Edited By Saurabh Pal, Updated: 05 Sep, 2023 12:06 PM
एक बार फिर से हरियाणा, यूपी और पंजाब के किसान केंद्र और राज्य सरकारों के खिलाफ धरने की तैयारी कर रहे हैं। जिसको लेकर गोहाना अनाज मंडी में एक महापंचायत का 10 सिंतबर को आयोजन किया जा रहा है। इस महापंचायत को लेकर किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ जनसंपर्क...
सोनीपत( सन्नी मलिक): दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन अपनी मांगों को लेकर 13 महीने के आसपास चला। इस धरने के दौरान कई किसानों की जान भी चली गई, लेकिन किसान अपनी मांगों को लेकर धरने पर डटे रहे। आखिर में किसानों के सामने केंद्र सरकार झुकना पड़ा और तीनों कृषि कानून वापिस ले लिए गए। धरना खत्म हो गया, लेकिन किसानों की कुछ मांगे अब भी लंबित हैं। जिसमें एमएसपी गारंटी कानून, स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करने की मांग शामिल हैं। जैसे-जैसे समय बितता गया वैसे-वैसे किसानों की कई मांगे किसानों के आंदोलन में और जुड़ती चली गईं। जिसको लेकर एक बार फिर किसान सरकार के खिलाफ हुंकार भरने के लिए 10 सितंबर को गोहाना की नई अनाज मंडी में एक महापंचायत करने जा रहे हैं। इस महापंचायत में अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए युवा किसान लोगों से संपर्क साधने में जुटे हुए हैं।
हरियाणा पंजाब और उत्तर प्रदेश के किसान एक बार फिर केंद्र और राज्य सरकारों के खिलाफ हुंकार भरने की तैयारी कर रहे हैं। इस बार किसानों को एकजुट करने की जिम्मेदारी युवा किसानों को सौंप दी गई है, संयुक्त किसान मोर्चा के युवा नेता अभिमन्यु कोहाड़ कई जिलों गोहाना में आयोजित होने वाली महापंचायत को लेकर जनसंपर्क अभियान चलाए हुए हैं। अभिमन्यु गांव-गांव जाकर किसानों से संपर्क साध रहे हैं। इसी जनसंपर्क अभियान के तहत आज अभिमन्यु कोहाड़ व अन्य युवा किसान नेता गांव बेयापुर में पहुंचे। यहां उन्होंने सरोहा खाप के जन प्रतिनिधियों से 10 सितंबर को गोहाना में होने वाली महापंचायत को लेकर विचार विमर्श किया और अपनी आठ सूत्रीय मांग किसानों के सामने रखी, जिनमें से प्रमुख मांग एमएसपी गारंटी कानून बनवाने की है। वहीं भूमि अधिग्रहण बिल 2013 को लागू करवाना, स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करवाने सहित अन्य मांगों को लेकर किसान सरकार के साथ आर पार की लड़ाई के मूड में हैं। वहीं इन मांगों किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों सरकारी नौकरी देने की भी मांग जोड़ दी गई है। इस महापंचायत में कई अन्य मांगों पर भी विचार विमर्श किया जाएगा।
इस दौरान किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि केंद्र और हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। पिछले 9 साल में देश का हर वर्ग अपनी किसी न किसी समस्या को लेकर सरकार से परेशान है, सरकार ने एमएसपी का मुद्दा अभी तक हल नहीं किया और न ही स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू नहीं किया गया। भूमि अधिग्रहण बिल 2013 में संशोधन हरियाणा सरकार ने किए हैं। उसका मुद्दा अभी तक हल नहीं किया गया। युवाओं के सामने बेरोजगारी का मुद्दा खड़ा है, लेकिन सरकार हर मुद्दे पर असफल रही है। इन हालातों में सरकार जनता को धर्म और जाति के नाम पर बांटने की कोशिश कर रही है। इसी को लेकर 10 सितंबर को गोहाना की नई अनाज मंडी में एक महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। जिसकी तैयारियां 2 अगस्त से शुरू कर दी गई थी। अभी तक हर गांव में जाकर किसानों और युवाओं को इस बात के लिए जागरुक किया जा रहा है।
अभिमन्यु कोहाड़ ने इस महापंचायत में रखी जाने वाली आठ सूत्रीय मांगों पर बोलते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने भूमि अधिग्रहण बिल में जो संशोधन किए थे उसे वापस लिया जाए और 2013 भूमि अधिग्रहण बिल को दोबारा से लागू किया जाए। एमएसपी पर गारंटी कानून बनाया जाए और कानून भी स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट अनुसार होना चाहिए। मेरी फसल मेरा ब्यौरा योजना से जो लूट मचाई जा रही है उसको बंद किया जाना चाहिए। पिछले 10-12 साल से जितने भी ट्यूबल के कनेक्शन खेतों में दिए जाने थे, उन्हें जल्द से जल्द दिया जाए। क्योंकि उनकी सिक्योरिटी राशि भी सरकार के पास जमा है। किसान आंदोलन में हरियाणा के 150 किसान अपनी जान गवां बैठे थे। उनके परिवारों को सरकारी नौकरी दी जाए, गांव की देह श्यामलात भूमि को सरकार कब्जाने का प्रयास कर रही है। उन सभी प्रयासों को बंद किया जाए और बाढ़ के चलते यमुना क्षेत्र में जो फसल बर्बाद हुई है उसका मुआवजा जल्द से जल्द किसानों को दिया जाए।
अभिमन्यु कोहाड़ ने नूंह हिंसा के सवाल पर बोलते हुए कहा कि हिंसा में जो भी दोषी हैं। उस पर कानून अनुसार कार्रवाई होनी चाहिए, उसमें कोई भी धर्म जाति और क्षेत्र नहीं देखा जाना चाहिए।
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