क्या तहसीलों में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा पाएगा नया सॉफ्टवेयर?

Edited By Isha, Updated: 01 Aug, 2020 05:29 PM

will new software be able to curb corruption in tehsils

हरियाणा की तहसीलों में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से नया सॉफ्टवेयर विकसित किया जा रहा है , इसके लिए 17 अगस्त तक  राज्य में   रजिस्ट्री  बंद कर दी गई है। यह अपने आप में अनोखा और विचित्र मामला है। यदि नए सॉफ्टवेयर का प्रयोग सफल

डेस्कः हरियाणा की तहसीलों में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से नया सॉफ्टवेयर विकसित किया जा रहा है , इसके लिए 17 अगस्त तक  राज्य में   रजिस्ट्री  बंद कर दी गई है। यह अपने आप में अनोखा और विचित्र मामला है। यदि नए सॉफ्टवेयर का प्रयोग सफल रहता है तो पूरे देश में हरियाणा के सुशासन की नई परिभाषा विकसित हो जाएगी, अगर नए  सॉफ्टवेयर में पहले की तरह टुकड़ों में रजिस्ट्री होती रही तो इसका उद्देश्य ही विफल हो जाएगा।

कोई भी व्यक्ति करवा पाएगा कहीं भी रजिस्ट्री
अभी तक तो यह बताया जा रहा है कि राज्य में कोई भी व्यक्ति अपनी संपत्ति की कहीं भी रजिस्ट्री करा सकेगा। इस सॉफ्टवेयर के विकसित होने पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं, इतना रिकॉर्ड कैसे अपडेट होगा । तर्क  दिया जा रहा है कि हुडा   कार्यालयों मे खरीद-फरोख्त से संबंधित लगने वाली हाजिरी अभी तक उसी कार्यालय में जाकर लगानी पड़ती है अभी तक  यह ऑनलाइन   संभव नहीं हो सका तो रजिस्ट्री कैसे हो जाएगी, हुड्डा का कार्यक्षेत्र तो बहुत कम है, मसलन आप गुड़गांव में रहते हैं और आप का प्लाट पंचकूला में है तो आपको पंचकूला जाकर ही हाजिरी लगानी पड़ेगी, प्लाट धारक चाहते हैं कि जहां वह रहते हो वहीं पर हाजिरी लगा सके। 

हो सकता है सरकार की योजना में भविष्य में यह शामिल हो जाए,  परंतु अभी तक तो तहसीलों में भ्रष्टाचार, कुछ अधिकारियों के निलंबन को लेकर राजनीतिक व प्रशासनिक क्षेत्रों में तरह-तरह की चर्चा चल रही है। जिला मुख्यालय पर छोटे-छोटे  पदों की तैनाती में चंडीगढ़ से बड़े बड़े अधिकारियों के फोन आते हैं, तहसील में रजिस्ट्री क्लर्क, ड्राइविंग लाइसेंस क्लर्क, मोटर रजिस्ट्रेशन क्लर्क  आदि सीटें मलाईदार मानी जाती है। नियम तो यह है कि पब्लिक डीलिंग की इन सीटों पर 6 माह से अधिक कोई तैनात रह नहीं सकता, परंतु सिफारिश के कारण सब चलता है, तहसील में रजिस्ट्री क्लर्क भी वही लग सकता है जिसने रेवेन्यू का टेस्ट पास किया हो, परंतु इस मापदंड की भी उपेक्षा होती आ रही है। सिर्फ सिफारिश का खेल चलता हैं।

सुशासन की एक तस्वीर यह भी 
तहसीलदार की पोस्टिंग के लिए राजनीतिक प्रभाव की भूमिका सामान्यता प्रमुख मानी जाती है, मुख्यमंत्री मनोहर लाल   का सरकारी दौरे के दौरान विश्राम गृह में   अपनी बुआ की बेटी से सामना  हो गया, वहां उसे मौजूद देखकर मुख्यमंत्री ने हैरानी व्यक्त की, उपस्थित होने का कारण पूछा तो उसने बताया कि मैं इस कस्बे में तहसीलदार हूं, यह मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र के जिले का छोटा सा कस्बा था। राजनीतिक प्रभाव से दूर एक सामान्य अधिकारी के रूप में यह तैनाती का उदाहरण था।

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