Edited By Saurabh Pal, Updated: 27 Oct, 2023 02:57 PM

राम मंदिर में मूर्ति स्थापना का निमंत्रण न मिलने से नाराज उत्तराखंड के ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरांनन्द ने कहा कि राम मंदिर पर राजनीति तो होगी ही क्योंकि इसकी नींव ही राजनीति पर रखी गई है...
रोहतक(प्रवीन कुमार धनखड़): अयोध्या में बन रहे श्री राम मंदिर पर राजनीति तो होगी ही क्योंकि इसकी नींव ही राजनीति पर रखी गई है। राम मंदिर ट्रस्ट में जिनका हक बनता था उनको भी इसमें शामिल नहीं किया गया है। यह कहना है उत्तराखंड के ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरांनन्द का। अविमुक्तेश्वरांनन्द बहादुरगढ़ में धर्म संचार यात्रा के तहत कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे।
लघु उद्योग भारती के उपाध्यक्ष एडवोकेट बलबीर सिंह दलाल के निवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि राम मंदिर में रामलाल की मूर्ति स्थापना समारोह का उन्हें निमंत्रण भी नहीं मिला। यहां उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र की भाजपा सरकार पर भी जमकर हमला बोला। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरांनन्द ने देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की बात कहने वालों पर भी निशाना साधा।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरांनन्द कहना का कहना है कि राम मंदिर पर राजनीति तो होगी ही क्योंकि राम मंदिर की नींव राजनीति पर ही रखी गई है। उनका कहना है कि राम मंदिर ट्रस्ट में जिन लोगों का हक बनता था उन्हें भी उसमें शामिल नहीं किया गया, जिन लोगों ने न्यायालय द्वारा राम मंदिर बनाने की लड़ाई जीती है। इस पर उनका पहला अधिकार था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकर्ताओं को राम मंदिर ट्रस्ट का हिस्सा बनाया है।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरांनन्द ने भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की बात कहने वालों पर भी निशान साधा। उनका कहना है कि हिंदू राष्ट्र बनने से अगर कोई परिवर्तन ही नहीं होना, तो सिर्फ नाम बदलने से कोई फायदा नहीं है। हिंदू राष्ट्र के विचार के प्रारूप के दोष और गुण पर विचार किया जाना बेहद जरूरी है। केवल राजनीतिक जुमलेबाजी के लिए हिंदू राष्ट्र के मुद्दे को उछालना किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं है।
इसके साथ ही शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरांनन्द ने इंडिया और भारत के विचार पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि भारत को इंडिया कहा गया है। इंडिया को भारत नहीं। इसलिए भारत को भारत कहना ही सही नीति है। उनका कहना है कि धर्म को राजनीति में शामिल करने से धर्म को हानि हो रही है और इसका फायदा राजनीति को हो रहा है। राजनीतिक हिंदू में मंदिर के प्रति भावना नहीं है। बल्कि उसकी भावना एक राजनीतिक पार्टी के प्रति है।
उन्होंने गौ माता को राष्ट्रीय माता का दर्जा देने की भी मांग की है। 20 नवंबर के दिन गोपाष्टमी के अवसर पर दिल्ली में गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिलवाने के लिए एक बड़ा समागम होने की बात भी उन्होंने कही। उनका यह भी कहना है कि गंगा नदी राष्ट्रीय नदी घोषित है, लेकिन फिर भी गंगा में सीवरेज का पानी गिर रहा है। आज तक गंगा पूरी तरह से साफ नहीं हो सकी है।
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