Edited By Isha, Updated: 09 Oct, 2024 04:56 PM
इंडियन नेशनल लोकदल के साथ गठबंधन करके हरियाणा विधानसभा चुनाव में उतरी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) यूं तो अपना खाता नहीं खोल पाई, लेकिन कुछ सीटों पर हाथी ने अच्छा दम दिखाया। एक सीट पर तो पार्टी जीत के बेहद करीब पहुंच गई। दोपहर तक बसपा उम्मीदवार
हरियाणा डेस्कः इंडियन नेशनल लोकदल के साथ गठबंधन करके हरियाणा विधानसभा चुनाव में उतरी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) यूं तो अपना खाता नहीं खोल पाई, लेकिन कुछ सीटों पर हाथी ने अच्छा दम दिखाया। एक सीट पर तो पार्टी जीत के बेहद करीब पहुंच गई। दोपहर तक बसपा उम्मीदवार सबसे आगे थे और तब तक भाजपा के एक दिग्गज की साख दांव पर लगी रही। हालांकि, अंत में हाथी की चाल कुछ धीमे पड़ी और दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा।
यह दिलचस्प मुकाबला हुआ महेंद्रगढ़ जिले की अटेली सीट पर। भाजपा ने यहां दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती सिंह राव को टिकट दिया था। आरती का यह पहला चुनाव उनके लिए बेहद मुश्किल रहा। बसपा के अत्तर लाल ने यहां बेहद मजबूत लड़ाई लड़ी। दोपहर तक वह लगातार आगे चलते रहे। बाद में वह आरती से पिछड़ गए।
बसपा को इस सीट पर 54652 वोट मिले। लाल आरती से 3085 वोटों से चुनाव हार गए। यहां कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही। कांग्रेस की अनिता यादव को 30 हजार वोट मिले। आम आदमी पार्टी के सुनील राव को यहां महज 220 वोट हासिल हुए। अत्तर लाल भले ही चुनाव हार गए लेकिन जिस तरह उन्होंने भाजपा के दिग्गज राव इंद्रजीत सिंह की साख को मुश्किलों में डाला उसकी खूब चर्चा हो रही है। राव दक्षिण हरियाणा के कद्दावर नेता हैं और मुख्यमंत्री पद के लिए भी दावेदारी पेश करते रहे हैं।