Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 02 Jul, 2025 08:31 PM

व्यवसाय का पंजीकरण कराने के नाम पर रिश्वत मांगने पर एंटी क्रप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने श्रम विभाग के इंस्पेक्टर सहित दो कर्मचारियों पर केस दर्ज किया है। आरोपियों ने व्यवसाय पंजीकरण आवेदन को मंजूरी देने की एवज में पांच हजार रुपए मांगे थे जबकि 3,500 रुपए...
गुड़गांव, (ब्यूरो): व्यवसाय का पंजीकरण कराने के नाम पर रिश्वत मांगने पर एंटी क्रप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने श्रम विभाग के इंस्पेक्टर सहित दो कर्मचारियों पर केस दर्ज किया है। आरोपियों ने व्यवसाय पंजीकरण आवेदन को मंजूरी देने की एवज में पांच हजार रुपए मांगे थे जबकि 3,500 रुपए नकद भी लिए जाने का आरोप है।
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दरअसल, शिकायतकर्ता नवीन कुमार ने दिसंबर 2023 में एसीबी को शिकायत दी थी कि क्वेरियन एजुकेशन अब्रॉड नामक एक प्राइवेट कंपनी ने अपने वाणिज्यिक प्रतिष्ठान के पंजीकरण के लिए श्रम विभाग के पोर्टल पर पांच बार आवेदन किया थाए लेकिन हर बार श्रम निरीक्षक मनोज कुमार ने बिना किसी वैध कारण के आवेदन को खारिज कर दिया। जबकि सभी आवश्यक दस्तावेज़ जमा करने और पूरा सरकारी शुल्क अदा करने के बावजूद आवेदन बार-बार अस्वीकार कर दिया गया। जिसके बाद 21 सितंबर 2023 को नवीन कुमार श्रम विभाग कार्यालय, गुरुग्राम गया तो मनोज कुमार ने उससे कहा कि सरकारी शुल्क कम जमा करने के चलते आवेदन कैंसिल किया गया है।
नवीन ने पूरा शुल्क जमा करने की रसीद दिखाई तो मनोज ने उसे फिर से आवेदन करने और व्यक्तिगत रूप से मिलने को कहा। नवीन ने पोर्टल पर फिर से आवेदन किया। जिसके लिए मनोज कुमार और क्लर्क अंकित कुमार ने आवेदन को मंजूर करने के लिए पांच हजार रुपए की रिश्वत मांगी और 22 सितंबर 2023 को 3,500 रुपए नकद ले लिए। नवीन ने तमाम बातचीत की रिकॉर्डिंग कर ली। इस रिकॉर्डिंग को उसने एसीबी अधिकारियों को सौंप दी। जांच के दौरान आरोपियों की वॉइस सैंपल लेकर मधुबन की फॉरेंसिक लैब में भेजी गई, जहां यह उनकी आवाज़ से मेल खा गई। जिसके बाद अप्रैल 2025 में एसीबी ने अपनी रिपोर्ट अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक को भेजी और एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की। जिसके बाद एसीबी ने इंस्पेक्टर व क्लर्क पर केस दर्ज कर कार्रवाई शुरु कर दी।