Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 02 Aug, 2024 08:09 PM
महाशिवरात्रि पर्व पर शुक्रवार को साईबर सिटी बम-बम भोले, ओम नम: शिवाय, हर-हर महादेव के उद्घोषों से गूंज उठी। शहर के विभिन्न क्षेत्रों स्थित मंदिरों व शिवालयों में शिवभक्त कावडिय़ों की बड़ी भीड़ दिखाई दी।
गुड़गांव, (ब्यूरो): महाशिवरात्रि पर्व पर शुक्रवार को साईबर सिटी बम-बम भोले, ओम नम: शिवाय, हर-हर महादेव के उद्घोषों से गूंज उठी। शहर के विभिन्न क्षेत्रों स्थित मंदिरों व शिवालयों में शिवभक्त कावडिय़ों की बड़ी भीड़ दिखाई दी। कावडिय़े बड़ी संख्या में हरिद्वार व गंगोत्री से गंगाजल लेकर आए थे, उसी गंगाजल से भगवान शिव का हर-हर महादेव के जयघोष के साथ अभिषेक किया गया। कावडिय़ों ने अपने ईष्ट देव भगवान शिव का जलाभिषेक कर मनोकामना पूरी करने के लिए प्रार्थना भी की।
पटेल नगर स्थित श्रीबांकेबिहारी मंदिर, सिद्धेश्वर, घंटेश्वर, भूतेश्वर, मांता चिंतपूर्णी, सैक्टर 4 के श्रीकृष्ण, बसई रोड के पर्णकुटि आश्रम, गुफावाला मंदिर, माता वैष्णो देवी मंदिर, सुदर्शन व प्रेम मंदिर, माता शीतला मंदिर, हनुमान मंदिर, शिव मंदिर व सैक्टर 9ए स्थित श्री गौरी शंकर मंदिर में भी कावडिय़ों के अलावा भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने के लिए महिला-पुरुषों की भारी भीड़ दिखाई दी। नगर निगम के निवर्तमान पार्षद संजय प्रधान भी हरिद्वार से कावड़ लेकर आए और उन्होंने शिव भक्तों के साथ श्री गौरी शंकर मंदिर में कावड़ में लाए गए गंगाजल से भगवान शिव का जलाभिषेक किया। कावडियों की जबरदस्त भीड़ बाबा प्रकाशपुरी आश्रम में देखी गई। कावडिय़ों ने मध्य रात्रि से ही भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर जलाभिषेक करना शुरु कर दिया था। आश्रम में धार्मिक माहौल बना हुआ था। मेले का आयोजन भी किया गया, जिसमें भगवान शिव के दर्शन करने वाले शिव भक्त जरुरी सामान खरीदते दिखाई दिए।
इसी प्रकार जिले के फर्रुखनगर, पटौदी, गढ़ी हरसरु व इंच्छापुरी शिव मंदिर में भी कावडिय़ों की भीड़ दिखाई दी। यहां पर भी कावडिय़े भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए पहुंचे। महाशिवरात्रि पर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में विशाल भण्डारों का आयोजन भी किया गया। ओल्ड रेलवे रोड स्थित शिव मूर्ति पर क्षेत्र के समाजसेवियों व धर्मप्रेमियों ने भण्डारे का आयोजन किया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। मंदिरों में पूरे दिन ही शिवभक्तों का तांता लगा रहा और महिला मंडलों द्वारा मंदिरों में भजन-कीर्तन का आयोजन भी चलता रहा। उधर जिला प्रशासन ने सभी मंदिरों के आस-पास भारी सुरक्षा व्यवस्था की हुई थी। पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था, ताकि किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना घटित न हो सके।