छोटी सरकार के पहले अपना कुनबा बढ़ाने में लगी कांग्रेस, चुनाव फतह को लेकर कांग्रेसी हुए सक्रिय

Edited By Shivam, Updated: 14 Sep, 2021 05:02 PM

before small government congress engaged in increasing its clan

प्रदेश में भले ही उपचुनाव एवं पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ लेकिन राजनीतिक दल इन चुनावों में फतेह हासिल करने की रणनीति बनाने में जुट गए हैं। इन चुनाव के पहले कांग्रेस जहां अपना कुनबा बढ़ाने में लग गई है, तो राजनीतिक दलों में सेंधमारी कर...

रेवाड़ी/महेंद्रगढ़ (योगेंद्र सिंह): प्रदेश में भले ही उपचुनाव एवं पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ लेकिन राजनीतिक दल इन चुनावों में फतेह हासिल करने की रणनीति बनाने में जुट गए हैं। इन चुनाव के पहले कांग्रेस जहां अपना कुनबा बढ़ाने में लग गई है, तो राजनीतिक दलों में सेंधमारी कर एक-दूसरे के कार्यकर्ताओं को अपने पाले में लाने का दौर भी चल रहा है। दूसरी ओर पूर्व केंद्रीय मंत्री किरण चौधरी लगातार अपने क्षेत्र में जनसंपर्क कर लोगों से रूबरू हो रही हैं। किसान आंदोलन एवं कोरोना महामारी काल की लोगों की नाराजगी का फायदा उठाने के लिए कांग्रेस कोई भी मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहती है और इसके लिए वह लोगों से संवाद कर उनसे नजदीकियां बढ़ाने में लगी हैं। पंचायत एवं स्थानीय निकाय के चुनाव को देखते हुए इस समय प्रदेश में सभी राजनीतिक पार्टियां सक्रिय हैं और लोगों को अपने पाले में करने की जुगत लगा रही हैं।

ऐलनाबाद में उपचुनाव होना हैं और इसी के चलते वहां पर राजनीतिक सरगर्मियां अपने चरम पर है। विधानसभा चुनाव भाजपा टिकट पर लड़कर दूसरे नंबर पर रहे पवन बेनीवाल ने सोमवार को ही कांग्रेस का दामन थाम लिया है। वहीं हिसार के भाजपा नेता अशोक गोयल भी पाला बदलते हुए कांग्रेस खेमे में चले गए हैं। यह तो एक बानगी है आने वाले समय में इस प्रकार की सेंधमारी का दौर आगे भी देखने को मिल सकता है। दरअसल प्रदेश में उपचुनाव के साथ ही पंचायत व स्थानीय निकाय के चुनाव होने हैं और इसी के चलते इन चुनाव में फतेह के लिए राजनीतिक पार्टियों अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुट गई हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस इस समय अपना कुनबा बढ़ाने पर अधिक जोर दे रही है। कारण कांग्रेस फिलहाल कई खेमों में बंटी हुई है और प्रदेशाध्यक्ष की बागड़ोर संभाल रही कुमारी शैलजा खुद को मजबूत करते हुए पार्टी का कुनबा बढ़ाने की जुगत लगा रही हैं।

कुमारी शैलजा को यह भलीभांति पता है कि यदि उपचुनाव व छोटी सरकार के चुनाव में कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन किया तो आने वाले विधानसभा चुनाव तक पार्टी में उनकी तू-तू बोलेगी। अहीरवाल में भी कांग्रेस व इनैलो इस समय अपने-अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए उनका उत्साह बढ़ाने में लगी है। पूर्व मंत्री किरण चौधरी भी अहीरवाल क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं और लगातार जनसभाएं व रैलियां कर लोगों से सीधा-सीधा संवाद कर रही हैं। भाजपा की बात करें तो मंत्री तो किसानों के विरोध के कारण बाहर नहीं निकल पा रहे लेकिन प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ संगठन कार्यकर्ताओं की मदद से लोगों से संपर्क करने की कोशिश लगातार कर रहे हैं। जजपा भी अहीरवाल क्षेत्र में अपने पैर जमाने की कोशिश कर रही है। इसके लिए उसके नेता यहां का भ्रमण कर रहे हैं, तो अपने कार्यकर्ताओं का लगातार उत्साह भी बढ़ा रहे हैं। आने वाले समय में अहीरवाल में भी कुछ नेता कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। इसको लेकर राजनीतिक पार्टियों के पदाधिकारी लगातार एक-दूसरे के स्थानीय नेताओं से संपर्क बनाए हुए हैं।

कुमारी शैलजा व चौटाला लगातार कर रहे लोगों से संवाद
कांग्रेस की बात करें तो पार्टी को मजबूत करने का जिम्मा प्रदेशाध्यक्ष कुमारी शैलजा ने अपने कंधों पर उठा रखा है। इसके लिए वह लगातार कार्यकर्ताओं से फीड बैक लेकर उनसे रूबरू हो रही हैं। साथ ही आम लोगों से भी मुलाकात का दौर जारी है। दूसरी और इनैलो सुप्रीमो व पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला भी लगातार प्रदेशभर का भ्रमण कर अपने कार्यकर्ताओं को एकजुट करने में लगे हैं। चौटाला पार्टी के पास भले ही विधानसभा की एक भी सीट नहीं है लेकिन फिर भी वह सत्ता परिवर्तन का सपना देख रहे हैं और मध्यावधि चुनाव की संभावनाएं भी जता रहे हैं। यह दोनों पार्टी किसान आंदोलन व कोरोना महामारी के समय से प्रदेश की नाराज जनता को अपने पाले में करने की जुगत लगा रहे हैं। 

अहीरवाल एरिया में भाजपा में चल रहा शह-माह का खेल
अहीरवाल की चौधर पर आधिपत्य भले ही अभी तक केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का रहा हो लेकिन अब भाजपा ने वहां केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को सक्रिय कर वहां पर पार्टी की पकड़ मजबूत बनाने का अभियान शुरू कर दिया है। भाजपा लगातार व्यक्ति विशेष के बजाए पार्टी को मजबूत करने पर जोर देती रही है। भूपेंद्र यादव ने यहां पर जनसभा, स्वागत समारोह व रैलियां कर बदलाव की आहट को तेज कर दिया है। राव इंद्रजीत सिंह भी शहीदी दिवस के अवसर पर अहीरवाल क्षेत्र में शक्ति प्रदर्शन कर अहीरवाल की असल चौधर होने का दावा कर सकते हैं। भले ही भाजपा इन दोनों के सक्रिय रहने से अपनी पार्टी को मजबूत करने का दावा कर रही लेकिन हकीकत यह है कि अंदरखाने इन दोनों दिज्गजों के बीच शह-मात का खेल चल रहा है।

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