इस बार शिव योग में होगा करवाचौथ, वास्तु सलाहकार व ज्योतिषाचार्य अनुसार व्रत का रहेगा यह समय

Edited By Manisha rana, Updated: 02 Nov, 2020 09:36 AM

this time there will be karvachauth in this yoga

करवाचौथ चार नवंबर को होगा। यह इस बार शिव योग में होगा। महिलाएं इस दिन व्रत रख अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। शिव योग में करवाचौथ उनके सुहाग के लिए खास होगा...

पलवल (ब्यूरो) : करवाचौथ चार नवंबर को होगा। यह इस बार शिव योग में होगा। महिलाएं इस दिन व्रत रख अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। शिव योग में करवाचौथ उनके सुहाग के लिए खास होगा। शहर की जानी मानी वास्तु सलाहकार व ज्योतिषाचार्य डॉ अंजलि जैन ने बताया कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवाचौथ मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं यह व्रत अपने पति के प्रति समर्पित होकर उनके लिए उत्तम स्वास्थ्य, दीर्घायु व जन्म जन्मांतर तक दोबारा पति के रूप में प्राप्त करने के लिए मंगल कामना करती हैं।

इस दिन मिट्टी के करवा में जल भरकर पूजा में रखना बेहद शुभ होता है और इसी से रात्रि में चंद्रमा को अर्ध्य दिया जाता है। कुंवारी लड़कियां भी अच्छे वर के लिए इस दिन व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती है और रात को चांद देखकर उसे आर्ध्य  देकर व्रत खोलती है। मां पार्वती महिलाओं को सदा सुहागन होने का वरदान देती हैं। दंपति के लिए यह व्रत बहुत खास रहता है। इस दिन के लिए पहले से ही तैयारियां चल रही है।

करवाचौथ पूजा का शुभ मुहूर्त : डॉ अंजलि जैन ने बताया कि चार नवंबर को शाम 4:10 से शाम 5:32 तक लाभ चौघडिया में करवाचौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त है। व्रत रखने के लिए 13 घंटे 20 मिनट का समय है। प्रात: 6: 50 से रात 8:10 बजे तक करवाचौथ का व्रत रखना होगा।

करवाचौथ को चंद्रमा उदय का समय : चंद्रमा इस पूजा और व्रत के केंद्र में हैं। व्रत रखने वाली महिलाएं चंद्रमा को जल चढ़ाने के बाद ही अपने जीवन साथी के हाथ से जल ग्रहण करती हैं। चंद्रोदय का समय रात्रि 8:10 बजे है।

करवाचौथ व्रत की विशेष विधि
. करवाचौथ का व्रत और पूजन उत्तम विधि से करने पर महिलाओं को कई गुना लाभ मिलेगा।
. सूर्योदय से पहले स्नान करके व्रत रखने का संकल्प लें।
. संपूर्ण शिव परिवार की स्थापना करें।
. गणेश महाराज को पीले फूलों की माला, लड्डू और केले चढ़ाएं।
. भगवान शिव और पार्वती को बेलपत्र व श्रृंगार की वस्तु अर्पित करें।
. उनके सामने मोगरा या चंदन अगरबत्ती और शुद्ध घी का दीपक जलाएं।
. मिट्टी के करवे पर रोली से स्वास्तिक बनाऐ।
. करबे में दूध जल और गुलाब जल मिलाकर रखें और रात को छलनी के प्रयोग से चंद्र दर्शन करें और चंद्रमा को अर्ध्य दें।
. महिलाएं सोलह श्रृंगार अवश्य करें, इससे सौंदर्य बढ़ता है।
. इस दिन करवाचौथ की कथा कहनी या फिर सुननी चाहिए।

महिलाएं यह करें :
करवे पर 13 बिंदी रखें और गेहूं व चावल के 13 दाने हाथ में लेकर करवाचौथ की कथा कहें या  सुने। कथा सुनने के बाद करवे पर हाथ घुमाकर सास के पैर छूकर आशीर्वाद लें और करवा उन्हें दे दें। 13 दाने गेहूं के और पानी का लोटा या करवा अलग रख ले।

ऐसे दें चंद्रमा को अर्घ्य :
चंद्रमा निकलने के बाद छलनी की ओट से उसे देखें और चंद्रमा को अर्घ्य दें। इसके बाद पति से आशीर्वाद ले। उन्हें भोजन कराएं और स्वयं भी भोजन कर ले।

 

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