हम चाहते हैं कि यह बजट अच्छा हो लेकिन इनसे उम्मीद करना बेमानी होगा: गीता भुक्कल

Edited By Isha, Updated: 07 Mar, 2021 09:04 AM

we want this budget to be good geeta bhukkal

मौजूदा सरकार जनता और जनप्रतिनिधियों का विश्वास पूरी तरह से खो चुकी है। हमारे देश का अन्नदाता 100 दिनों से आंदोलनरत है। 250 किसान शहादत दे चुके हैं। बेरोजगारी दूर करने की बजाय सरकार नौकरियों से छटनी करने पर तुली है। भर्तियों को कैंसल करने का काम किया...

चंडीगढ़(धरणी): मौजूदा सरकार जनता और जनप्रतिनिधियों का विश्वास पूरी तरह से खो चुकी है। हमारे देश का अन्नदाता 100 दिनों से आंदोलनरत है। 250 किसान शहादत दे चुके हैं। बेरोजगारी दूर करने की बजाय सरकार नौकरियों से छटनी करने पर तुली है। भर्तियों को कैंसल करने का काम किया गया। लॉ एंड ऑर्डर का बुरा हाल है। आए दिन प्रदेश में अपराधिक घटनाएं हो रही हैं। बेरोजगार धक्के खा रहे हैं।व्यापारियों के धंधे चौपट हो चुके हैं। लेकिन सरकार अपनी हरकतों से जनता विरोधी नीतियों से बाज नहीं आ रही। इस प्रकार के मुद्दे इस सेशन में हम जोर-शोर से उठाने वाले हैं। यह बात आज पूर्व शिक्षा मंत्री एवं कांग्रेसी विधायक गीता भुक्कल ने पंजाब केसरी से बातचीत के दौरान कही।

  भुक्कल ने कहा कहा 10 तारीख के लिए अविश्वास प्रस्ताव मंजूर हुआ है और हमें उम्मीद है कि बहुत सारे साथी जो सरकार को समर्थन दिए हुए हैं। किसानों के इस मुद्दे पर कांग्रेस का साथ देंगे। उन्होंने कहा कि जो जेजेपी 75 फ़ीसदी हरियाणा के युवाओं को प्राइवेट सेक्टर में नौकरियां देने के बिल पर पीठ थपथपा रही है। यह जेजेपी उस समय भी यहीं पर थी। जब बिजली बोर्ड के एसडीओ की भर्ती में 80-85 फ़ीसदी से ज्यादा बाहर के लोगों को लगाया गया। इस सरकार ने स्थाई निवास प्रमाण पत्र में 15 साल की बजाय 5 साल का निवासी होने का जो कानून बनाया। यह प्रदेश के लोगों के लिए बहुत घातक है। आज इस प्रदेश से बेरोजगारी के कारण लाखों लोग दूसरे प्रदेशों में पलायन कर रहे हैं। करीब 18 लाख लोग प्रदेश को छोड़कर चले जा चुके हैं। समाल और मीडियम इंडस्ट्री के लिए सरकार ने लोन देने की बात कही। लेकिन केवल घोषणा साबित हुआ। जो 75 फ़ीसदी हरियाणा के युवाओं को नौकरी देने के बिल से पहले सरकार को विशेषज्ञों और व्यापारियों से बातचीत करनी चाहिए थी।

 उन्होंने कहा कि महामहिम राज्यपाल के अभिभाषण में उन्होंने सरकार की कोई भी उपलब्धि दिलवाने का काम नहीं किया। कोरोना की आड़ में जो घपले और घोटाले इस सरकार ने किए। शिक्षा का अधिकार का हनन किया गया। शराब रजिस्ट्री, पोस्ट मैट्रिक और धान घोटाला सुर्खियों में रहा। इसकी चर्चा सब लोग करते तो महामहिम राज्यपाल ने इसे पढ़ा हुआ मान लिया, यह कह दिया गया। बहुत से कर्मचारियों की तनख्वाह नहीं मिली है। कृषि प्रधान देश प्रदेश में किसानों की बात नहीं सुनी जा रही। कोरोना काल में स्मार्टफोन और टेबलेट देने की बात कही गई। लेकिन दिए नहीं गए। रसोई गैस, पेट्रोल, डीजल बहुत महंगा कर दिया गया। इस सरकार से पहले स्वास्थ्य सेवाओं में शिक्षा के क्षेत्र में हरियाणा नंबर वन था। स्कूल-कॉलेज, यूनिवर्सिटी, पॉलिटेक्निकल-इंजीनियरिंग कॉलेज, आईटीआई इन्होंने बंद किए। यह बजट अगर प्रदेश को कर्जे में डुबोने के लिए आया तो वह गलत होगा। अगर प्रदेश का पैदा होने वाला बच्चा भी कर्जे नीचे दबा पैदा हो तो बहुत अजीब स्थिति होगी। इस सरकार ने एक्सीडेंटल स्कीम को खत्म किया। हम चाहते हैं कि यह बजट अच्छा हो लेकिन इनसे उम्मीद करना बेमानी होगा। हम इस जनता के दरबार में इन मुद्दों को बहुत प्रमुखता से उठाएंगे।

 

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