हिन्दुओं का अपमान क्यों कर रहे है राहुल ,अविलंब माफी मांगे: प्रवीण अत्रे

Edited By Isha, Updated: 03 Jul, 2024 08:00 PM

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संसद में राहुल गाँधी के हिन्दुओं पर दिए गए बयान का मामला गहराता जा रहा है। मिडिया सैक्रेटी हरियणा सीएम प्रवीण अत्रे ने कहा की इस प्रकार का बयान देकर उसे वापिस ना लेना विनाशकाले विपरीत बुद्धि को दर्शाता है।

चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी):  संसद में राहुल गाँधी के हिन्दुओं पर दिए गए बयान का मामला गहराता जा रहा है। मिडिया सैक्रेटी हरियणा सीएम प्रवीण अत्रे ने कहा की इस प्रकार का बयान देकर उसे वापिस ना लेना विनाशकाले विपरीत बुद्धि को दर्शाता है। साल 2013 का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा की गृहमंत्री सुशिल कुमार सिंदे ने महाराष्ट्र में  हिन्दुओं को आतंकवादी बताया था। बीजेपी ने इसको लेकर सदन में इसके विरुद्ध आवाज उठाई और उन्हें माफ़ी मांगनी पड़ी थी। राहुल गाँधी हिन्दुओं का अपमान क्यों कर रहे है इसको समझने की जरुरत है। राहुल गाँधी हिन्दुओं को गाली देकर मुस्लिम ध्रुवीकरण कर रहे है। 

राहुल गाँधी की तरफ से इस बयान को आरएसएस और बीजेपी के लिए बताए जाने को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए प्रवीण अत्रे ने कहा की उनका बयान इस प्रकार था की जो अपने आपको हिन्दू कहते है वह हिंसक है। सभी हिन्दू खुद को हिन्दू कहते है। उनके शब्दों से स्पष्ट होता है की उन्होंने हिन्दुओं को हिंसक कहा है। जब उनकी पार्टी के नेताओं ने उन्हें कहा की यह गलत है तब वह इस प्रकार की बहाने बजी कर रहे है। साल 2010 में पी चिदंबरम, 2013 में सुशील कुमार सिंदे ने हिन्दुओं पर सवाल उठाए थे।  वहीँ दिग्विजय सिंह ने हिन्दुओं के लिए भगवा  आतंकवाद शब्द नया ईजाद कर दिया था।

कांग्रेस ऐसा क्यों करती है इसके पीछे सीधे सीधे वोट की राजनीती है। कांग्रेस की सोच है की हिन्दुओं को गाली दो और मुस्लिम खुद साथ खड़े हो जाएंगे। हिन्दू अपनी बेज्जती के बाद भी उन्हें वोट दे देंगे कांग्रेस को ऐसा लगता है। सबसे अधीक निंदनीय कांग्रेस के वे नेता है जो राहुल गाँधी इन शब्दों के बाद भी उन्हें बचाने में लगे है।  उन्होंने कहा की हमारी विरासत है की गुरु गोविन्द सिंह महाराणा प्रताप और छत्रपति शिशिवाजी ने धर्म के लिए परिवार तक को न्योछावर कर दिया। वहीँ कांग्रेस के नेता ऐसे व्यक्ति को डिफेंड करने में लगे है जो हिन्दू धर्म का अपमान कर रहा है। 

हाथरस की घटना को लेकर उन्होंने कहा की वैसे तो यह एक हादसा है और पीड़ितों के साथ पूरी हमदर्दी है। मिडिया के अनुसार जो जानकारी मिली है इससे स्पष्ट है  की इतने बड़े आयोजन में निकासी द्वार प्रयाप्त नहीं था। वहीँ उन्होंने कहा की आयोजकों के साथ साथ कहीं ना कहीं पुलिस प्रशासन की भी लापरवाही रही है की इतने बड़े आयोजन को लेकर व्यवस्था दुरुस्त नहीं रही मुझे यह कहने में कोई गुरेज नहीं है। 

चुनाव के नजदीक योजनाओं की बौछार को लेकर राजनितिक समीक्षकों की तुलना चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा और ओमप्रकाश चौटाला के कार्यकाल से किए जाने को लेकर प्रवीण अत्रे ने कहा की  भूपेंद्र हुड्डा के 10 साल के कार्यकाल की विश्वश्नीयता और स्वीकार्यता जनता में नहीं थी। उस वक्त की सरकार सरकार के लोगों के लिए होती थी जबकि बीजेपी ने वंचित, शोषित और पिछड़े वर्ग के लिए काम किया है। सरकार को आम लोगों के दरवाजे तक पहुँचाया है लोगों में बीजेपी की स्वीकार्यता है। यही कारण है की भूपेंद्र हुड्डा ने जो भी कहा उसपर लोगों ने विश्वास नहीं किया। हुड्डा की सरकार एक विशेष वर्ग और क्षेत्र की सरकार बनकर रही। गरीब शोषित वंचित वर्ग को उनका हक़ नहीं मिला और नौकरियों की बन्दर बाँट हुई। वर्तमान ने बिना पर्ची और खर्ची के योग्यता के आधार पर नौकरिया मिलीं है इसलिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार पर लोगों को भरोसा है की जो घोषणाए की गई है उन्हें पूरा किया जाएगा। 

लोकसभा चुनाव में हुए सींटों के नुकसान को लेकर प्रवीण अत्रि ने कहा की यदि लोकसभा चुनाव का विश्लेषण विधानसभा क्षेत्र के आधार पर किया जाए तो बीजेपी को 44 विधानसभा, कांग्रेस को 42 और आम आदमी को 4 विधानसभाओं में जीत मिली है। इस आधार पर बीजेपी वर्तमान में भी विरोधी दल से आगे है। उन्होंने कहा की 2019 के चुनाव से इस चुनाव में वोटबैंक कहीं ज्यादा रह है। कांग्रेस ने जिस प्रकार से संविधान, महिलाओ के कहते में सालाना राशि दिए जाने जैसी अनेक घोषणाओं से मतदाताओं को भ्रमित करने का काम किया है।

आरक्षण और संविधान के ख़त्म होने की बात वह पार्टी कर रही थी जिसने संविधान का सबसे अधिक अपमान किया और इसे पंगु किया है। कांग्रेस के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उस वक्त सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर आरक्षण के सम्बन्ध में अपनी सोच जाहिर कर चुके थे। उन्होंने अपने पत्र में स्पष्ट कर दिया था की वह आरक्षण के विरोध में है। प्रवीण अत्रे ने कहा की काठ की हांड़ी बार बार नहीं चढ़ती है लोगों को झूठ का पता लग चूका है।


 HKRN कर्मियों के वेतन में बढ़ोतरी 
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की ओर से एचकेआरएन कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी की घोषणा के बाद हर ओर इसकी तारीफ की जा रही है, लेकिन शायद आप ये नहीं जानते कि मुख्यमंत्री ने ये फैसला क्यों और किन हालात में लिया। मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव प्रवीण अत्रे ने इसका खुलासा करते हुए बताया कि एचकेआरएन के कर्मचारियों के वेतन में 8 फीसदी की बढ़ोतरी की घोषणा के बाद से उनके मासिक वेतन में करीब 2 से 3 हजार रुपए की बढ़ोतरी होगी। इसका लाभ तीनों कैटेगिरी के कर्मचारियों को होगा। अत्रे ने बताया कि यह घोषणा मुख्यमंत्री ने अपने निवास पर उस समय की जब एक डेलिगेशन इस मांग को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने उनके निवास पर पहुंचा था। मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों की मांग को सही मानते हुए तुरन्त इसके आदेश दे दिए। उन्होंने बताया कि काफी समय से कर्मचारी अपने वेतन को बढ़ाने की माग कर रहे थे, जिसे एकदम से स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने फैसला लिया है।

मनोहर लाल के काम को आगे बढ़ा रहे सैनी
चीफ मीडिया कॉर्डिनेटर अशोक छाबड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री लगातार जनहितैषी फैसले ले रहे हैं। हर वर्ग को ध्यान में रखकर उत्थान किया जा रहा है। उनका यह फैसला स्वागत योग्य है। हजारों परिवारों को इसका लाभ होगा। छाबड़ा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस मौके पर पुलिस को भी हिदायत दी है कि किसी भी प्रकार के शरारती तत्व, गुंडा तत्व, और नशा तस्करों को बख्शा नही जाना चाहिए। उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। अगर किसी कर्मचारी-अधिकारी की लापरवाही या मिलीभगत पाई गई तो उसे भी बख्शा नही जाएगा। छाबड़ा ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री हरियाणा की कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करके हरियाणवी के जीवन को सुलभ, सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हर किसी के जीवन मे सैनी खुशियों को संजोना चाहते हैं। मनोहर लाल जिस काम को जहां से छोड़कर गए थे, मुख्यमंत्री नायब सिंह उसे आगे बढ़ा रहे हैं।

 

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