प्रवासी मजदूरों का चिलचिलाती गर्मी में बुरा हाल, सूर्य की तपन से बचने के लिए ले रहे झाड़ियों की ओंट

Edited By Manisha rana, Updated: 22 May, 2020 09:59 AM

लॉक डाउन के चलते जहां प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार ने बस व ट्रेन की सुविधा दी है तब से मजदूरों की उलझने और अधिक बढ़ती हुई नजर...

भिवानी (अशोक भारद्वाज) : लॉक डाउन के चलते जहां प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार ने बस व ट्रेन की सुविधा दी है तब से मजदूरों की उलझने और अधिक बढ़ती हुई नजर आ रही है और मजदूरों को अनेक यातनाओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा मंजर भिवानी के गुजरानी मोड़ पर स्थित संत रामपाल आश्रम के सामने देखने को मिला। जहां पर सैकड़ों मजदूर सूर्य की तपन में बिल खिलाते हुए नजर आए, यहां तक कि मजदूरों के साथ महिलाएं, बेटियां व छोटे-छोटे नवजात बच्चे झाड़ियों के अंदर अपने आप को सूर्य की तपन से बचाव कर रहे थे।

जानकारी मुताबिक इन कांटेदार झाड़ियों में कोई भी जहरीला जानवर महिलाओं व बच्चों को नुकसान पहुंचा सकता है। यहां पर जो इन प्रवासी मजदूरों के लिए जो सुविधा होनी चाहिए थी वह नदारद दिखाई दे रही है। खुले आसमान के नीचे चिलचिलाती धूप में ये प्रवासी मजदूर व उनके बच्चे अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं कि कब उनका रजिस्ट्रेशन होगा, कब उनकी मेडिकल जांच होगी और कब वह अपने राज्यों में पहुंच पाएंगे। 

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बता दें कि ऑनलाइन सुविधा में उलझे इन प्रवासी मजदूरों व झाड़ियों में अपने बच्चों को धूप से बचा रही महिलाओं ने कहा कि वह एक महीना से अपने राज्य में जाने के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरे हैं लेकिन अभी तक उनका नंबर नहीं आया है। उन्होंने कहा कि उनकी दुर्गति दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। कहा कि आज चिलचिलाती धूप होने के कारण वे यहां पर झाड़ियों का सहारा ले रहे हैं ,क्योंकि आस-पास में कोई तंबू भी नहीं है और सूर्य की तपन से बचने के लिए न और कोई सुविधा प्रशासन व सरकार के द्वारा यहां पर दी गई है। उन्होंने बताया कि उन्होंने लंबी पंक्ति में अपने बैग यहां पर रख दिए हैं और अपने आप को सूर्य की तपन से बचाने के लिए झाड़ियों की शरण ली है। ताकि कुछ पल की राहत उन्हें मिल सके।

महिलाओं के साथ छोटे-छोटे बच्चे हैं बेटियां भी हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें भोजन तो मिला लेकिन धूप से बचने के लिए कोई सुविधा नहीं मिली और उन्हें यह तक पता नहीं की उनका नंबर कब आएगा। ऐसी कोई ठोस सुविधा यहां पर नहीं दी गई है और न उन को बताई जा रही है। उन्होंने बताया कि कुछ लोग अंदर रखे हुए हैं जिनको कल ट्रेन के द्वारा बिहार भेजा जाएगा, लेकिन उनका नंबर अभी तक नहीं आया है। उन्होंने कहा कि 1 माह से इंतजार कर रहे हैं अपने राज्यों में पहुंचने के लिए इसलिए सरकार उनको अपने राज्यों में सुरक्षित पहुंचाने के लिए मजबूत कदम उठाए और सुविधा प्रदान करें ।ताकि वे अपने घरों में अपने बच्चों के साथ बिना यातना के पहुंच सके। 

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जब इस बारे में संत रामपाल आश्रम में मजदूरों की सुविधा के लिए नोडल अधिकारी एवं नायब तहसीलदार रामचंद्र से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि जिनका रजिस्ट्रेशन है और जिन को कॉल की गई है वे मजदूर ही आश्रम के अंदर प्रवेश कर रहे हैं। जिन लोगों को नहीं बुलाया गया वह लोग बाहर हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे, बस की सुविधा देने के लिए पहले जिन लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है उन लोगों को सूचना दी जाती है तब वे यहां पहुंचते हैं लेकिन कुछ लोग यहां पर बिना सूचना पहुंच जाते हैं तो उसके कारण यहां मजदूरों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि जिन मजदूरों को बुलाया जाता है वह ही यहां पर आए तो उन्हें अधिक समस्या नहीं होगी। कहा कि बिहार के लिए 3:00 बजे ट्रेन जाएगी उन लोगों को ही यहां पर बुलाया गया है। लेकिन जब मीडिया ने मजदूरों की धूप और झाड़ियों में बैठे रहनेे की कवरेज अपने कैमरे में कैद की तो उसके बाद नायब तहसीलदार ने उच्च अधिकारियों से बातचीत कर बाहर खड़े सभी मजदूरों को आश्रम के अंदर शरण दी और उनके लिए छांव की व्यवस्था की।

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