भारतीय किसान कामगार अधिकार मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने की केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से मुलाकात

Edited By Deepak Kumar, Updated: 27 Jan, 2025 05:36 PM

bhartiya kisan kamgar adhikar morcha delegation met manohar lal

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के साथ भारतीय किसान कामगार अधिकार मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री नरेंद्र सिंह कश्यप की अगुवाई में किसान कामगार अधिकार मोर्चा के...

चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी): केंद्रीय ऊर्जा, आवासन एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल के साथ भारतीय किसान कामगार अधिकार मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री नरेंद्र सिंह कश्यप की अगुवाई में किसान कामगार अधिकार मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल के साथ सौहार्दपूर्ण माहौल में वार्ता हुई। प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री को पावर ग्रिड को लेकर दिल्ली में धरने पर बैठे किसानों की ओर से मांग पत्र सौंपा। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने आश्वासन दिया कि किसानों हर समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है। पावरग्रिड से संबंधित समस्या को भी सुलझाने का भरोसा दिलाया। 

दरअसल, औचंदी बार्डर पर पिछले दो सालों से किसान अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं। हाई ट्रांसमिशन लाइन बिछाने के कारण दिल्ली के 19 गांवों से होकर गुजरने वाली है, जिसका असर ग्रामीण क्षेत्र के किसानों पर पड़ रहा है। दिल्ली सरकार के समक्ष कई बार किसानों ने इस मांग को उठाया, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला। 

भारतीय किसान कामगार अधिकार मोर्चा ने मांग कि किसानों की 80 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण की वैधता को घटाकर 30 प्रतिशत करने कोई प्रयास नहीं किया जाना चाहिए। जो व्यक्ति पीड़ित है, उसे उपयोगकर्ता समिति से बाहर रखा गा है। पिलोन संरचना के लिए चार पिल्लरों की आवश्यकता होती है, जिस पर पोल खड़ा होता है, जो लाइन की श्रेणी/क्षमता पर निर्भर करता है, जो अलग-अलग आयाम होते हैं। 765केवी के एक पिल्लर के लिए गड्ढे की नींव के लिए 8एमx 8.5एम के आयामों की आवश्यकता होती है, और फिर टावर बेस क्षेत्र के 1 मीटर अतिरिक्त मापने का कोई तर्क नहीं है। इसे 1 मीटर के बजाय कम से कम 6 मीटर मापा जाना चाहिए। किसानों को मार्केट रेट के हिसाब से मुआवजा दिया जाना चाहिए। 

कामगार अधिकार मोर्चा ने मांग कि नीति के तहत किसान की बची हुई जमीन के मूल्य में कमी आने के मुद्दे का कोई हल नहीं निकाला गया, क्योंकि बची हुई जमीन का भाव मार्केट रेट से 40 फीसदी कम हो जाता है। कर्नाटक आदि कुछ राज्य अपनी इच्छा से या न्यायालय के निर्णय के बाद अधिक मुआवजा प्रदान करते हैं, उसी तर्ज पर किसानों को मुआवजा दिया जाना चाहिए। 

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की समृद्धता को लेकर गंभीर है, विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने में कृषि का अहम योगदान रहेगा। इसलिए केंद्र सरकार की प्राथमिकता है कि विकास परियोजनाओं में शामिल होने वाली भूमि को लेकर कोई विवाद न हो और किसानों को मुआवजे की उचित दर मिले।

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