आयुष्मान कार्ड धारकों का इजाल नहीं करने वाले प्राइवेट अस्पतालों पर गिरेगी गाज, सरकार ने लिया बड़ा फैसला

Edited By Isha, Updated: 09 Aug, 2025 01:31 PM

action will be taken against private hospitals which do not treat ayushman card

हरियाणा में सरकार ने पैनल में शामिल निजी अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। सरकार का कहना है कि अगर इन प्राइवेट अस्पतालों ने आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज करने से मना किया तो इन्हें पैनल से बाहर किया जा सकता है

चंडीगढ़: हरियाणा में सरकार ने पैनल में शामिल निजी अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। सरकार का कहना है कि अगर इन प्राइवेट अस्पतालों ने आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज करने से मना किया तो इन्हें पैनल से बाहर किया जा सकता है। हरियाणा की स्टेट हेल्थ एजेंसी (एसएचए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) संगीता तेतरवाल ने बयान जारी कर कहा कि पैनल से जुड़े अस्पताल के खिलाफ अगर मरीजों का इलाज करने से मना किए जाने की शिकायत मिलती है तो जुर्माना लगाया जाएगा।


ऐसे अस्पतालों को आयुष्मान भारत के पैनल से बाहर करने व लाइसेंस निलंबित करने की कार्रवाई भी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) और एसएचए द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार सख्ती बरती जाएगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं निलंबित करने का कोई वैध कारण नहीं है।
 
दूसरी तरफ प्रदेश के निजी अस्तपालों मेंं लगातार दूसरे दिन योजना के तहत मरीजों का इलाज नहीं हुआ। किसी भी जिले में आॅपरेशन नहीं किया गया। डॉक्टर दो दिन से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की हरियाणा शाखा के आह्वान पर बकाया भुगतान की मांग को लेकर विरोध जता रहे हैं। उन्होंने सभी 22 जिलों में सभी सेवाएं बंद कर रखी हैं।

 
एसएचए का कहना है कि आईएमए और सूचीबद्ध अस्पतालों की कई जायज मांगों पर विचार किया गया है और उनका समाधान भी किया गया है। उनकी मांगों के अनुसार ही आईएमए के सदस्यों व निजी अस्पतालों के कई प्रतिनिधियों को राज्य पैनल समिति, राज्य शिकायत निवारण समिति और जिला शिकायत निवारण समितियों में शामिल किया गया है। साथ ही उनके नवीनतम पैकेज की बात भी मानी गई है। स्टेट हेल्थ एजेंसी के मुताबिक, स्वास्थ्य सेवाएं निलंबित करने का कोई वैध कारण नहीं है, क्योंकि उनकी सभी मांग व मुद्दों का पहले ही समाधान कर दिया है। कई सूचीबद्ध अस्पतालों ने यह भी सूचित किया है कि वे इस योजना के तहत सेवाओं को वापस लेने के आईएमए के आह्वान में भाग नहीं ले रहे हैं।

सरकार की ओर से यह भी दावा किया गया है कि जिस दिन हड़ताल का दावा किया जा रहा है, उस दिन यानी सात अगस्त को निजी अस्पतालों से 2.5 करोड़ रुपये के पूर्व-अधिकृत क्लेम (दावे) प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा मई 2025 के पहले सप्ताह तक के भुगतान मंजूर कर दिए गए हैं। आईएमए के पूर्व प्रधान डॉ. अजय महाजन ने दावा किया कि राज्य के सभी निजी अस्पताल हड़ताल में शामिल हैं। राज्य सरकार जानबूझ कर भ्रम फैला रही है। जिन मरीजों को पहले तारीख दी जा चुकी है, सिर्फ उन्हीं का इलाज किया जा रहा है। नए मरीजों का इलाज अस्पताल नहीं कर रहे हैं। जो भुगतान का दावा किया जा रहा है, वह पहले के क्लेम हैं।

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