चूल्हा सास ने संभाला, बेटा ननद ने, खुद लेडी खली बन गई कविता दलाल

Edited By Punjab Kesari, Updated: 18 Jul, 2017 03:25 PM

lady khali became poetry broker

डब्ल्यू.डब्ल्यू.ई. में धूम मचाने वाली देश की पहली महिला पहलवान कविता दलाल उर्फ हार्ड केडी को इस मुकाम तक पहुंचने में कड़ा संघर्ष करना पड़ा।

जींद:जींद- डब्ल्यू.डब्ल्यू.ई. में धूम मचाने वाली किसान की बेटी कविता दलाल देश की ऐसी पहली महिला है, जिसने इस मुकाम तक पहुंचने में जी जान लगा दी। मीडिया से रू-ब-रू होते हुए कविता ने कहा कि यहां तक के सफर में उसके परिवार व ससुराल वालों का अहम योगदान रहा है। आठ साल पहले शादी के बाद सास उमा ने उससे कहा था कि घर का चूल्हा-चौका खुद संभालेगी, वह अपने खेल पर ध्यान दे। बेटा पैदा होने के डेढ़ साल बाद वह फिर मैदान में उतर गई। सुबह-शाम ग्राउंड पर बेटे को साथ लेकर जाती। उसने कहा कि जब वब प्रैक्टिस करती थीं, तब ननद उनके बेटे की संभालती थी।
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3000 रुपए प्रति महीना हॉस्टल देती थीं कविता
प्रैक्टिस के दौरान जब कविता हॉस्टल में रहती थी तब उसका किराया उनके परिजन भेजते थे। कई बार उसे उधार भी लेने पड़ते थे, जिसको लेकर गांव के लोग तंज कसते थे। उनका कहना था कि लड़की शादी के बाद ससुराल चली जाएगी। यह कमाकर थोड़े खिलाएगी, लेकिन परिजनों ने किसी की नहीं सुनी। भाई संजय ने भी उसका साथ दिया।
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पहलवानों की ड्रेस पर सवाल खड़े करने वालों पर लगाया विराम चिन्ह
कविता का कहना है कि जिस समय वह डब्ल्यू.डब्ल्यू.ई. में खेलने के लिए जा रही थी, सबके मन में वहां खेलने वाली पहलवानों की ड्रेस को देखकर सवाल था। उसने सबकी अटकलों पर विराम लगाते हुए भारतीय संस्कृति के साथ समझौता नहीं किया। कविता ने उम्मीद जताई कि सभी गांवों में माहौल बदले और बेटी व बहू को बराबरी का दर्जा मिले। लड़की की जिस खेल में रुचि है, उन्हें परिजन पूरा मौका दें।

घर मैं संभाल लूंगी, वह बाहर जाकर अपनी पहचान बनाए:उमा
कविता के साथ आई उसकी सास उमा ने बताया कि उनका बेटा गौरव तोमर वालीबॉल और बेटी रूबी वेट लिफ्टिंग की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी है। जब उसे अपने बेटे व बेटी को खेलने के लिए घर से बाहर भेजने में कोई एतराज नहीं था तो अपनी बहू को क्यों रोकती। इसलिए उसने अपनी बहू से कहा कि घर का काम मैं संभाल लूंगी, वह बाहर जाकर अपनी पहचान बनाए।
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WWE के रिंग में कुछ इस अंदाज में उतरी थी कविता 
अमेरिका के फ्लोरिडा में 13 जुलाई की रात को हुई डब्लूडब्लूई माय यंग क्लासिक चैम्पियनशिप में भारतीय रेसलर कविता दलाल एकदम देसी अंदाज में रिंग में उतरीं। कविता ने अखाड़े के पहलवान की तरह अपनी पैरों पर हाथ मारते हुए दम भरा और एक हाथ उठाकर दर्शकों का अभिवादन स्वीकार किया। कविता के आते ही अनाउंस हुआ कि वह एकमात्र महिला इंडियन रेसलर हैं जो डब्लूडब्लूई में इंडिया को रिप्रेजेंट कर रही हैं। 
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सूट सलवार पहलनकर फेमस हुई थीं कविता
कविता दलाल खली की जालंधर स्थित एकेडमी में नेशनल रेसलर बुलबुल को सूट-सलवार पहनकर चित कर देने से फेमस हुई थीं। इसके बाद उन्हें बिग बॉस से भी न्यौता मिला था। नेशनल लेवल पर 9 साल तक वेट लिफ्टिंग में गोल्ड जीतने वाली कविता ने जालंधर स्थित खली की एकेडमी से ट्रेनिंग ली थी। रोजाना वहां 8 घंटे मेहनत करने वाली कविता घर और काम को वो बखूबी संभाल रही हैं। 
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कविता दलाल की उपलब्धियां
1. वर्ष 2006 में ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।
2. वर्ष 2007 में नेशनल वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण जीता।
3. वर्ष 2008 में नेशनल वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण जीता।
4. वर्ष 2010 में नेशनल वुशू चैंपियनशिप में स्वर्ण जीता।
5. वर्ष 2011 में राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण पदक जीता।
6. वर्ष 2013 में नेशनल भारोत्तोलन में स्वर्ण जीता।
7. वर्ष 2014 में नेशनल भारोत्तोलन में स्वर्ण जीता।
8. वर्ष 2015 में केरल में आयोजित राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण जीता।
9. वर्ष 2016 में गुवाहाटी में आयोजित साउथ एशियन गेम्स में स्वर्ण जीता।
 

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