Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 31 Jul, 2025 08:10 PM

कैंसर में फेफडों का कैंसर बेहद जटिल व गंभीर बीमारी है। लेकिन समय पर जांच व उपचार के जरिए इसमें मरीजों की जांन बचाई जा सकती है। विशेषज्ञों की मानें तो फेफडों के कैंसर की सबसे बडी वजह धूम्रपान है।
गुड़गांव, ब्यूरो: कैंसर में फेफडों का कैंसर बेहद जटिल व गंभीर बीमारी है। लेकिन समय पर जांच व उपचार के जरिए इसमें मरीजों की जांन बचाई जा सकती है। विशेषज्ञों की मानें तो फेफडों के कैंसर की सबसे बडी वजह धूम्रपान है। ऐसे मे बीमारी व उसके लक्षणों का पता चलते ही इसका उपचार संभव है।
मेदांता दि मडिसिटी अस्पताल की रेडिएशन आंकोलॉजी विभाग की प्रमुख डा तेजिंदर कटारिया ने बताया आज के दौर में फेफड़ों के कैंसर का इलाज पहले से कहीं बेहतर व अधिक प्रभावी हो चुका है। रेडिएशन थेरेपी एक महत्वपूर्ण उपचार विकल्प है, जो खासकर उन मरीजों के लिए फायदेमंद है जिनका ट्यूमर ऑपरेशन योग्य नहीं है। आधुनिक तकनीकों जैसे आईजीआरटी व एसबीआरटी (इमेज गाइडेड रेडिएशन थेरेपी व स्ट्रेटैक्टिक रेडिएशन थेरेपी) जिनसे कैंसर वाली जगह पर सीधा असर किया जा सकता है।
मरीज व परिवार को यह जानना जरूरी है कि फेफड़ों का कैंसर अब लाइलाज नहीं रहा। समय पर इलाज, सही मार्गदर्शन व संयम से जीवन गुणवत्ता बेहतर बनाई जा सकती है। वही मैक्स अस्पताल मैडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग की डॉ. कुमारदीप दत्ता चौधरी ने बताया बीमारी की संभावना को हम हद तक कम कर सकते हैं। खास बात ये है कि ज़्यादातर मरीज़ तब आते हैं जब कैंसर उन्नत एडवांस स्टेज अवस्था में पहुँच चुका होता है।
अगर आपको लगातार खांसी, सांस लेने में तकलीफ, वजन कम होना या सीने में दर्द जैसी शिकायतें हों, तो इन्हें नज़रअंदाज़ न करें। समय रहते जांच व निदान से जान बचाई जा सकती है। फेफड़ों की सेहत का ख्याल रखना हमारी ज़िम्मेदारी है। सबसे बड़ी वजह धूम्रपान है, जिसे छोड़कर हम इस बीमारी की संभावना को बहुत हद तक कम कर सकते हैं। अफ़सोस की बात यह है कि ज़्यादातर मरीज़ तब आते हैं जब कैंसर उन्नत अवस्था में पहुँच चुका होता है।