दोषियों को बचाने के लिए तैयार की फर्जी जांच रिपोर्ट, DFSC विभाग के 3 अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज

Edited By Mohammad Kumail, Updated: 22 Mar, 2023 03:01 PM

case registered against 3 officers of dfso department in yamunanagar

सीएम विंडो पर आई शिकायत पर बिना शिकायतकर्ता को बुलाये उसके फर्जी हस्ताक्षर कर उसे फ़ाइल कर दिए जाने का मामला सामने आया है...

यमुनानगर (सुमित ओबेरॉय) : सीएम विंडो पर आई शिकायत पर बिना शिकायतकर्ता को बुलाये उसके फर्जी हस्ताक्षर कर उसे फ़ाइल कर दिए जाने का मामला सामने आया है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि उसके द्वारा दी गई शिकायत पर कार्रवाई की बजाए विभाग के अधिकारियों को बचाने के लिए  झूठी जांच रिपोर्ट बना उसे फ़ाइल कर दिया गया। जबकि इस मामले में शिकायतकर्ता  से न तो कोई सम्पर्क किया गया और न ही उसे बुलाया गया और न ही उसने कोई हस्ताक्षर किए। फिर भी जांच रिपोर्ट में शिकायतकर्ता के संतुष्ट होने की बात लिखी गई। इस मामले में अब शिकायतकर्ता ने एसपी यमुनानगर को शिकायत दी है। जिसके बाद थाना शहर पुलिस ने जिला खाद्य एवं पूर्ति नियंत्रक विभाग के 3 अधिकारियों पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

जानकारी के अनुसार  कुरुक्षेत्र के गांव अमीन निवासी अमित रोहिला ने फ़ूड सप्लाई के अधिकारियों को बचाने का आरोप लगाते हुए एसपी यमुनानगर को एक  शिकायत दी है। जिस पर शहर यमुनानगर थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया है। रोहिला ने बताया कि उसने सितंबर 2021 में  जिला खाद्य एवं पूर्ति नियंत्रक कार्यालय यमुनानगर से आरटीआई के माध्यम से खाद्य एवं पूर्ति केंद्र जगाधरी के 4 डिपो धारकों के पास बने 18 फर्जी ओपीएच कार्डों के आवेदन की सत्यापित प्रतियां मांगी थी। इस आरटीआई का जवाब 4 अक्टूबर 2021 को उन्हें दिया गया। जिसमें बताया गया कि 18 फर्जी ओपीएच राशन कार्ड निरीक्षक सुखचैन सिंह व उप निरीक्षक गुलशन कुमार द्वारा जारी किए गए थे। उन्होंने दोनों अधिकारियों के खिलाफ 18 नवंबर को सीएम विंडो पर शिकायत दी। इस सीएम विंडो का जवाब विभाग की ओर से अपलोड किया गया। जिसमें कहा गया कि शिकायतकर्ता की शिकायत का अवलोकन सहायक खाद्य एवं पूर्ति अधिकारी वीरेंद्र कुमार द्वारा कर लिया गया है। राशन कार्ड से संबंधित दस्तावेज दिखाकर व राशन कार्ड फर्जी होने के बारे में उन कार्ड धारकों को शिकायतकर्ता के सामने बुलाकर समझा दिया गया है। जिससे वह संतुष्ट है और शिकायत को दफ्तर दाखिल किया गया। जब सीएम विंडो पर अपनी शिकायत की जांच रिपोर्ट देखी तो वह हैरान रह गया। आरोप है कि उनसे  विभाग की ओर से न तो फोन पर संपर्क किया गया और न ही कोई कार्यालय में बुलाने का पत्र लिखा गया है।

आरोप है कि डीएफएसओ सुनील शर्मा, एएफएसओ वीरेंद्र कुमार व निरीक्षक रंजन यादव ने इस मामले में दोषी अधिकारियों को बचाने के लिए फर्जी जांच रिपोर्ट तैयार की। इस बारे में सीएम विंडो सेल के अधिकारी को फोन कर जानकारी दी तो यह शिकायत रिओपन की गई। रिओपन की गई शिकायत को भी दोबारा से फर्जी साइन कर दफ्तर दाखिल कर दिया गया। उन्होंने मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। वहीं थाना शहर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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