विज की रामबिलास शर्मा व धनखड़ से जादू की झप्पी बनी राजनैतिक सुर्खी, गब्बर ने लिखा-"ये दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे"

Edited By Saurabh Pal, Updated: 29 Apr, 2024 07:22 PM

anil vij s meeting with ram vilas and dhankhar increases political stir

प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल विज की दिल्ली और गुड़गांव परिक्रमा में रामविलास शर्मा व ओमप्रकाश धनखड़ से हुई मुलाकात राजनैतिक हलकों में चर्चा का कारण बन गई है। रामविलास शर्मा की जादू की झप्पी और ओमप्रकाश धनखड़ द्वारा किया उनका वेलकम मीडिया में...

चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी): प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल विज की दिल्ली और गुड़गांव परिक्रमा में रामविलास शर्मा व ओमप्रकाश धनखड़ से हुई मुलाकात राजनैतिक हलकों में चर्चा का कारण बन गई है। रामविलास शर्मा की जादू की झप्पी और ओमप्रकाश धनखड़ द्वारा किया उनका वेलकम मीडिया में खूब सुर्खियां बटोर रही है। यह मुलाकात बेशक पूरी तरह से सामाजिक-पारिवारिक तथा शिष्टाचारिक रही हो, बावजूद इसके राजनीतिक पंडित इस पर तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं। मीडिया व सोशल मीडिया में तरह-तरह की चर्चाएं तेजी पकड़े हुए है और राजनीतिक प्रतिद्वंदी इस चहलकदमी से लगातार परेशान हैं।

सोमवार को विज ने सोशल मीडिया पर ''ये दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे" की एक लाइन लिख राजनीतिक पारे को ओर उफान पर चढ़ा दिया। दरअसल, भाजपा के बुरे दौर में झंडा उठाने वाले यह तीनों लोग आज पार्टी की मुख्यधारा से दूर किए हुए हैं। खासतौर पर बेहद लोकप्रिय नेता अनिल विज जिन्होंने ताउम्र संगठन और पार्टी पर न्योछावर कर दी। उस दौरान अनिल विज- रामविलास शर्मा सरीखे नेताओं ने ही पार्टी के लिए तत्कालीन सरकारों से खूब लोहा लिया, लेकिन आज जब संसदीय चुनावों से ठीक पहले एकाएक मुलाकात हुई है तो चर्चाएं तो पैदा होनी ही थी।

हम मित्र मिले भी हैं और मिलते रहेंगे भी: विज

इस महत्वपूर्ण विषय पर चंडीगढ़ पहुंचे अनिल विज से विस्तार से चर्चा हुई। उन्होंने साफ कहा कि रामविलास शर्मा मेरे बहुत पुराने मित्र हैं और दिल्ली 1 साल के बाद जाने का मौका मिला, इसलिए उनसे मिलना ही था और मुझे गुड़गांव में भी काम था। वहां रामविलास शर्मा और ओमप्रकाश धनखड़ से भी मिला जो कि मेरे बहुत अच्छे मित्र हैं और उनसे मिलना कोई अपराध भी नहीं है। हम मित्र हैं इसलिए मिले भी हैं और मिलते रहेंगे भी। हमारी दोस्ती कोई आज की नहीं बल्कि 35-40 साल पुरानी है। रामविलास शर्मा जब अंबाला कैंट आते थे तो मेरे घर पर ही सोते थे, उनके साइज की मेरे घर पर चारपाई नहीं होती थी तो दो चारपाईया जोड़ देते थे।

उन्होंने कहा कि क्या और क्यों हम लोगों से मिलना जुलना छोड़ दें। अनिल विज ने कहा कि राजनीतिक चर्चाएं जो लोग निकालते हैं इसका मतलब कि हमारा कोई सामाजिक दायित्व या दायरा ही नहीं है। हमारी कोई राजनीतिक पहचान नहीं है। क्या हम लोगों से नहीं मिल सकते, बात नहीं कर सकते, ऐसा क्यों और ऐसा कौन सी किताब में लिखा है और इससे किसे ऐतराज है, जिसे ऐतराज है वह मेरे सामने आए और बताएं मैं उसका जवाब दूंगा। अनिल विज ने पुराने समय को याद करते हुए बताया कि मैं उस दौर में जब बैंक में नौकरी करता था और साथ-साथ पार्टी का काम भी करता था, उस समय यह साथी खूब अंबाला छावनी आते थे और तभी से मेरी उनके साथ अच्छी दोस्ती है और तभी से मेरा संबंध है।

बीरेंद्र पार्टी को छोड़कर क्यों गए, मुझे कोई जानकारी नहीं 

बीरेंद्र डूमरखा कांग्रेस में गए भी और टिकट फिर भी नहीं मिली इस प्रश्न पर बोलते हुए विज ने कहा कि वह क्या सोचकर कांग्रेस में गए मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। लेकिन एक बात अवश्य मानता हूं कि जो व्यक्ति भी हमारे पास आ गया हमें हर हालत में उसे अपने साथ रखने की कोशिश करनी चाहिए। हालांकि उन्होंने पार्टी छोड़ने के कारणों पर पूरी तरह से पूर्णविराम लगाते हुए कहा कि यह बड़े लोगों की बातें हैं, क्या था और क्या नहीं था और वह पार्टी को छोड़कर क्यों गए, इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है,  मैं केवल सैद्धांतिक बातें कर रहा हूं।

चुनाव चाहे 1 बार करवा लो या 1000 बार, सभी 10  सीटें हमारे पक्ष में रहेगी : विज

हरियाणा में लोकसभा चुनावों के नतीजा क्या रहेंगे, इस पर उन्होंने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह साफ नजर आ रहा है, आप इन्हें (कांग्रेसियों) को खड़ा मत देखो, इन्हें 4 तारीख के बाद पड़े देखना। यह तो चारपाईयों पर पड़े हुए होंगे। इनका ऐसा हाल होने वाला है। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुनामी चल रही है जो हर आदमी को असर कर रही है। उन्होंने कहा कि कभी भी ऐसे मुद्दों पर राजनीतिक लोगों की मत मानो। मैं जो बोलता हूं उसे भी मत मानो। आम आदमी चाय वाला- रेहडी वाला-रिक्शा वाला- परचून वाला- हलवाई -नाई क्या बोल रहे हैं वहीं से सही पता चलेगा कि हवा किधर की चल रही है। उन्होंने जननायक जनता पार्टी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि धीरे-धीरे क्षेत्रीय पार्टियां लोगों के मन से उतरती जा रही हैं। अब देश लंबी उड़ान भरना चाहता है और लंबी उड़ान भरने के लिए राष्ट्रीय पार्टियों और मोदी जैसा ही नेतृत्व चाहिए और यह बात लोग समझ चुके हैं।बउन्होंने कहा कि चुनाव चाहे एक बार करवा लो, 100 बार करवा लो या 1000 बार करवा लो, 10 में से 10 सीटें हमारे पक्ष में ही रहेगी और करनाल का विधानसभा चुनाव भी हम जीतेंगे।

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