Edited By Deepak Paul, Updated: 10 Jan, 2019 10:51 AM
देश में इस समय जो अवैध हथियार मिल रहे हैं उनमें से अधिकतर हथियार उत्तर प्रदेश से खरीद कर लाए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, कैराना, मेरठ और शामली में बने अवैध हथियार सबसे ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं। वहीं मध्य प्रदेश के मुंगेर से भी प्रदेश...
भिवानी(मोटू): प्रदेश में इस समय जो अवैध हथियार मिल रहे हैं उनमें से अधिकतर हथियार उत्तर प्रदेश से खरीद कर लाए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, कैराना, मेरठ और शामली में बने अवैध हथियार सबसे ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं। वहीं मध्य प्रदेश के मुंगेर से भी प्रदेश में अवैध हथियार या तो सप्लाई हो रहे हैं या उन्हें प्रदेश के युवा खुद खरीद कर ला रहे हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अकेले भिवानी जिले में पिछले 5 साल में शस्त्र अधिनियम के तहत 419 मुकद्दमे दर्ज कर उन्हें रखने के आरोप में जिले के 551 युवा जेल की हवा खा चुके हैं। इन युवाओं के पास जो हथियार मिले हैं वे 95 प्रतिशत उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से ही खरीद कर लाए गए हैं।
देसी कट्टे बने हुए हैं पहली पसंद
इन अवैध हथियारों में युवाओं के लिए देसी कट्टे पहली पसंद बने हुए हैं। इसका कारण यह है कि ये कट्टे 4 हजार रुपए में मिलने शुरू हो जाते हैं और अधिकतम 10 हजार रुपए में अच्छी क्वालिटी के कट्टे मिल जाते हैं। दूसरे नंबर पर रिवॉल्वर को पसंद किया जाता है। इनकी रेंज 20 हजार से शुरू होकर 30 हजार तक होती है। इसके बाद तीसरे नंबर पर मैग्जीन वाले पिस्तौल होते हैं। इनकी कीमत 35 हजार से शुरू होकर 50 हजार तक होती है। वहीं गन और राइफल 20 हजार रुपए से नीचे की कीमत में ही मिल जाती हैं।
प्रदेश में हर साल बढ़ रही है अवैध हथियार रखने वाले युवाओं की संख्या
यहां बता दें कि प्रदेश भर में अवैध हथियार रखने वाले युवाओं की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है। हालांकि पुलिस इनको गिरफ्तार कर जेल की हवा भी खिलाती है लेकिन इस तरह के युवाओं की संख्या में कमी नहीं आ रही। जब पुलिस इन युवाओं से इन हथियारों को खरीदने के बारे में पूछताछ करती है तो वे खुलासा करते हैं कि इनको वे उत्तर प्रदेश से खरीद कर लाए हैं या उत्तर प्रदेश के लोगों से ये हथियार खरीदे हैं।
कोई शौक के लिए तो कोई रंजिश के चलते खरीद रहा ये हथियार
अगर जिले में इन हथियारों के साथ पकड़ में आए युवाओं के खुलासे पर नजर डाली जाए तो वे शौक और अपने क्षेत्र में नाम की दहशत फैलाने के लिए इस तरह के हथियार खरीद कर लाए थे। इसके अलावा कुछ युवा दूसरे गुट से रंजिश रखने व हत्या के इरादे से इन हथियारों को खरीद कर लाए थे। इस तरह के 7 मामलों में जिला पुलिस ने 9 युवकों को अवैध हथियारों सहित गिरफ्तार किया था जो किसी दूसरे की हत्या के लिए हथियार खरीद कर लाए थे।
यह बोले सी.आई.ए. इंचार्ज
इस मामले में पिछले 2 साल से सी.आई.ए. का चार्ज संभाले हुए इंस्पैक्टर रविंद्र कुमार ने बताया कि अवैध हथियारों सहित पकडऩे के मामले सी.आई.ए. द्वारा ही ज्यादा किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि अकेले भिवानी ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, कैराना, मेरठ और शामली के अलावा मध्य प्रदेश के मुंगेर से इस तरह के अवैध हथियार सप्लाई होते हैं। उन्होंने कहा कि अगर वहां की पुलिस इस तरह के अवैध हथियार बनाने वाले लोगों पर शिकंजा कस ले तो इनकी संख्या अपने आप कम हो जाएगी।
जिले में पिछले 5 साल में यह रहा अवैध हथियारों सहित पकडऩे का रिकार्ड
साल केस दर्ज गिरफ्तार युवक बरामद हथियार
2014 115 141 105 कट्टे, 9 रिवॉल्वर, 7 गन
2015 120 120 85 कट्टे, 3 रिवॉल्वर, 2 गन
2016 92 122 84 कट्टे, 2 रिवॉल्वर, 8 गन
2017 59 83 66 कट्टे, 2 रिवॉल्वर, 3 गन, 1 राइफल
2018 71 85 64 कट्टे, 4 रिवॉल्वर, 3 गन, 1 राइफल