किसानों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर बोले हुड्डा- अन्नदाता पर लाठी बरसाना घोर अपराध

Edited By vinod kumar, Updated: 10 Sep, 2020 07:55 PM

bhupendra singh hooda expressed anger over lathi charge on farmers

पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कुरुक्षेत्र के पीपली में आयोजित किसान रैली में जा रहे किसानों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर आक्रोश जाहिर किया है। हुड्डा का कहना है कि लोकतंत्र में जनता की आवाज़ को लठतंत्र से दबाया नहीं जा...

चंडीगढ़ (धरणी): पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कुरुक्षेत्र के पीपली में आयोजित किसान रैली में जा रहे किसानों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर आक्रोश जाहिर किया है। हुड्डा का कहना है कि लोकतंत्र में जनता की आवाज़ को लठतंत्र से दबाया नहीं जा सकता। लोकतंत्र में हर किसी को अपनी आवाज़ उठाने और कहीं भी जाने का अधिकार है। वो खुद शुक्रवार को पिपली कुरुक्षेत्र जाएंगे और किसान, मजदूर और आढ़तियों से मुलाक़ात करेंगे। 

अन्नदाता अपनी जायज मांगों के लिए आंदोलन कर रहे हैं। कोरोना काल में किसान विरोधी 3 अध्यादेश लाकर सरकार ने खुद किसान को सड़क पर आने के लिए मजबूर किया है। बिना सदन में चर्चा और एमएसपी की गारंटी के कोई भी अध्यादेश किसानहित में नहीं हो सकता। अगर सरकार व्यवस्था में कोई परिवर्तन करना चाहती है तो उसे मंडी और एमएसपी व्यवस्था के संरक्षण की गारंटी देनी होगी। बीजेपी को अपने वादे के मुताबिक लागत और स्वामीनाथन के सी2 फार्मूले पर एमएसपी देनी होगी।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार कोरोना का हवाला देकर किसान की आवाज दबाना चाहती है। लेकिन वो इसी कोरोना काल में किसानों पर 3 अध्यादेश थोप रही है। अगर उसे किसान और कोरोना की इतनी ही चिंता है तो वो 3 अध्यादेशों को लेकर इतनी जल्दबाजी क्यों दिखा रही है। 

एक तरफ बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार किसानों को चौतरफ़ा मार मारने में लगी है और दूसरी तरफ़ वो किसान को रोने भी नहीं देती। किसान जब भी अपने हक की आवाज़ बुलंद करता है तो उसे लाठियों से दबाने की कोशिश की जाती है। वीरवार को कुरुक्षेत्र में जो हुआ, वह ना सिर्फ अलोकतांत्रिक बल्कि अमानवीय भी है। अन्नदाता 135 करोड़ भारतीयों का पेट भरता है। उसके पेट या शरीर पर लाठी चलाने का अधिकार किसी को नहीं है। 

उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र में हुए आंदोलन में हिस्सा लेने पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ व पूर्व मंत्री अरोड़ा और विधायक मेवासिंह के साथ सैंकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किसानों के साथ गिरफ्तारी भी दी। किसानों के हर आंदोलन और संघर्ष में कांग्रेस उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। किसान विरोधी 3 अध्यादेशों को तब तक लागू नहीं होने दिया जाएगा, जब तक इसमें रूस्क्क की गारंटी शामिल ना हो। इसके लिए बेशक सरकार को चौथा अध्यादेश लाना पड़े, जिसमें प्रावधान हो कि एमएसपी से कम रेट पर खऱीदने वाली एजेंसी पर क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी। अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो सड़क से लेकर विधानसभा और संसद तक इन अध्यादेशों का विरोध जारी रहेगा।

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