Edited By Nitish Jamwal, Updated: 07 May, 2024 08:58 PM
हरियाणा में लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा को तगड़ा झटका लगा है। ऐसा इसलिए क्योंकि तीन निर्दलीय विधायकों ने मंगलवार को भाजपा का समर्थन छोड़कर कांग्रेस को पूर्व सीएम के मौजूदगी में समर्थन दे दिया है।
रोहतक/चंडीगढ़ (दीपक भारद्वाज/चंद्र शेखर धरणी): हरियाणा में लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा को तगड़ा झटका लगा है। ऐसा इसलिए क्योंकि तीन निर्दलीय विधायकों ने मंगलवार को भाजपा का समर्थन छोड़कर कांग्रेस को पूर्व सीएम के मौजूदगी में समर्थन दे दिया है।
वहीं निर्दलीय विधायकों द्वारा कांग्रेस को समर्थन दिए जाने पर हरियाणा के सीएम नायब सैनी ने कहा कि कुछ विधायकों की इच्छाएं होती है, हर व्यक्ति इच्छाओं के साथ जुड़ा हुआ है। वहीं सीएम से मुस्कुराते हुए कहा कि कांग्रेस आज-कल इच्छाएं पूरी करने में लगी हुई है। सब लोग सब जानते हैं कि किसकी क्या इच्छा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को जनता की इच्छाओं से मतलब नहीं है, कांग्रेस को सिर्फ इच्छाएं पूरी करनी है।
दीपेंद्र हुड्डा ने दिया बयान
वहीं दीपेंद्र हुड्डा का कहना है कि हरियाणा सरकार अल्पमत में आ गई है। दीपेंद्र हुड्डा का कहना है कि एक तरफ तीन निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी से समर्थन वापस लेकर कांग्रेस को दे दिया है। तो कुछ विधायक इस्तीफा देकर चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में हरियाणा सरकार अब अल्पमत में आ चुकी है। दीपेंद्र हुड्डा ने दावा किया आने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी हरियाणा से जा रही है और भूपेंद्र हुड्डा की अगुवाई में कांग्रेस सरकार बना रही है।
दिग्विजय ने भूपेंद्र हुड्डा को याद दिलाई जिम्मेदारी
दिग्विजय चौटाला ने कहा है कि अगर विधानसभा में 88 लोगों का जोड़ तोड़ मिलाया जाए, तो साधारण भाषा में बीजेपी सरकार अल्पमत में चली गई है, और भूपेंद्र हुड्डा ने भी यही बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जब कोई सरकार अल्पमत में चली जाती है तो नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी बन जाती है कि वो उसके खिलाफ गवर्नर से मिले।
दिग्विजय ने कहा कि अल्पमत की सरकार कोई भी कैबिनेट का और संवैधानिक फैसला नहीं ले सकती। ऐसे में भूपेंद्र हुड्डा को सरकार को बर्खास्त करने के लिए गवर्नर से मिले और फिर महामहीन की जिम्मेवारी है कि वो पक्ष को मौका दे। भूपेंद्र हुड्डा जो तीन निर्दलीयों और 10 जेजेपी विधायकों का भी गणित समझा रहे हैं। उन्होंने भूपेंद्र हुड्डा से सवाल किया कि नेता प्रतिपक्ष होने के नाते अल्पमत में आई प्रदेश सरकार को अब तक क्यों नहीं गिरा पा रहे हैं।
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