शिकायत पर नाबालिग आरोपी व उसकी माता अमिता, पिता श्याम सिंह व मामा शिवम व रामफल के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज किया है। वहीं वारदात के बाद नाबालिग आरोपी ने इस्टाग्राम पर लाइव आकर अपनी बहन को मारने का कारण अंतरजातीय विवाह बताया। जिसके बाद उसने खुद ही पुलिस को सरेंडर कर दिया। जिसे जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया जाएगा।  

कैथल के गांव करोड़ा में हुआ था मनोज-बबली हत्याकांड

इससे पहले 2007 में कैथल के गांव करोड़ा के रहने वाले मनोज-बबली ने घर से भागकर शादी कर ली थी। इस जोड़े को परिजनों से जान से मारने की धमकी मिलने पर हाईकोर्ट से सुरक्षा की मिल गई थी, लेकिन उसके बाद भी 15 जून 2007 को बुटाना के पास मनोज-बबली का अपहरण कर लिया गया और करीब 10 दिन बाद दोनों के शव नारनौंद के समीप नहर में मिले थे। पुलिस ने मनोज-बबली हत्याकांड में जब गहनता से छानबीन की तो खुलासा हुआ कि बबली के परिजनों ने ही गोत्र विवाद के चलते दोनों का अपहरण कर उन्हें मौत के घाट उतारा था। जिसके बाद 2010 में करनाल कोर्ट ने 5 परिजनों को फांसी की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही अदालत ने इस मामले में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए किए थे।

बालू में पिता ने ली थी बेटी की जान

साल 2023 को पुलिस ने गांव बालू निवासी दंपती पर ऑनर किलिंग का केस दर्ज किया था। आरोप था कि बालू की 18 वर्षीय युवती कुछ समय से जिला हिसार के गांव खेड़ी चोपटा निवासी रोहित के संग प्रेम प्रसंग चल रहा था। 14 सितंबर को माफी ने फोन करके रोहित को अपने गांव बुला लिया। दोनों गुप चुप तरीके से घर से जाना चाहते थे। इसकी भनक परिवार को लग गई। परिवार ने माफी को काबू करके चुन्नी से गला घोंटकर हत्या कर दी। जिसका सात-आठ लोगों की मौजूदगी में दाह संस्कार भी कर दिया गया। पुलिस ने थाने के सिक्योरिटी एजेंट की शिकायत पर केस दर्ज करके आरोपी माता-पिता को गिरफ्तार कर लिया था। जिनको न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है।
 

पिता ने गला दबाकर बेटी को उतारा मौत के घाट

साल 2023 में गांव हजवाना में पिता ने 14 वर्षीय बेटी को रात के समय गला दबाकर हत्या कर दी। इसके शव को खुद-बुद्ध करने के लिए रात के 11:00 बजे गांव के ही श्मशान घाट में युवती के शव को जला दिया। बताते चलें कि नाबालिग के अपने ही पड़ोस में रहने वाले अनुसूचित जाति के युवक से प्रेम संबंध थे। 12 अगस्त को युवक व युवती घर से चले गए थे। पुलिस ने अगले ही दिन दिल्ली से दोनों को काबू कर लिया था। युवक को कोर्ट के आदेश पर न्यायिक हिरासत में भेज दिया था, जबकि युवती अपने मामा के घर चली गई थी। 10 दिन पहले ही वह घर लौटी थी। पिता ने 16 सितंबर की रात बेटी की गला घोंटकर हत्या कर दी और उसी दिन रात को 11 बजे अपने भाईयों के साथ मिलकर दाह संस्कार कर दिया। ग्रामीणों को बोल दिया कि बेटी ने रात को आत्महत्या कर ली थी। पूंडरी थाना के सिक्योरिटी एजेंट को गुप्त सूचना मिली तो हत्या करने, शव खुर्द बुर्द करने का केस दर्ज किया गया।

 
2020 में बड़सीकरी कलां में बेटी की कर दी थी हत्या

गांव बड़सीकरी में कलां में प्रेम संबंधों के चलते 15 साल की बेटी को मौत के घाट उतार दिया गया था। 6 अगस्त 2020 को कंट्रोल रूम में पुलिस को सूचना मिली कि बड़सीकरी कलां में परिवार ने बेटी की हत्या कर दी है, कुछ देर में दाह संस्कार के लिए लेकर जाने वाले हैं। पुलिस मौके पर पहुंची तो श्मशान घाट में चिता जल रही थी। जिसके पास कोई ग्रामीण नहीं था।

डीएसपी ने कहा कि समाज में अपनी इज्जत के कारण बेटी की हत्या करना बहुत ही घिनौना कार्य है। युवा उम्र में अगर कोई बेटा बेटी गलत कदम उठाते हैं तो उसमें कहीं ना कहीं परिवारजनों की चूक होती है। क्योंकि यदि शुरू से बच्चों को अच्छे संस्कार दिए जाएं और उनकी समय-समय पर मॉनिटरिंग की जाए तो भविष्य में इस तरह की घटना देखने को नहीं मिलेगी।

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