Edited By Isha, Updated: 17 Jan, 2024 05:51 PM
सोनीपत के खानपुर कला में बने महिला मेडिकल कॉलेज में पहुंचने वाले मरीजों के सामने खराब सड़के लंबे समय से एक बड़ी समस्या बनी हुई थी, जिनके जल्द सुधार की संभावनाएं नजर आने लगी है। इस मामले को लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने स्वयं
चंडीगढ़(चन्द्र शेखर धरणी): सोनीपत के खानपुर कला में बने महिला मेडिकल कॉलेज में पहुंचने वाले मरीजों के सामने खराब सड़के लंबे समय से एक बड़ी समस्या बनी हुई थी, जिनके जल्द सुधार की संभावनाएं नजर आने लगी है। इस मामले को लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने स्वयं गंभीरता दिखाते हुए उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को लिखित अनुरोध भेजा है। क्योंकि पीडब्ल्यूडी विभाग की जिम्मेदारी दुष्यंत चौटाला के पास है। दरअसल इस गंभीर मसले को लेकर बीपीएस गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज फॉर वूमेन खानपुर कला के डायरेक्टर जगदीश चन्द्र दुरेजा ने मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च हरियाणा के डायरेक्टर को एक पत्र लिखकर इसकी विषय पर संज्ञान लेने के लिए लिखा था। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के संज्ञान में आते ही इस विषय को लेकर अनिल विज काफी गंभीर नजर आए और उन्होंने तुरंत प्रभाव से अपने प्रयास तेज कर दिए।
बता दें कि गोहाना से खानपुर कला वाया गामड़ी, एनएच 71 से खलाना खास से खानपुर कला, किलोई से रिठाल से मोई से रबेडा से सिकंदरपुर से खेडी दुमकान से खानपुर कला तथा जीटी रोड से खानपुर कला तक की फोर लाइन की स्थिति बेहद खराब होने की वजह से मेडिकल कॉलेज में मरीज को पहुंचने में बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। इस महत्वपूर्ण विषय पर हुए पत्राचार में स्वास्थ्य मंत्री के संज्ञान में लाया गया कि आसपास के सरकारी अस्पतालों से रेफर किए गए मरीजों तथा मेडिकल कॉलेज के स्टाफ को सड़कों की खस्ता हालत के कारण पहुंचना काफी मुश्किलों भरा रहता है और बरसात के दिनों में तो सड़कों की स्थिति ओर अधिक दयनिय बन जाती है। इस मेडिकल कॉलेज का सड़क संपर्क आसपास से कहीं भी ठीक ना होने के कारण गंभीर मरीजों की जान पर बन आती है।
2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ने सड़क संपर्क बेहतर देने का किया था वायदा
दरअसल पत्र के अनुसार 2-11-2011 को तत्कालीन मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हुई बैठक में मेडिकल कॉलेज को सड़क संपर्क बेहतर प्रदान किए जाने के आदेश किए गए थे। इस बैठक में इन चारों सड़कों को बेहतर बनाए जाने पर सहमति हुई थी। लेकिन आज इन सड़कों की हालत बेहद खराब है। बता दे कि आसपास के जिलों पानीपत- सोनीपत- जींद इत्यादि के सरकारी अस्पतालों में आने वाले गंभीर रूप से घायल व बीमार मरीजों को खानपुर कला मेडिकल कॉलेज में रेफर किया जाता है। बहुत से मरीजों की हालत बेहद गंभीर भी होती है जिस कारण से अस्पताल में पहुंचने तथा उचित समय पर इलाज मिलने में देरी होने के कारण अप्रिय घटना भी घट जाती है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने अपने पत्राचार में सही सड़क संपर्क प्रदान करने के साथ-साथ कम चौड़ी सड़कों को अधिक चौड़ा बनाए जाने का भी अनुरोध किया है।
केवल इमारतों पर करोड़ों खर्च कर सफेद हाथी किया गया तैयार
बता दें कि भगत फूल सिंह गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज फॉर वूमेन एक सार्वजनिक महिला मेडिकल कॉलेज है। यह स्वतंत्र भारत का पहला सरकारी महिला मेडिकल कॉलेज है। 1914 में दिल्ली में स्थापित लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के बाद उत्तर भारत का यह पहला ऐसा संस्थान है। कॉलेज का उद्घाटन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2013 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार के दौरान किया गया था। लेकिन जिस तरह से यहां पर्याप्त सुविधाएं दी जानी चाहिए थी नहीं दी गई। केवल इमारतों पर करोड़ों रुपए खर्च कर एक सफेद हाथी तैयार कर दिया गया। लेकिन इसे इस्तेमाल लायक इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं दिया गया। आज हालात यह है कि इसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होना एक आम बात है। पद खाली पड़े हैं। पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध न होने के कारण अधिक मरीज नहीं पहुंचते। बाहर मौजूद दुकानदार खाली बैठे नजर आते हैं। पूर्व की सरकार ने अपने राजनीतिक गणित (लाभ हानि) को देख रोहतक पीजीआई को पूरी तरह से आधुनिक बनाया। अधिक सुविधाएं और बेहतर चिकित्सक वहां दिए गए। हालत यह हो गए हैं कि इस महिला मेडिकल कॉलेज को एक मार्चरी तक की उपाधि जनता द्वारा दी जाती है।
जितनी भी सुविधाएं चाहिए, महिला मेडिकल कॉलेज मैं दूंगा : विज
आज प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जहां इस ओर गंभीर हैं वहीं डायरेक्टर जगदीश चंद्र दुरेजा भी पूरे प्रयास करते नजर आ रहे हैं। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने डायरेक्टर को निर्देश दिए है कि मैं इस महिला मेडिकल कॉलेज को पीजीआई के बराबर देखना चाहता हूं। जितनी अधिक सुविधाएं चाहिए मैं दूंगा। प्रपोजल बनाओ। अनिल विज ने इस विषय पर साफ किया है कि लगातार रोहतक पीजीआई पर दबाव बढ़ रहा है, मरीजों की भरमार के कारण वहां चिकित्सक भी पूरी तरह से मरीजों को अटेंड नहीं कर पाते। इस दबाव को कम करने के लिए भगत फूल सिंह सरकारी महिला मेडिकल कॉलेज में सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी। यहां लिवर- किडनी और हार्ट डिसीजीज से संबंधित हर प्रकार का इलाज होगा। एंबुलेंस इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाएगा। सौर ऊर्जा के प्लांट लगाए जाएंगे ताकि मेडिकल कॉलेज सेल्फ डिपेंड हो पाए। अनिल विज ने डायरेक्टर जगदीश चंद्र दुरेजा के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक कर इस प्रकार के कई दिशा निर्देश दिए हैं।
हरियाणा को 2025 तक टीबी रोग मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है विज ने
टीबी अस्पताल की खस्ता हालत सुधार हेतु एक विधायक द्वारा स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से एक सार्वजनिक मंच पर आवेदन किया गया था जिस पर तुरंत प्रभाव से उन्होंने न केवल टीबी अस्पताल बल्कि टीबी इंस्टीट्यूट बनाने की घोषणा कर दी थी। जिसमें सभी प्रकार की लैबोरेट्रीज, दो आईसीयू व अन्य सभी आवश्यक सुविधाएं एक छत के नीचे उपलब्ध होगी। आसपास के चार-पांच राज्यों को इसका लाभ होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वायदा करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार, हमारे चिकित्सक, स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी जान की बाजी लगाकर उनके 2025 तक ''प्रधानमंत्री टीवी मुक्त भारत अभियान'' को हरियाणा में सफल बनाएंगे। हमारे प्रदेश में 2025 के बाद टीवी का एक भी मरीज नहीं रहेगा जो कि आज लगभग 63000 है। हम लगातार इन व्यवस्थाओं पर काम कर रहे हैं।
विज ने कहा था :-मनोहर खजाने में पैसा ही पैसा है, जितने कैंसर अस्पताल कहोगे बनाकर दे देंगे
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के संज्ञान में जहां-जहां अस्पताल, सीएचसी या पीएचसी की जरूरत के बात आई उन्होंने तुरंत बनाने के आदेश जारी कर दिए। हैं। यमुनानगर, शाहाबाद, पानीपत, कुरुक्षेत्र और बहादुरगढ़ के अस्पताल इसके स्वयं उदाहरण है। गुड़गांव में 700 बेड का मल्टीनेशनल अस्पताल बनाया गया है। प्रदेश में टूटी-फूटी 162 पीएचसी को तोड़कर नए बनाने के आदेश हुए। वह जमाना बीत गया जब टूटी-फूटी बिल्डिंग में चोती छत और पुराने लड़खड़ाते पखे के नीचे 300 मरीजों की लाइन के इलाज के लिए बैठे एक चिकित्सक से हम उम्मीद करते थे कि वह अमेरिका जैसा व्यवहार करें। विज का मानना है कि उसके लिए हमें वैसा ही माहौल देना होगा। अच्छी बिल्डिंग अच्छे पंखे-एसी लगाकर देने का कार्य हुआ है। आज अंबाला छावनी में बने कैंसर अस्पताल में पूरे उत्तर भारत के मरीज आते हैं। चिकित्सको की एक ओर कैंसर अस्पताल बनाने की मांग पर बड़ा दिल दिखाते हुए विज ने कहा था कि मनोहर लाल के खजाने में पैसा ही पैसा है, जितने कहोगे बनाकर दे देंगे। अंबाला में आर्मी से कैंसर अस्पताल के विस्तार के लिए 14 एकड़ जमीन की मांग की गयी है जहां स्पांइल इंजरी सेंटर मंजूर है, वहां आईसीयू भी बनेगा। पहले जिन सरकारी अस्पतालों में चोट पर पट्टी का भी इंतजाम नहीं होता था, उनमें आज प्लास्टिक सर्जरी और स्टंट डालने का काम हो रहा है। चार अस्पतालों में कैथलब चल रही है। किसी ने नहीं सोचा था कि सरकारी अस्पतालों में दिल का कभी इलाज होगा। यह सब विज की इच्छा शक्ति के कारण संभव हो पाया है।
प्रस्तुति:- चंद्रशेखर धरणी