Edited By Isha, Updated: 05 Feb, 2020 10:01 AM
सफलता की खुशी मनाना बहुत अच्छा है लेकिन उससे जरूरी है अपनी असफलताओं से सीख लेना। बस यही सोचकर मैंने कभी खुद को हारने नहीं दिया और कई बार की असफलता और लम्बे संघर्ष के बाद आखिरकार सफलता का
अम्बाला शहर (कोचर): सफलता की खुशी मनाना बहुत अच्छा है लेकिन उससे जरूरी है अपनी असफलताओं से सीख लेना। बस यही सोचकर मैंने कभी खुद को हारने नहीं दिया और कई बार की असफलता और लम्बे संघर्ष के बाद आखिरकार सफलता का दामन छू ही लिया है। यह कहना है कि हरियाणा ज्यूडीशियल मैजिस्ट्रेट पद के लिए साक्षात्कार पास करने के बाद चयनित अम्बाला शहर मॉडल टॉऊन निवासी गौरी नारंग सेठी का। गौरी सेठी ने न्यायाधीश बनने के लिए विभिन्न राज्यों की 9 बार परीक्षा दी और अब 10वीं बार में सफल हुई है। पंजाब केसरी ने चयनित गौरी से उनकी सफलता के बारे में विशेष बातचीत की और उनके असफलताओं के संघर्ष को जानने का प्रयास किया।
दरअसल, मूलरूप से रोहतक के शक्ति नगर कॉलोनी निवासी गौरी नारंग के पिता गुलशन नारंग हरियाणा ईंट भट्ठा एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष है। उनकी माता हाऊस वाइफ है। 12वीं तक अपने शहर में पढ़ाई करने के बाद गौरी ने वर्ष 2006 में चंडीगढ़ बी.एस.सी. बायोटैक में दाखिला लिया। बी.एससी. में गै्रजुएशन पास करने के बाद उन्होंने एम.सी. के लिए भी आवेदन किया।
इसी दौरान उन्होंने चंडीगढ़ पंजाब यूनिवर्सिटी में ही कानून का पढ़ाई करने के लिए भी एल.एल.बी. में भी दाखिले के लिए आवेदन किया। उनकी एंट्रेस की परीक्षा हुई और पास होने के बाद उन्होंने वर्ष 2009 में एल.एल.बी. के लिए दाखिला ले लिया। वर्ष 2012 में पढ़ाई पूरी करने के बाद दिल्ली कोङ्क्षचग के लिए चली गई। वर्ष 2016 में परिजनों ने उनकी शादी अम्बाला शहर मॉडल टॉऊन निवासी श्वक सेठी के साथ कर दी और एक साल बाद उनको बेटा हुआ।