Edited By Isha, Updated: 20 Oct, 2019 10:37 AM
चंडीगढ़ की जंग जीतने के लिए अब चुनाव में महज एक दिन का वक्त और रह गया है। शनिवार शाम को चुनावी शोरगुल पूरी तरह से शांत हो गया। इन सबके बीच ज्यादातर प्रत्याशियों की नजरें अब जातीय ठेकेदारों
चंडीगढ़ (पांडेय): चंडीगढ़ की जंग जीतने के लिए अब चुनाव में महज एक दिन का वक्त और रह गया है। शनिवार शाम को चुनावी शोरगुल पूरी तरह से शांत हो गया। इन सबके बीच ज्यादातर प्रत्याशियों की नजरें अब जातीय ठेकेदारों व रूठों को मनाने की ओर लग गई हैं। अब प्रत्याशियों को वोटरों से मिलने वाले असली आशीर्वाद की चिंता सता रही है।
प्रत्याशियों के दरबार में सबसे ज्यादा अहमियत जातीय ठेकेदारों को मिल रही है जो एकमुश्त वोट दिलवाने का दावा कर रहे हैं। फिलहाल अंतिम समय में अब हर कोई अपने-अपने स्तर पर जोड़-तोड़ करने में तल्लीन है। हरियाणा विधानसभा चुनाव का आगा जनवरात्र के शुभ दिनों से हुआ था। सभी प्रत्याशियों ने देवी की पूजा-अर्चना के साथ ही नामांकन प्रक्रिया पूरी कर चुनावी यात्रा की शुरूआत की थी।
धार्मिक भावना रखने वाले प्रत्याशियों के लिए नवरात्र का 9 दिन बेहद लाभकारी रहा। नवरात्र के दिनों में आमतौर से अधिकांश प्रत्याशियों की दिनचर्या पूजा पाठ के साथ ही शुरू होती रही है, लेकिन अब चुनाव की आखिरी घड़ी में देवी-देवताओं के साथ ही मतदाताओं की पूजा शुरू हो गई है। प्रत्याशियों के समर्थकों का कहना है कि देवी-देवता से तो जीत की मन्नत मांग ली गई है, लेकिन अब असली मन्नत तो वोटरों की करनी है। मसलन चुनाव के आखिरी एक दिन में अब हर प्रत्याशी साम, दाम, दंड और भेद के साथ किला फतेह करने में जुट गया है।