Edited By Manisha rana, Updated: 15 Dec, 2023 02:48 PM
सदन में अभय चौटाला ने गृह मंत्री अनिल विज और CMO विवाद का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इस विवाद का खामियाजा हरियाणा के लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
चंडीगढ़ (धरणी) : हरियाणा विधानसभा का तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र सुबह 11 बजे शुरू हो गया। सदन में सबसे पहले शोक प्रस्ताव रखा गया। इसके बाद प्रश्न काल शुरू हुआ। शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन से कांग्रेस ने वॉकआउट किया। जहरीली शराब पर मौतों के मामले में एडजोरन मेन्ट मोशन मंजूर न होने पर नेता प्रतिपक्ष भूपिंद्र सिंह हुड्डा व स्पीकर ज्ञान चन्द गुप्ता में तीख़ी नोक झोंक हुई।
इस दौरान सीएम मनोहर लाल ने एक सवाल को 47 साल पुराना बताया। वहीं रेलवे अंडर पास पर विपक्ष ने हंगामा किया। सदन ने मुख्यमंत्री ने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि 1976 से पहले गजेटेड और नॉन गजेटेड के बिल निकालने का अलग नियम था।
अभय ने उठाया विज-CMO विवाद
सदन में अभय चौटाला ने गृह मंत्री अनिल विज और CMO विवाद का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इस विवाद का खामियाजा हरियाणा के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। पुलिस विभाग में 21000 से ज्यादा और स्वास्थ्य विभाग में 14000 से ज्यादा पद खाली हैं। 9 साल में भ्रष्टाचार और महंगाई बढ़ी है। बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। आलम यह है कि शिक्षा विभाग में 71000 से ज्यादा पद रिक्त चल रहे हैं।
विज ने किया बड़ा ऐलान
हरियाणा के चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री अनिल विज ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री ने 1 फरवरी 2019 को अपने बजट भाषण में हरियाणा राज्य में देश के 22वें एम्स की स्थापना की घोषणा की थी और जल्द ही हरियाणा में एम्स का शिलान्यास किया जाएगा।
प्रश्नकाल के दौरान डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने दी जानकारी
- रेलवे लाइन पर बने आरयूबी को कवर करने के लिए सरकार ने बनाई पॉलिसी
- प्रदेश में सभी आरयूबी पर बनेंगे शेड
- बरोदा हलके के सात में से छह अंडरपासों को रेलवे ने टेकअप कर लिया है
- पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा खोदे गए गड्ढों को मौजूदा सरकार भरने का काम कर रही
- डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने एक सदस्य द्वारा विधानसभा में सवाल दोहराने पर जताई आपत्ति
- मानसून सत्र में भी उठाया गया था यही प्रश्न
तीन दिवसीय विंटर सेशन में प्रदेश के अपने राज्यगीत को मंजूरी मिलेगी। इसके अलावा सेशन में 4 महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए जाएंगे। इनमें हुक्का परोसने, कबूतरबाजी जैसे विधेयक शामिल हैं। चूंकि सेशन चुनावी साल का है इसलिए विपक्षी दल राज्य के मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने का प्रयास करेंगे। इस दौरान सत्ता पक्ष के जबाव से जबरदस्त हंगामे के आसार हैं। विपक्षी दल राज्य में जहरीली शराब कांड, फसल मुआवजा और बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा।
सत्ता पक्ष की ओर से CM करेंगे सामना
सेशन में विपक्षी दलों के हमले का सामना मुख्यमंत्री मनोहर लाल खुद करेंगे। कल प्रेसवार्ता में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा था कि सरकार के खिलाफ विपक्ष के पास कुछ भी नहीं है। हम कमजोर नहीं हैं। हर सवाल का ठोस जवाब दिया जाएगा। इसको लेकर कल देर रात मुख्यमंत्री मनोहर लाल अपने कैबिनेट मंत्रियों के साथ मंत्रणा कर विपक्ष के खिलाफ रणनीति बनाई। वहीं प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने भी सरकार को घेरने के लिए कल विधायक दल की मीटिंग में रणनीति बना चुकी है।
विधानसभा सचिवालय पहुंचे सिर्फ दो बिल
शीत सत्र के दौरान सरकार चार बिल पेश कर सकती है। इनमें होटल-रेस्टोरेंट में हुक्का बार परोसने वालों पर कड़ी कार्रवाई, मृत शरीर सम्मान विधेयक 2023, कबूतरबाजी पर शिकंजा और निजी विश्वविद्यालय से संबंधित बिल शामिल हैं। हालांकि गुरुवार तक विधानसभा सचिवालय के पास सिर्फ दो बिल पहुंचे थे। राज्य सरकार विधानसभा कार्यालय के पास 15 दिसंबर तक बिल भेज सकती है। ऐसे में आसार जताए जा रहे हैं कि बाकी बिल आज विधानसभा सचिवालय पहुंच जाएंगे।
काम रोको प्रस्ताव की नहीं मिली मंजूरी
विधानसभा सत्र के दौरान कुल 60 तारांकित प्रश्न सत्र की कार्यवाही का हिस्सा बनेंगे। वहीं, 156 अतारंकित प्रश्न पूछे गए हैं। 49 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव व एक अल्पअवधि प्रस्ताव की सूचना प्राप्त हुई है। एक काम रोको प्रस्ताव भी विधानसभा सचिवालय के पास पहुंचा था। विधानसभा सचिवालय ने अभी तक सिर्फ दो ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
हुक्का परोसने पर 10 साल तक होगी कैद
हुक्का परोसने वालों पर शिकंजा कसने के लिए सरकार शीतकालीन सत्र में बिल ला रही है। इसके तहत यदि होटल, बार और रेस्त्रां में हुक्का परोसा तो आरोपियों पर एक लाख से लेकर दस लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ गैरजमानती धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की जाएगी। गांव व चौपालों में पारंपरिक हुक्के को इसमें छूट दी गई है।
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