भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने की विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग, कांग्रेस विधायकों के साथ पहुंचे राजभवन

Edited By Shivam, Updated: 18 Sep, 2020 04:38 PM

bhupendra singh hooda demands to call a special session of assembly

कांग्रेस ने 3 नए कृषि कानूनों के मुद्दे पर प्रदेश सरकार को चौतरफा घेरने की तैयारी कर ली है। लगातार किसानों के बीच पहुंच कर इन कानूनों की खिलाफत कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा अब राज्यपाल के पास पहुंचे हैं। हुड्डा के...

चंडीगढ़ (धरणी): कांग्रेस ने 3 नए कृषि कानूनों के मुद्दे पर प्रदेश सरकार को चौतरफा घेरने की तैयारी कर ली है। लगातार किसानों के बीच पहुंच कर इन कानूनों की खिलाफत कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा अब राज्यपाल के पास पहुंचे हैं। हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों का प्रतिनिधिमंडल राजभवन पहुंचा और विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। 

भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि आज प्रदेश के किसानों पर 3 काले कानूनों का संकट मंडरा रहा है। इसलिए जरूरी है कि सभी पार्टियां किसानहित में एकसाथ इसके खिलाफ आवाज उठाएं। पंजाब की तर्ज पर विधानसभा का सत्र बुलाकर इन तीनों कानूनों को सिरे से खारिज किया जाए। इन कानूनों पर सदन में चर्चा करवाई जाए ताकि लोगों को भी पता चले कि कौन सी पार्टी और विधायक किसान समर्थक है और कौन सी विरोधी। 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इसके लिए विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया जाए कि कृषि और मंडी व्यवस्था राज्य का मामला है। इसको ध्वस्त करने वाले और बिना एमएसपी की गारंटी के ये कानून राज्य को मंज़ूर नहीं है। साथ ही विधानसभा में एक बिल लाया जाए, जिसमें किसानों को स्वामीनाथन के सी2 फार्मूले के तहत एमएसपी की गारंटी दी जाए। इसमें प्रावधान जोड़ा जाए कि अगर कोई प्राइवेट एजेंसी एमएसपी से कम पर किसान की फसल खरीदती है तो उसे कानूनी सजा दी जाएगी। 

अगर सरकार ऐसा नहीं करती तो कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक हर मंच पर इसका विरोध करेगी और सरकार को कानून वापिस लेने पर मजबूर कर देगी। अगर फिर भी सरकार अपनी जिद पर अड़ रही तो प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही इन काले कानूनों को खत्म किया जाएगा।

हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए हुड्डा ने कहा कि ये अकाली दल द्वारा देर से लिया गया मामूली फैसला है। हरियाणा सरकार में गठबंधन सहयोगी जेजेपी पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि अगर गठबंधन सहयोगी किसान हितैषी होते तो अबतक सरकार से अलग हो गए होते, लेकिन उन्हें किसान हित से ज्यादा कुर्सी प्यारी है। 

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसून सत्र में कांग्रेस ने किसान विरोधी 3 अध्यादेशों समेत कई मुद्दों पर चर्चा के लिए स्थगन और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिए थे, लेकिन सरकार ने मुख्यमंत्री, स्पीकर और कई विधायकों के संक्रमित होने का हवाला देते हुए चर्चा से इंकार कर दिया था। इसलिए कांग्रेस की मांग है कि राज्यपाल इन तमाम मुद्दों पर चर्चा के लिए अब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएं। क्योंकि अब मुख्यमंत्री, स्पीकर, कृषि मंत्री और सभी विधायक स्वस्थ हैं। प्रदेश की जनता और विपक्ष सरकार से कई मुद्दों पर जवाब चाहते हैं। इसके लिए जरूरी है कि सदन बैठे और सत्तापक्ष उनके सवालों का जवाब दे।

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