Edited By Vivek Rai, Updated: 29 Apr, 2022 08:59 PM
कभी-कभी इंसान परिस्थितियों के आगे इतना मजबूर हो जाता है कि वो आत्महत्या जैसा कदम उठाने से पहले एक बार तक नहीं सोचता। भिवानी के तालु गांव से आया एक ऐसे ही मामले ने सबको हैरान कर दिया।
भिवानी(अशोक): कभी-कभी इंसान परिस्थितियों के आगे इतना मजबूर हो जाता है कि वो आत्महत्या जैसा कदम उठाने से पहले एक बार तक नहीं सोचता। भिवानी के तालु गांव से आया एक ऐसे ही मामले ने सबको हैरान कर दिया। यहां 23 साल के पवन कुमार ने इसलिए आत्महत्या कर ली क्योंकि वह भारतीय सेना में भर्ती होने का सपना पूरा नहीं कर सका।
पवन करीब 9 साल से भारतीय सेना में भर्ती होने के मंसूबे को लेकर कर कड़ा अभ्यास कर रहा था। लेकिन सेना में भर्ती न होने व हरियाणा सरकार में भर्तियां न निकलने पर हताश हुए पवन कुमार ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली और सुसाइड नोट किसी कागज पर नहीं बल्कि दौड़ने वाले ट्रैक पर लिखा।
मरने से पहले पवन कुमार ने अपने पिताजी से कहा कि इस बार सेना में भर्ती नहीं हुआ, लेकिन पिताजी अगले जन्म में वे भारतीय सेना में जरूर भर्ती होंगे, क्योंकि सेना में भर्ती न निकलने पर उनकी उम्र भी निकल गई और हरियाणा में भर्तियों की उठापटक के चलते रोजगार के साधन नहीं मिल रहे थे।
जिससे हताश होकर पवन ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली और अपनी आखिरी इच्छा भी खेल मैदान के ट्रैक पर लिख डाली । पवन की मौते के बाद से ही गांव में हर किसी की आंखे नम है।
इस मामले को लेकर भारतीय किसान यूनियन के नेता रवि आजाद ने भी खेद जताया है कि युवाओं को रोजगार नहीं मिलने के कारण इस प्रकार के कदम उठाने पड़ रहे हैं। इसमें सरकार का फेलियर है । उन्होंने कहा कि न तो 3 साल से आर्मी में भर्ती निकल रही है और ना ही हरियाणा सरकार में भर्ती निकल रही है। जिसके कारण किसान के बेटे हताश होकर दम तोड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पवन ने यह आत्महत्या नहीं की बल्कि उन्होंने युवाओं की आवाज को उठाते हुए अपनी शहादत दी है और वे उनकी शहादत को बेकार नहीं जाने देंगे । उन्होंने हरियाणा सरकार से मांग की है कि पवन के परिवार को आर्थिक मदद दी जाए और उनके छोटे भाई को नौकरी दी जाए।