Edited By Isha, Updated: 19 Jun, 2022 03:52 PM
31 वार्डों वाली जींद नगर परिषद के प्रधान पद के लिए रविवार को हुए मतदान के दौरान मतदान केंद्रों के बाहर प्रत्याशियों के बेरौनक बूथों ने प्रत्याशियों के दिलों की धडक़नें पहले से तेज कर दी। मतदाताओं ने खुद को कतई एक्सपोज नहीं किया और साइलैंट वो
जींद : 31 वार्डों वाली जींद नगर परिषद के प्रधान पद के लिए रविवार को हुए मतदान के दौरान मतदान केंद्रों के बाहर प्रत्याशियों के बेरौनक बूथों ने प्रत्याशियों के दिलों की धडक़नें पहले से तेज कर दी। मतदाताओं ने खुद को कतई एक्सपोज नहीं किया और साइलैंट वोटिंग की। अब साइलैंट वोटिंग से ऊंट किस करवट बैठेगा, इसका पता 22 जून को मतगणना के बाद ही चल पाएगा।
प्रधान पद के चुनाव का प्रचार 31 वार्डों में पार्षदों के चुनावी प्रचार पर भारी पड़ा था। इसे देखते हुए रविवार को उम्मीद यह थी कि मतदान के दौरान मतदान केंद्रों के बाहर प्रधान और पार्षद पद के प्रत्याशियों के बूथों पर समर्थकों से लेकर वोट के लिए स्लिप बनवाने वालों की भारी भीड़ जुटेगी। इस तरह की उम्मीदों पर रविवार सुबह ही पानी फिरना शुरू हो गया था। सुबह मतदान शुरू हुआ तो मतदान केंद्रों के बाहर पार्षद पद के प्रत्याशियों के बूथों पर तो लोगों की भीड़ नजर आ रही थी लेकिन प्रधान पद के प्रत्याशियों के बूथ वीरान से पड़े थे। इन पर केवल प्रत्याशियों के वह कार्यकर्ता जमे हुए थे, जिनकी ड्यूटी प्रत्याशियों ने लगाई थी। मतदाता वोट डालने के लिए अपनी स्लिप बनवाने की खातिर बड़ी संख्या में पार्षद पद के प्रत्याशियों के बूथों पर जा रहे थे। प्रधान पद के प्रत्याशियों के बूथों पर एकाध मतदाता ही मतदान की स्लिप बनवाता नजर आ रहा था। इस तरह की स्थिति डिफैंस कालोनी के सरकारी स्कूल के मतदान केंद्र से लेकर डीएवी स्कूल के मतदान केंद्र, राजकीय महिला कालेज, राजकीय कालेज, हिंदू कन्या कालेज, गोपाल विद्या मंदिर स्कूल, जाट स्कूल, रेलवे जंक्शन के सरकारी स्कूल तक के तमाम मतदान केंद्रों पर पूरा दिन बनी रही।
नप प्रधान का चुनाव पहली बार जनता ने सीधे किया है। इसे देखते हुए यह लग रहा था कि मतदान के दौरान प्रधान पद के प्रत्याशियों के बूथों पर जबरदस्त गहमागहमी रहेगी लेकिन रविवार को ऐसा कहीं नजर नहीं आया। चूंकि प्रधान पद के चुनाव में कहीं राजनीतिक दल के नाम पर वोट मांगी गई थी तो कहीं भाईचारे और बिरादरी के नाम पर चुनाव लड़ा जा रहा था, लिहाजा मतदाता खुद को एक्सपोज करने से रविवार को मतदान के दौरान साफ बचते नजर आए। प्रधान पद के लिए कौन किसे वोट दे रहा है, इसकी भनक तक मतदाता नहीं लगने दे रहे थे। नप प्रधान के लिए हुए चुनाव में ज्यादातर मतदाताओं ने साइलैंट वोटिंग की और इस साइलैंट वोटिंग ने ही प्रधान पद के चुनावी समर में उतरे तमाम प्रत्याशियों के दिलों की धडक़नें बढ़ा दी। साइलैंट वोटिंग ने उन लोगों को भी उलझा दिया, जो वोटिंग का ट्रैंड देखकर यह अनुमान लगाते थे कि चुनाव में किसका पलड़ा भारी है। इस तरह की साइलैंट वोटिंग प्रधान पद के चुनावी समर में उतरे प्रत्याशियों में से किसी के भी समीकरण बना सकती है और किसी के भी बिगाड़ सकती है। साइलैंट वोटिंग ने किसके समीकरण बनाए और किसके बिगाड़े, यह अब 22 जून को मतगणना के दौरान ही साफ हो पाएगा।
रविवार को नगर परिषद प्रधान और पार्षदों के चुनाव के लिए मतदान संपन्न होने के बाद मतगणना 22 जून को होगी। 20 और 21 जून के 2 दिन प्रत्याशियों से लेकर उनके समर्थकों के लिए चुनावी नतीजे के इंतजार में बहुत परेशानी भरे होंगे। प्रत्याशियों और उनके समर्थकों की 2 दिन तक नींद उड़ी रहेगी। इसी बीच प्रत्याशियों की हार और जीत को लेकर इन 2 दिनों में शर्तें लगाने का बाजार और चमकेगा। मतदान के बाद चुनावी नतीजों को लेकर शर्तें ज्यादा लगती हैं। मतगणना 2 दिन बाद होने के कारण लोग जमकर शर्त लगाएंगे। इनमें शर्त कौन जीतता है और कौन हारता है, इसका पता 22 जून को दोपहर तक लग पाएगा।