अमित अग्रवाल डॉक्टर से बने आईएएस, मेहनत और लग्न से पाया ये मुकाम

Edited By Isha, Updated: 13 Jun, 2021 10:20 AM

amit aggarwal became a doctor turned ias

हरियाणा में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव रहे राजेश खुल्लर के प्रतिनियुक्ति पर अमेरिका जाने के बाद मुख्यमंत्री की विश्वसनीय टीम कौन सी बनेगी पर सबकी निगाहें थी।इस टीम के गठन में जहां पहले से प्रिन्सिपल ओ

चंडीगढ़(चन्द्र शेखर धरणी):  हरियाणा में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव रहे राजेश खुल्लर के प्रतिनियुक्ति पर अमेरिका जाने के बाद मुख्यमंत्री की विश्वसनीय टीम कौन सी बनेगी पर सबकी निगाहें थी।इस टीम के गठन में जहां पहले से प्रिन्सिपल ओ एस डी नीरज दफतुयार की अहम भूमिका रही।वहीं सरकार में टीम में चीफ प्रिन्सिपल सैक्टरी का पद गठित कर सेवानिवृत्ति के बाद दीपेंद्र ढेसी की नियुक्ति हुई। वी उमाशंकर को प्रिन्सिपल सैक्टरी मुख्यमंत्री हरियाणा का बनाया गया। 

मेहनत,लग्न व सार्थक परिणाम देने के जज्बे के चलते डॉक्टर अमित अग्रवाल मुख्यमंत्री मनोहर लाल की विश्वसनीय टीम का अहम हिस्सा बने    हैं।हरियाणा सरकार ने आईएएस अमित कुमार अग्रवाल की गिनती पावरफुल अधिकारियों में होती है। अग्रवाल को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अतिरिक्त प्रधान सचिव-1,हरियाणा जन संपर्क एवं भाषा विभाग के डायरेक्टर जरनल जैसे महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी मिली हुई है।अमित राज्यपाल के सचिव, आबकारी एवं कराधान विभाग के आयुक्त व शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक का जिम्मा संभाल चुके हैं।गुरुग्राम में असिस्टेंट कमिश्नर, हिसार में एस डी एम , पानीपत में ए डी सी, फरीदाबाद में हूड्डा प्रशासक, यमुनानगर, हिसार , पलवल , रोहतक  फरीदाबाद में उपायुक्त भी रहे।

मूल रूप से जयपुर के निवासी डाॅ अमित कुमार अग्रवाल ने वहीं के एस एम एस मेडिकल काॅलेज से एम बी बी एस की । पर न तो प्राइवेट और न ही सरकारी किसी भी स्तर पर डाॅक्टर के तौर पर प्रैक्टिस की ।इन्हें चैलेंजिंग काम करना पसंद था और वह आईएएस की तैयारी में जुट गया और इन्होंने अपने टारगेट को एचीव किया।डाॅ अमित कुमार अग्रवाल का कहना है कि चैलेंजिंग काम करने के लिए एमबीबीएस हो जाने के बावजूद आईएएस में आए। 

डॉक्टर अमित अग्रवाल की  पत्नी सोनल , कम्प्यूटर इंजीनियर है । दो बच्चे हैं -सान्वी और अद्वित । प्रेरणा किस्से मिली में यह कहते हैं कि किसी एक का नाम तो नहीं ले सकता लेकिन जैसे इन दिनों डाॅ के के अग्रवाल काम कर रहे थे और कोरोना से निपटने के लिए आखिरी दम तक प्रेरित कर रहे थे , वह बहुत प्रभाव छोड़ गये । ऐसे ही कोई भी व्यक्ति चाहे सरकारी उच्च पद पर हो या किसी छोटे पद पर अपने काम से आपको प्रेरित या प्रभावित कर सकता है तो प्रेरणा ले लेनी चाहिए । यहां से अच्छा उदाहरण मिले ले लेना चाहिए। 

इनके हिसार कार्य काल के दौरान अढ़ाई साल में सबसे बड़ा मिर्चपुर कांड काफी चुनोतियों से भरा रहॉ। यह मानते हैं कि पर्यटन की बहुत संभावनाएं हिसार में हैं । हांसी व  हिसार यहां पर्यटन के दृष्टिकोण से  हिसार के गूजरी महल में बडाली बर्दर्ज का कार्यक्रम आयोजित करवाया था ताकि लोग इससे जुड़ें।  राखी गढ़ी भी विश्व पटल पर आ चुका है । इनकी मूल रूपरेखा इन्होंने अपने समय में ही बनाईं ।  डॉक्टर अमित अग्रवाल फोटोग्राफी में विशेष शोंक रखते हैं।यह मानते हैं कि अब तो डिजिटल का जमाना आ गया । यह आईएएस की जाॅब को कैसे मानते हैं? पर कहते हैं कि देखिए अंग्रजों के समय इस पद का नाम था कलेक्टर । यानी सिर्फ लगान वसूल करने वाला मुख्य अधिकारी जबकि स्वतंत्र भारत में यह बड़ी जिम्मेदारी है जनसेवा की । यह कहते है कि वह खुद को सौभाग्यशाली समझता है कि  इस सेवा के लिए चुना गया और अपनी ओर से भरसक काम करता हू  ।
    

डॉक्टर अमितअग्रवाल  कहते हैं कि जनता व समाज को कोविड से बचाना यह आज की सबसे बड़ी जिम्मेदारी समझते हैं।डॉक्टर अग्रवाल मानते हैं कि कोविड के चलते कलाकार ही नहीं हर वर्ग परेशान है और हमें आर्थिक आजीविका के साधन के आधार पर सोचना चाहिए । ग्रुप्स बेस्ड नहीं, इनकम बेस्ड सोचने पड़ेगा । जिन परिवारों की आय 1,80 हजार रुपये से कम की वार्षिक आय हो उनके परिवार के बारे में सोचना पड़ेगा । इनको सहायता पात्र माना जा सकता है , फिर चाहे वे कलाकार हों या कोई साजिंदे या कोई और । इनको योजनाओं का लाभ पात्र बनाया जाये।

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